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कोलकाताः जहां ममता बनर्जी ने जुटाए थे 22 दल, आज PM मोदी उसी परेड ग्राउंड में भरेंगे हुंकार

ब्रिगेड परेड ग्राउंड इतना विशाल है कि इसमें 15 लाख लोग आ सकते हैं. इस साल 19 जनवरी को ममता बनर्जी के नेतृत्व में जब इस मैदान पर महागठबंधन की रैली हुई थी तो ममता ने पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर उनमें माद्दा है तो वे इस मैदान को भरकर दिखाएं. ममता की चुनौती के बाद पीएम नरेंद्र मोदी इस मैदान में पहली बार हुंकार भरने जा रहे हैं. इसके लिए इस मैदान में 1000 लाउडस्पीकर लगाए गए हैं.

कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में लगा PM मोदी का कटआउट (फोटो-तापस बायरी, आजतक) कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में लगा PM मोदी का कटआउट (फोटो-तापस बायरी, आजतक)
पन्ना लाल
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 8:08 AM IST

लोकसभा चुनाव की वीआईपी और रोमांचक राजनीतिक जंगों में से एक का नजारा आज बंग भूमि पर देखने को मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड ग्राउंड पर विशाल रैली को संबोधित करेंगे. यह वही ब्रिगेड परेड ग्राउंड है जहां 19 जनवरी को ममता तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने 22 विपक्षी दलों के साथ रैली की थी और चुनौती दी थी कि अगर दम है तो मोदी इस मैदन को भरकर दिखाएं. बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली उस मैदान में करने की कोशिश भी की थी, लेकिन राज्य सरकार ने कथित रूप से परमीशन नहीं दी थी.

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सीएम ममता बनर्जी भी इधर आज ही पश्चिम बंगाल में अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगी. ममता बनर्जी कूचबिहार के दिनहटा में बड़ी जनसभा करने वाली हैं. पीएम मोदी की दूसरी रैली उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में है. लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पहली बार पश्चिम बंगाल में रैली को संबोधित करने जा रहे हैं. यूं तो पश्चिम बंगाल में पहले चरण में 2 सीटों कूचबिहार और अलीपुरद्वार पर ही मतदान है, लेकिन पीएम मोदी और ममता बनर्जी की ये 2 रैलियां राज्य का राजनीतिक एजेंडा सेट करने वाली हैं.

सियासी बदलाव का गवाह ब्रिगेड परेड ग्राउंड

दिल्ली और उत्तर भारत की सियासत को समझने वाले लोगों को बता दें कि रैलियों के लिए इस इलाके में जो महत्व रामलीला मैदान का है, वही महत्व पश्चिम बंगाल की रैली में ब्रिगेड परेड ग्राउंड का है. इस मैदान में कई ऐतिहासिक रैलियां हो चुकी हैं. यहां 1972 में हुई रैली का जिक्र करना जरूरी है जो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश की आजादी के नायक मुजीबुर रहमान के साथ की थी.

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ब्रिगेड परेड ग्राउंड इतना विशाल है कि इसमें 15 लाख लोग आ सकते हैं. इस साल 19 जनवरी को ममता बनर्जी के नेतृत्व में जब इस मैदान पर महागठबंधन की रैली हुई थी तो ममता ने पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर उनमें माद्दा है तो वे इस मैदान को भरकर दिखाएं. ममता की चुनौती के बाद पीएम नरेंद्र मोदी इस मैदान में पहली बार हुंकार भरने जा रहे हैं. इसके लिए इस मैदान में 1000 लाउडस्पीकर लगाए गए हैं.

BJP और TMC की सियासी लड़ाई

भारतीय जनता पार्टी इस वक्त टीएमसी और ममता बनर्जी से राजनीतिक लड़ाई लड़ रही है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में 23 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखकर राज्य का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने मात्र 2 सीटों पर कामयाबी हासिल की थी. 2014 लोकसभा चुनाव में भले ही भाजपा को बंगाल से 2 सीट मिली हों, लेकिन वोट कुल 17 प्रतिशत मिले थे. विधानसभा चुनाव 2016 में भले ही पार्टी का वोट 10 फीसदी रहा था, लेकिन राज्य की 75 फीसद से अधिक सीटों पर बीजेपी दूसरे नंबर पर थी. अब लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने लक्ष्य को कई गुना बढ़ाकर टीएमसी के सामने अपने इरादे साफ कर दिए हैं.

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बता दें कि साल 2018 में पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में बीजेपी ने अच्छी कामयाबी हासिल की थी. पार्टी टीएमसी से तो आगे नहीं बढ़ पाई, लेकिन कांग्रेस और सीपीएम को पीछे धकेलते हुए कई जगहों पर नंबर 2 की पार्टी बन गई. बीजेपी ने कई ग्राम पंचायतों पर जीत भी हासिल की. इस चुनाव के दौरान बीजेपी ने टीएमसी पर बड़े पैमाने पर हिंसा करने का भी आरोप लगाया था. इन नतीजों के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद हैं और वो पूरे जोर-शोर से लोकसभा चुनाव लड़ रही है.

ममता ने एक दिन पहले शुरू किया प्रचार अभियान

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ममता बनर्जी अपनी चुनावी रैली की शुरुआत 4 अप्रैल को करने वाली थीं, लेकिन 3 अप्रैल को पीएम मोदी कार्यक्रम देखकर ममता ने भी अपनी रैली को एक दिन पहले खिसका दिया. दरअसल सियासी टक्कर में ममता बीजेपी से जरा सा भी पीछे नहीं रहना चाहती हैं. 

हमलावर रही हैं ममता

बीजेपी की राजनीतिक महात्वाकांक्षा देख सीएम ममता बनर्जी पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर लगातार हमला बोल रही हैं. ममता बनर्जी सीबीआई, राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, पाकिस्तान के मुद्दे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर कड़े प्रहार करती रही हैं. 5 मार्च को ममता ने कहा था कि केंद्र की सरकार जवानों की शहादत के बल पर चुनाव जीतना चाहती है. इससे पहले ममता बनर्जी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर घेरा था और कहा था कि विपक्ष होने के नाते पीएम को उन्हें ऑपरेशन पूरी जानकारी देनी चाहिए थी और बताना चाहिए था कि कहां बम गिराए गए, कितने लोग उसमें मारे गए.

इसी साल फरवरी महीने में ममता बनर्जी ने तब केंद्र के सरकार खुल्लमखुल्ला राजनीतिक जंग का ऐलान कर दिया था जब वो कोलकाता के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर पर सीबीआई के छापे के खिलाफ कोलकाता में धरने पर बैठ गईं थी. ममता ने तब कहा था कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह राज्य में तख्तापलट की साजिश कर रहे हैं.

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ममता बनर्जी नोटबंदी के मुद्दे पर भी नरेंद्र मोदी पर हमला कर चुकी हैं. लखनऊ में अखिलेश के साथ आयोजित एक रैली में उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी दंगा करवाते हैं और वे हिटलर से भी बड़े तानाशाह हैं. ममता ने कहा था कि नोटबंदी लागू कर उन्होंने आपातकाल जैसा माहौल बना दिया है.

पीएम मोदी का पलटवार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी ही शैली में ममता के हमले का जवाब देते रहे हैं. 2 फरवरी को पश्चिम बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा था कि पंश्चिम बंगाल के लोगों का उनके प्रति प्यार देखकर ममता बनर्जी डर गई है. पीएम ने कहा था कि वे अब समझ सकते हैं कि क्यों उनकी पार्टी हिंसा पर उतारू हो गई है और निर्दोष लोगों को मार रही है.

पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार को घेरते हुए कहा था कि आखिर पश्चिम बंगाल के लोगों को सरस्वती पूजा मनाने की आजादी क्यों नहीं है. उन्होंने कहा था कि जब पश्चिम बंगाल में सरस्वती पूजा नहीं मनाई जाएगी तो क्या पाकिस्तान में मनाई जाएगी.

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