
कांग्रेस ने लखनऊ से प्रमोद कृष्णम को चुनावी मैदान में उतारा है. कृष्णम ब्राह्मण हैं और लखनऊ सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवारों की जीत-हार तय करते हैं. जिस कांग्रेस ने राम मंदिर मुद्दे पर कभी खुल कर नहीं बोला, उसने राम मंदिर के गंभीर पैरोकार प्रमोद कृष्णम को टिकट देकर जताने की कोशिश की है कि उसे भी अयोध्या की फिक्र है. आचार्य कृष्णम अब तक अयोध्या में राम मंदिर न बन पाने के पीछे नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं.
प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर निर्माण की जबर्दस्त पैरवी की है. कांग्रेस की राजनीति में खासकर यूपी से कोई ऐसा नेता नहीं है जो राम मंदिर निर्माण को लेकर मुखर रहा हो लेकिन कृष्णम इसके अपवाद हैं. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में राम मंदिर को लेकर असरकारी मुहिम दिखती रही है. साधु संत कई बार सरकार से गुहार लगा चुके हैं कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से सोचे.
साधु संतों का एक गुट कांग्रेस के समर्थन में उतरा और मोदी सरकार को मंदिर निर्माण में ढिलाई के लिए दोषी ठहराया. इस अभियान में प्रमोद कृष्णम अक्सर अगली कतार में खड़े दिखे. कांग्रेस भी पिछले 5 साल में राम मंदिर के लिए कुछ न कर पाने को लेकर बीजेपी को निशाना बनाती रही है. शायद इसीलिए कांग्रेस ने प्रमोद कृष्णम पर दांव लगाया है, ताकि वे और मजबूती से इसके लिए आवाज बुलंद कर सकें और बीजेपी को घेर सके. बता दें कि पिछले चुनाव में प्रमोद कृष्णम संभल से चुनाव लड़ चुके हैं.
आचार्य प्रमोद कृष्णम संभल जिले के एचोड़ा कंबोह गांव के रहने वाले हैं. यह गांव असमोली क्षेत्र में पड़ता है. राजनीति से ज्यादा इनके कल्कि पीठ की चर्चा होती है जो इन्होंने अपने गांव में बनाई है. कृष्णम कल्कि पीठाधीश्वर के रूप में जाने जाते हैं. हालांकि राजनीति में उनकी गहरी दिलचस्पी भी जगजाहिर है जिसे टीवी डिबेट्स में आसानी से देखा जा सकता है. देश में ऐसे कम ही साधु-संत हैं जो किसी पार्टी लाइन से जुड़कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा जताते हैं. इनमें एक नाम प्रमोद कृष्णम का भी प्रमुखता से लिया जाता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में संभल से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन बुरी तरह हार गए. उन्हें मात्र 16034 वोट मिले और वे पाचवें पायदान पर सरक गए. अब काग्रेस ने उन्हें दोबारा मौका दिया है और लखनऊ जैसी हाई प्रोफाइल सीट से उतारा है.
संत के रूप में राजनीति में गहरी दिलचस्पी प्रमोद कृष्णम की बड़ी खासियत है. टीवी चैनलों पर कांग्रेस का राजनीतिक स्टैंड रखने के अलावा चुनावी रैलियों में भी वे लोगों का ध्यान खींचते रहे हैं. हाल में बीते मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के स्टार प्रचारक का जिम्मा संभाला. संयोग से कांग्रेस की यहां सरकार भी बनी. प्रमोद कृष्णम की वाकपटुता को देखते हुए ही कांग्रेस ने उन्हें फिर स्टार प्रचारकों की सूची में प्रमुखता से जगह दी है.
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