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कुंभनगरी में परम धर्म संसद का फैसला, 21 फरवरी से शुरू होगा राम मंदिर निर्माण

प्रयागराज में चल रहे परम धर्म संसद में 21 फरवरी, 2019 को राम मंदिर के लिए आधारशिला रखने का प्रस्ताव पारित किया गया. इस परम धर्म संसद को जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने बुलाया था.

प्रयागराज में चल रहे परम धर्म संसद में अहम फैसला (फोटो-ट्विटर) प्रयागराज में चल रहे परम धर्म संसद में अहम फैसला (फोटो-ट्विटर)
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • प्रयागराज,
  • 30 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 7:52 PM IST

जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा बुलाई गई परम धर्म संसद में बुधवार को राम मंदिर निर्माण को लेकर अहम फैसला लिया गया. परम धर्म संसद में 21 फरवरी, 2019 को राम मंदिर के लिए आधारशिला रखने का प्रस्ताव पारित किया गया. इसके लिए साधु सन्यासी अयोध्या की ओर कूच करेंगे. परम धर्म संसद पिछले तीन दिनों से प्रयागराज में चल रही थी. बुधवार को पूरे दिन राम मंदिर निर्माण पर चर्चा हुई और चर्चा के बाद प्रस्ताव लाया गया. इस प्रस्ताव में कहा गया कि 21 फरवरी को राम मंदिर निर्माण शुरू होगा. मंदिर निर्माण का जिम्मा साधु-संतों के कंधों पर होगा.

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इस दौरान शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने यह भी कहा कि अयोध्या में मस्जिद नहीं, मंदिर तोड़ा गया था. उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जन्मभूमि छोड़कर दूसरी जगह मंदिर निर्माण की साजिश रची जा रही है. नरसिंह राव ने कहा था कि जिनसे जमीन ली वो लौटाई नहीं जाएगी. हम अयोध्या जाकर जन्मभूमि में मंदिर का शिलान्यास करेंगे.

इन चार शिलाओं का होगा शिलान्यास

यह परम धर्मादेश स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पढ़ा. इसके अनुसार, राम मंदिर के लिए शांति पूर्ण और अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया जाएगा. अयोध्या में 21 फरवरी को शिलान्यास करने की तिथि निश्चित की गई. रोके जाने पर गोली खाने को भी संत तैयार हैं. राम मंदिर के निर्माण के लिए जमीन न सौंपे जाने तक जेल जाने का आंदोलन चलेगा. नंदा, भद्रा, जया, और पूर्णा नाम की शिलाओं का अयोध्या में शिलान्यास होगा.

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वीएचपी ने भी बुलाई है धर्म संसद

वैसे तो प्रयागराज में कुंभ का आयोजन भर है, लेकिन राम मंदिर के बहाने मोदी सरकार की नीयत पर साधु संतों के बीच यहां धर्मयुद्ध छिड़ गया है. एक ओर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की धर्म संसद चल रही है तो दूसरी ओर वीएचपी की धर्म संसद 31 जनवरी और 1 फरवरी को होगी. सरकार के कदम से वीएचपी के सुर नरम तो हुए हैं, लेकिन सरकार की मुश्किल कम होगी या नहीं, ये तय तो वीएचपी की धर्म संसद में ही होगा. वीएचपी की धर्म संसद में नृत्य गोपाल दास जैसे धार्मिक गुरुओं के साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शामिल होंगे.

अमित शाह ने कहा, BJP चाहती है जन्मभूमि पर ही बने मंदिर

इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सभी लोग सुन ले बीजेपी चाहती है जल्दी से जल्दी उसी रामजन्मभूमि के स्थान पर मन्दिर बने. मैं समझ नहीं पा रहा कि कोर्ट में सुनवाई क्यों नही चल पा रही है. सुनवाई शुरू होनी चाहिए और जल्दी से फैसला आना चाहिए. 44 एकड़ जमीन हमने अदालत से रामजन्म भूमि न्यास को लौटाने की मांग की है, लेकिन कांग्रेस इसका भी विरोध कर रही है.

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