
प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी दूसरी पारी शुरू करने जा रहे नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नवनिर्वाचित सांसदों को संसदीय मर्यादा की लंबी कोचिंग दी. उन्होंने बताया कि 2014 की तुलना में 2019 में बीजेपी को 25 फीसदी ज्यादा वोट मिला है. वैश्विक परिदृश्य में इसका बड़ा महत्व है, अमेरिका के चुनाव में राष्ट्रपति ट्रंप को जितने वोट मिले थे उतना हमारा इंक्रीमेंट है.
पीएम कहा कि इस वोटिंग का स्केल बहुत बड़ा है, ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है. पीएम ने कहा कि देश के 17 राज्य के मतदाताओं ने हमें 50 प्रतिशत या फिर उससे ज्यादा वोट दिया है. इस जनादेश के सामने लहर शब्द भी छोटा पड़ जाता है. बता दें कि 2014 में बीजेपी को 31 प्रतिशत वोट मिला था. नरेंद्र मोदी के आंकड़ों के मुताबिक इस चुनाव में वोट प्रतिशत बढ़कर लगभग 56 प्रतिशत हो गया है.
मतदाताओं को नहीं पसंद है सत्ता का रुतबा
इस दौरान पीएम मोदी ने बीजेपी सांसदों को आगाह किया और कहा कि सत्ता का रुतबा न तो भारत का मतदाता पसंद करता है और न ही उसे वह प्रभावित करता है. इससे हमें बचने की जरूरत है. बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत का अर्थ समझाते हुए पीएम ने कहा कि जनता जो विशाल मत दिया है उससे स्वभाविक है कि सीना चौड़ा हो जाता है, माथा ऊंचा हो जाता है, लेकिन जन प्रतिनिधि को ये सोचने का हक नहीं होता है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जनप्रतिनिधि के लिए कोई भेद भाव की सीमा रेखा नहीं होती. जो हमारे साथ थे उनके लिए भी हैं और जो भविष्य में हमारे साथ चलने वाले हैं उनके लिए भी हैं. मोदी ने कहा कि सबको साथ लेकर चलने की हमारी नीति को दुनिया ने माना है.
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व मंच पर नेता सबका साथ, सबका विकास का अपनी भाषा में अनुवाद पूछते हैं और इसका मतलब पूछते हैं. मोदी ने कहा कि इसलिए वे सभी सांसदों से आग्रह करते हैं कि शासक के रूप में उनकी जिम्मेदारी तो है ही मानवीय संवेदनाओं के साथ जनप्रतिनिधि के रूप में भी अहम जिम्मेदारी है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस भावना की ताकत बहुत बड़ी होती है, इसका एहसास नेताओं को करना चाहिए. मोदी ने कहा कि इस बार के जनादेश की कई विशेषता है.