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गठंबधन प्रत्याशी अतुल राय को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि निचली अदालत में पेशगी जमानत के लिए हाईकोर्ट में यायिका क्यों नहीं दाखिल की. कोर्ट के इस सवाल पर अतुल राय ने कहा कि गिरफ्तारी पर रोक की अर्जी हाईकोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है.

गठंबधन प्रत्याशी अतुल राय को राहत नहीं गठंबधन प्रत्याशी अतुल राय को राहत नहीं
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2019,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST

उत्तर प्रदेश के घोसी लोकसभा क्षेत्र से महागठबंधन के प्रत्याशी अतुल राय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. अतुल राय पर  रेप का आरोप है. अतुल राय की जमानत याचिका पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट खारिज कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि निचली अदालत में पेशगी जमानत के लिए हाईकोर्ट में रिट दाखिल करें.

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सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि निचली अदालत में पेशगी जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका क्यों नहीं दाखिल की. कोर्ट के इस सवाल पर अतुल राय ने कहा कि गिरफ्तारी पर रोक की अर्जी हाईकोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट अतुल राय की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई को तैयार है. सुप्रीम कोर्ट अतुल राय के केस की सुनवाई 17 मई को करेगा.

अतुल राय पर रेप, धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है.  महागठबंधन प्रत्याशी का कहना है कि यह एफआईआर राजनीतिक रूप से प्रेरित है. अगर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है तो वे 2019 के लोकसभा चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगे.

क्या है पूरा मामला?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अतुल पर अप्रैल में वाराणसी में पढ़ने वाली एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि अतुल राय अपनी पत्नी से मिलाने का बहाना करके छात्रा को घर ले गए और वहां उसके साथ दुराचार किया. अतुल राय ने इन आरोपों का खंडन किया लेकिन 1 मई को केस दर्ज कर लिया गया.

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घोसी का चुनावी गणित

2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पहली बार इस सीट से जीत हासिल की. बीजेपी के उम्मीदवार हरिनारायण राजभर ने बसपा के दारा सिंह चौहान को हराकर अपनी पार्टी के लिए यहां से खाता खोला. 2011 जनगणना के आधार पर घोसी संसदीय क्षेत्र में आने वाली घोसी तहसील की बात की जाए तो यहां की आबादी 4.7 लाख है  इसमें से 77 फीसदी आबादी सामान्य वर्ग के लोगों की है. इसके अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी क्रमशः 21 फीसदी और 1 फीसदी है. घोसी में ज्यादातर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है.

धर्म के आधार पर देखा जाए तो इस क्षेत्र में 87.29 फीसदी लोग हिंदू हैं तो 12.41 फीसदी लोग मुस्लिम समुदाय से हैं. महागठबंधन की नजर इस संसदीय सीट पर रही है और सपा-बसपा गठबंधन के बाद पार्टी मानकर चल रही थी कि यह सीट उनके पाले में जा रही है. लेकिन वोटिंग से ठीक पहले सामने आए इस मामले के बाद परिस्थितियां अलग है. गठबंधन के नेता इस बात से परेशान हैं कि कहीं इस चुनाव में बाजी दूसरी पार्टी के पाले में न चली जाए.

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