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लोकसभा चुनाव से पहले गन्ना किसानों के पेमेंट के लिए PMO ने दिखाई तेजी, निकाला ये रास्ता

प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने गन्ना किसानों के भुगतान में देरी पर चर्चा की. केंद्र सरकार ने की कैबिनेट ने हाल ही में चीनी मिलों को 3,355 करोड़ की छूट की मंजूरी दी थी. इस छूट के बाद गन्ना किसानों के भुगतान में मिल मालिकों को सहूलियत मिल सकेगी.

चुनाव से पहले गन्ना किसानों के पेमेंट के लिए पीएमओ ने की पहल(सांकेतिक तस्वीर) चुनाव से पहले गन्ना किसानों के पेमेंट के लिए पीएमओ ने की पहल(सांकेतिक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 8:19 PM IST

लोकसभा चुनाव 2019 के ठीक पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने चीनी मिलों को दिए गए कर्ज पर तत्काल छूट देने के लिए हस्तक्षेप किया है. माना जा रहा है केंद्र के इस हस्तक्षेप के बाद गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान जल्द कराया जा सकेगा. प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने गन्ना किसानों के भुगतान में देरी पर चर्चा की. केंद्र सरकार ने की कैबिनेट ने हाल ही में चीनी मिलों को 3,355 करोड़ की छूट की मंजूरी दी थी. इस छूट के बाद गन्ना किसानों के भुगतान में मिल मालिकों को सहूलियत मिल सकेगी. कैबिनेट को 268 आवेदन मिले थे जिमें कहा गया था कि शुगर मिलों में ऊर्जा उत्पादन के लिए इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए.

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सब्सिडी के मिलने के बाद क्रूड ऑयल पर निर्भरता कम होगी इथेनॉल के उत्पादन पर नई प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इथेनॉल के इस्तेमाल पर जोर देने के लिए कैबिनेट को 268 आवेदन भेजे गए थे.

गौरतलब है कि गन्ना किसानों के लगभग 10,000 करोड़ रुपए बकाया हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की संख्या सबसे ज्यादा है. जाहिर तौर पर हर राजनीतिक पार्टियां गन्ना किसानों को लुभाना चाहती हैं.

हाल ही में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने गन्ना किसानों के लिए चिंता जाहिर की थी. उन्होंने ट्वीट किया था, 'गन्ना किसानों के परिवार दिन-रात मेहनत करते हैं. मगर उत्तर प्रदेश सरकार उनके भुगतान का भी जिम्मा नहीं लेती. किसानों का 10000 करोड़ बकाया मतलब उनके बच्चों की शिक्षा, भोजन, स्वास्थ्य और अगली फसल सबकुछ ठप्प हो जाता है. यह चौकीदार सिर्फ अमीरों की ड्यूटी करते हैं, गरीबों की इन्हें परवाह नहीं.

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इस पर पलटवार करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा था,हमारी सरकार जब से (मार्च 2017) सत्ता में आई है, हमने लंबित 57,800 करोड़ का गन्ना बकाया भुगतान किया है. योगी ने कहा कि ये रकम कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है, लेकिन पिछली सपा-बसपा सरकारों ने गन्ना किसानों के लिए कुछ नहीं किया जिससे किसान भुखमरी का शिकार हो रहा था.

इससे पहले देवबंद में हुए सपा-बसपा गठबंधन की रैली में  मायावती ने गन्ना किसानों के मुद्दे का जिक्र किया. बसपा चीफ मायावती ने कहा, 'भाजपा की कर्जमाफी और बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान महज जुमलेबाजी साबित हुआ. मैं विश्वास दिलाना चहाती हूं कि अगर केन्द्र में हमें सरकार बनाने का मौका मिला तो सभी राज्यों को किसानों का कोई भी बकाया नहीं रखने के सख्त निर्देश दिये जाएंगे.'

वहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि यहां के लोगों ने गन्ना पैदा करके पूरे देश को मिठास से जोड़ने का काम किया. आपके खेतों में गन्ना खड़ा रहे, मगर सरकार को कोई परवाह नहीं है. प्रधानमंत्री कहते हैं कि दुनिया को हमारे देश पर गर्व है, लेकिन हमारा देश हर चीज में पीछे चला जा रहा है. दुनिया के बाकी देश आगे बढ़ रहे हैं, वहीं हमारा देश पीछे जा रहा है.

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चुनावों में गन्ना किसानों के मुद्दे खूब उठाए जाते हैं लेकिन गन्ना किसानों की परेशानियां जमीनी स्तर पर हल होती नजर नहीं आतीं.

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