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छात्र नेता से केंद्रीय मंत्री बनने तक ऐसा रहा नितिन गडकरी का सफ़र

संघ के करीबी कहे जाने वाले नितिन गडकरी 1995 में पहली बार महाराष्ट्र में शिवसेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए. वो इस कार्यकाल में चार साल तक मंत्री पद पर रहे. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में महारत रखने वाले नितिन गडकरी महाराष्ट्र में बेहतरीन सड़कें बनाने के लिए भी जाने जाते हैं.

केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी नागपुर से चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी नागपुर से चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं.
आदित्य बिड़वई
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

मोदी सरकार में यदि सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों की गिनती की जाए तो उनमें केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का नाम सबसे ऊपर आता है. इस बार लोकसभा चुनाव में वो अपनी पारंपरिक नागपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. उन्होंने हाल ही में नामांकन भी दाखिल किया है.

2014 के लोकसभा चुनाव में नितिन गडकरी ने नागपुर से ही जीत दर्ज की थी. इस बार उनका मुकाबला बीजेपी से कांग्रेस में आए नाना पटोले से माना जा रहा है.

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नितिन गडकरी के राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने 1976 में नागपुर यूनिवर्सिटी में भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. बाद में वे 23 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने.

संघ के करीबी कहे जाने वाले नितिन गडकरी 1995 में पहली बार महाराष्ट्र में शिवसेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए. वो इस कार्यकाल में चार साल तक मंत्री पद पर रहे. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में महारत रखने वाले नितिन गडकरी महाराष्ट्र में बेहतरीन सड़कें बनाने के लिए भी जाने जाते हैं.

यही वजह है कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे उन्हें रोडकरी कहते थे. मोदी सरकार में भी सड़क परिवहन मंत्रालय की कमान संभालने के बाद उन्होंने कई बड़े प्रोजेक्ट्स को मुकाम तक पहुंचाया.  

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सफल उद्यमी भी हैं गडकरी...

नागपुर में जन्मे नितिन गडकरी ब्राह्मण परिवार से आते हैं. वो कॉमर्स में स्नातकोत्तर हैं और उन्होंने कानून व बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की है. वैसे तो नितिन गडकरी के बारे में कहा जाता है कि वो कभी अपना भविष्‍य एक राजनेता के तौर पर नहीं देखते थे. लेकिन समय के साथ वो राजनीति में आ गए.

नितिन गडकरी की एक छवि इनोवेटिव मंत्री के तौर पर भी होती रही है. क्योंकि वॉटर मैनेजमेंट, सोलर एनर्जी प्रोजेक्‍ट हो या फिर एग्रीकल्चर इनोवेशन गडकरी आधुनिक तरीकों से उद्योग स्थापित करने के लिए जाने जाते रहे हैं.

गडकरी कब-कब जीते चुनाव...

- नितिन गडकरी 1989 में पहली बार विधान परिषद के लिए चुने गए.

- इसके बाद पिछले 20 वर्षों से विधान परिषद के सदस्य हैं.

- वो आखिरी बार 2008 में विधान परिषद के लिए चुने गए.

- वे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रहे हैं.

- इसके अलावा 2001 में भारतीय जनता पार्टी के नौंवें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए.

- 52 की आयु में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बनने वाले नितिन गडकरी इस पार्टी के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष थे.

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