
बिहार की पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट पर 12 मई को छठवें चरण में मतदान हुए. इस चरण में 7 राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई और कुल मतदान 64.24 फीसदी रिकॉर्ड किया गया. वहीं, पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट पर 58.62 प्रतिशत मतदान हुए, जबकि साल 2014 में 56.25 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. इस दौरान चुनाव आयोग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी.
पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट चंपारण की काफी अहम सीट मानी जाती है. इस बार यहां से कुल 22 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं. इस सीट पर 23 मई को वोटों की गिनती की जाएगी और इसके बाद चुनाव के नतीजे जारी किए जाएंगे. पिछले लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के राधामोहन सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्होंने आरजेडी के विनोद कुमार श्रीवास्तव को हराया था.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में राधामोहन सिंह को 4 लाख 452 वोट मिले थे, जबकि आरजेडी उम्मीदवार विनोद कुमार श्रीवास्तव को 2 लाख 08 हजार 289 वोटों से संतोष करना पड़ा था. तीसरे नंबर पर जेडीयू उम्मीदवार अवनीश कुमार सिंह रहे थे, जिनको 1 लाख 28 हजार 604 वोट हासिल हुए थे.
आपको बता दें कि साल 2002 के परिसीमन के बाद 2008 में ये सीट अस्तित्व में आई थी. वर्तमान में यहां से केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह सांसद हैं. साल 2009 और 2014 में राधामोहन सिंह ने इस सीट से चुनाव जीता था. इससे पहले भी वो इस सीट से 2 बार सांसद रह चुके हैं.
इस बार बीजेपी ने इस बार फिर राधामोहन सिंह को टिकट दिया है. वहीं, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) से आकाश कुमार सिंह, कम्युनिस्ट पार्टी से प्रभाकर जयसवाल, राष्ट्रीय महान गणतंत्र पार्टी से दिनेश साहनी, राष्ट्रीय सर्वजन विकास पार्टी से देवेंद्र सिंह, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) से पारस नाथ पांडेय, जनता पार्टी से पारस नाथ राम, असली देशी पार्टी से रणधीर कुमार तिवारी और जनता दल राष्ट्रवादी से राजीव रंजन चुनाव मैदान में हैं.
परिसीमन से पहले पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट मोतिहारी सीट के नाम से जानी जाती थी. आजादी के बाद से इस सीट पर कांग्रेस का बर्चस्व रहा, लेकिन साल 1977 में जनता पार्टी उम्मीदवार ने पहली बार इस सीट पर कब्जा जमाया था. इसके बाद इस सीट से 5 बार बीजेपी जीती. साल 2002 में लोकसभा सीटों के परिसीमन के लिए कमेटी बनी और 2008 में मोतिहारी सीट पूर्वी चंपारण के नाम से अस्तित्व में आया. यहां से फिर इस सीट पर बीजेपी का कमल खिलना शुरू हुआ. अगले दो चुनाव 2009 और 2014 के दो चुनावों में राधामोहन सिंह को जीत हासिल हुई थी.
इस लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या 11 लाख 87 हजार 264 है. इनमें से 6 लाख 40 हजार 901 पुरुष वोटर और 5 लाख 46 हजार 363 महिला वोटर हैं. बिहार की पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं, जिनमें हरसिद्धी, गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, पिपरा और मोतिहारी विधानसभा सीटें शामिल हैं. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में इन 6 विधानसभा सीटों में से 3 सीटों पर बीजेपी, 2 पर आरजेडी और 1 पर सीट एलजेपी ने जीत हासिल की थी.
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