
लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद मोदी सरकार 2.0 ने शपथ ग्रहण कर ली है. अब सबकी नजर मोदी सरकार के कामकाज और आगे की योजनाओं पर होगी. ऐसे में नई सरकार ने पहले ही अपनी कमर कस ली. सरकार ने शपथ लेने के पहले ही अपने कार्यकाल के पहले 100 दिन के एक्शन प्लान को तैयार कर लिया. इसके लिए पीएमओ ने सभी मंत्रालयों से अपनी प्राथमिकताएं तय करने के लिए कह दिया है.
सूत्रों के मुताबिक आज यानी 31 मई को मोदी सरकार 2.0 की पहली कैबिनेट बैठक होगी, जिसमें पहले सौ दिन के एक्शन प्लान पर फाइनल मुहर लगेगी.
केंद्र सरकार की नौकरियों में खाली पड़े करीब 75 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों में खाली पड़े पदों और मौजूदा जरूरतों को देखते हुए रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
पहले सौ दिन में मोदी सरकार नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का भी ऐलान कर सकती है, जिसमें दस नए उच्च शिक्षण संस्थान खोले जाने की घोषणा हो सकती है और उच्च शिक्षण संस्थानों में खाली पांच लाख पदों को भरने का ऐलान हो सकता है.
बुलेट ट्रेन के काम को तेजी देने के लिए जमीन अधिग्रहण में आ रही अड़चनों को जल्द से जल्द सुलझाने पर जोर रहेगा. नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश कर सकती है, जिसमें व्यक्तिगत आयकर की छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये सालाना आय तक किया जा सकता है.
जैसा कि पीएम ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि किसानों को 6 हजार सालाना देने की योजना का विस्तार किया जाएगा तो इस योजना में नए किसानों को जोड़ना भी सरकार की प्राथमिकता में रहेगा.
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और घरेलू निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार नीतिगत घोषणा कर सकती है. इंडस्ट्रियल ग्रोथ, क्रेडिट ग्रोथ और बैंकिंग सेक्टर में स्थिरता लाने जैसे मुद्दे भी 100 दिन के एजेंडे में शामिल होंगे. तो ये कहा जा सकता है कि मोदी सरकार 2.0 के 100 दिन के एजेंडे में ऐसे नीतिगत और प्रशासनिक कदम शामिल किए जा सकते हैं जिनका कारोबार, उद्योग, गरीबी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर असर रहेगा.