
चुनावी रणनीतिकार और जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी शिवसेना के लिए आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में रणनीति बनाने का प्रस्ताव दिया है. मंगलवार को मुंबई में प्रशांत किशोर ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके निवास पर मुलाकात की जिसमें पार्टी के सभी सांसद मौजूद रहे. हालांकि इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई.
प्रशांत किशोर और उद्धव ठाकरे के साथ इस बैठक में मौजूद शिवसेना सांसद ने इंडिया टुडे को बताया कि किशोर ने पार्टी को आगामी चुनावों में उसी तरह से मदद करने का प्रस्ताव दिया है, जैसी उन्होंने 2014 के चुनाव में बीजेपी की की थी. बता दें कि प्रशांत किशोर ने साल 2013 में सिटीजन फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस (CAG) के जरिए प्रधानमंत्री मोदी के साथ युवा प्रोफेशनल्स को जोड़ने का व्यापक अभियान चलाया था. किशोर के इस अभियान की वजह से आईआईटी, आईआईएम और अन्य विश्वविद्यालयों के युवा पीएम मोदी के चुनावी अभियान से जुड़ गए थे.
शिवसेना सांसद ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस बैठक में प्रशांत किशोर का सबसे परिचय कराया. किशोर ने हमें महाराष्ट्र के स्थानीय मुद्दों को उठाने के लिए कहा. उन्होंने शिवसेना के प्रचार अभियान और मीडिया मैनेजमेंट के लिए रणनीतिक मदद देने की बात कही. उद्धव ठाकरे ने इस बैठक में कहा कि पार्टी को राज्य में अपना मुख्यमंत्री बनाने के लक्ष्य की दिशा में काम करना चाहिए. शिवसेना प्रमुख ने पार्टी नेताओं से कहा कि अगर वे अभी से इस लक्ष्य पर काम करेंगे तो विधानसभा चुनाव तक इसे प्राप्त कर लेंगे.
हालांकि शिवसेना सांसद ने भविष्य में शिवसेना और जेडीयू का बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने की संभावना से इनकार किया. प्रशांत किशोर बिहार और केंद्र में एनडीए के अहम सहयोगी दल जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने सितंबर 2018 में राजनीति में पहली बार अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत जेडीयू से की. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना की छवि उत्तर भारतीय विरोधी दल के तौर होती है, माराठा स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने वाले शिवसैनिकों की तरफ से राज्य में उत्तर भारतीयों खासकर बिहारियों के खिलाफ हिंसा की खबरें आती रही हैं. लिहाजा एक बिहारी (प्रशांत किशोर) द्वारा शिवसेना को आगामी चुनाव में रणनीतिक पेशकश के बड़े राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.
शिवसेना सांसद ने बताया कि प्रशांत किशोर ने बैठक में साफ कर दिया कि वे शिवसेना और बीजेपी के संभावित गठबंधन में कोई भूमिका निभाने नहीं जा रहे और न ही उनका उद्देश्य जेडीयू और शिवसेना को करीब लाने का है. उनकी रणनीति महाराष्ट्र में शिवसेना के चुनावी अभियान तक सीमित रहेगी. इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा प्रशांत किशोर की उद्धव ठाकरे से मुलाकात किसी राजनेता के तौर पर नहीं थी. यह एक शिष्टाचार भेंट थी और इसके राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए.
आपके बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी अभियान से प्रशांत किशोर की पहचान जीत की गारंटी दिलाने वाले रणनीतिकार के तौर पर हुई. लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से प्रशांत किशोर की मतभेद की खबरों के बीच उन्होंने जेडीयू का दामन थामा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निवास पर रहते हुए 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाई. नीतीश कुमार के जनसंपर्क अभियान 'हर-घर दस्तक' और 'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है' जैसे लोकप्रिय नारे के पीछे किशोर ही थे.
इसके बाद प्रशांत किशोर 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनावी अभियान से जुड़ें. कैप्टन अमरिंदर सिंह के 'कॉफी विद कैप्टन' और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (तब उपाध्यक्ष थे) की किसान यात्रा और 'खाट सभा' की रूप रेखा भी तैयार की. हालांकि यूपी में कांग्रेस के पक्ष में किशोर की रणनीति काम नहीं आई और पार्टी की ताकत 7 सीटों पर सिमट कर रह गई. लेकिन पंजाब में लगातार दो विधानसभा चुनाव हार चुकी कांग्रेस ने जीत का स्वाद चखा.