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पुणे में दो चरणों में चुनाव, पवार के गढ़ पर है शाह की नजर

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बारामती यानी कि शरद पवार के गढ़ पर बीजेपी का झंडा फहराना चाहते हैं. यही वजह है कि शाह महाराष्ट्र के कई दौरे कर चुके हैं. हाल ही में उन्होंने पुणे में पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने महाराष्ट्र में 48 में से 45 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखते हुए यह साफ़ कहा था कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में हम 45 सीट जीतेंगे, लेकिन असली जीत मैं तब ही मानूंगा जब हम बारामती सीट जीतेंगे.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बारामती यानी के शरद पवार के गढ़ पर बीजेपी का झंडा फहराना चाहते हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बारामती यानी के शरद पवार के गढ़ पर बीजेपी का झंडा फहराना चाहते हैं.
आदित्य बिड़वई
  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 12:47 PM IST

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है. इसके अनुसार महाराष्ट्र में लोकसभा के लिए चार चरणों में मतदान होंगे. इनमें पहले चरण में 11 अप्रैल को 7, 18 अप्रैल को 10, 23 अप्रैल को 14 और 29 अप्रैल को 17 सीटों पर मतदान होंगे. वहीं, महाराष्ट्र के पुणे जिले में ऐसा पहली बार होगा जब यहां दो चरणों में मतदान होंगे.

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चुनाव आयोग के अनुसार, पुणे और बारामती में 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे तो वहीं मावल और शिरूर में 29 अप्रैल को वोटिंग होगी. इन चारों लोकसभा क्षेत्रों में पनवेल, कर्जत और उरन में 84,40,607 लाख वोटर जुड़े हैं, जिन्हें मावल लोकसभा क्षेत्र में शामिल किया गया है.

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पुणे में दो फेज में वोटिंग होने के कारण राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए समय मिलेगा. साथ ही इस बार यहां चुनावी समीकरण भी बदला नजर आएगा. पिछले चुनाव में मोदी लहर के चलते पुणे में समीकरण पूरी तरह बदले दिखे. शिवसेना और बीजेपी समर्थित प्रत्याशी कहीं जीते तो कहीं कड़ी टक्कर दी. तो वहीं एनसीपी की पकड़ कमजोर होते दिखी.

NCP का गढ़ लेकिन बीजेपी-शिवसेना ने बनाई जगह...

पुणे को वैसे राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) के सुप्रीमो शरद पवार का गढ़ कहा जाता है. लेकिन समय के पास इस इलाके पर एनसीपी की पकड़ कमजोर होती जा रही है. आकंड़ों पर नजर डाले तो पुणे लोकसभा सीट पर अभी बीजेपी का कब्ज़ा है. यहां अनिल शिरोले सांसद हैं. 2014 में यह सीट एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन के चलते कांग्रेस के खाते में आई थी. यहां से विश्वजीत पतंगराव कदम को कांग्रेस ने चुनाव में मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

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वहीं, बारामती सीट NCP के पास हैं. यहां से सुप्रिया सुले सांसद हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी ने अपना प्रत्याशी यहां ना उतारकर राष्ट्रीय समाज पक्ष के महादेव जानकर को समर्थन दिया था. वो हारे पर चुनाव में उन्होंने सुप्रिया सुले को कड़ी टक्कर दी. जीत का अंतर भी काफी कम रहा.  

वहीं, मावल सीट पर अभी शिवसेना का कब्ज़ा है. श्रीरंग चंदू बर्ने सांसद हैं. 2014 में यहां एनसीपी का प्रदर्शन खराब रहा. एनसीपी प्रत्याशी राहुल नार्वेकर तीसरे स्थान पर रहे. इसी तरह शिरूर सीट पर भी 2014 में शिवसेना के शिवाजी राव पाटिल जीते थे. एनसीपी के देवदत्त निकम दूसरे स्थान पर रहे.

शाह की नजरें पवार के गढ़ बारामती पर...

मालूम हो कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बारामती यानी कि शरद पवार के गढ़ पर बीजेपी का झंडा फहराना चाहते हैं. यही वजह है कि शाह महाराष्ट्र के कई दौरे कर चुके हैं. हाल ही में उन्होंने पुणे में पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने महाराष्ट्र में 48 में से 45 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखते हुए यह साफ़ कहा था कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में हम 45 सीट जीतेंगे, लेकिन असली जीत मैं तब ही मानूंगा जब हम बारामती सीट जीतेंगे.

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