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राहुल गांधी बोले- राफेल पर सबकुछ गायब, मोदी सरकार से पूछे ये 5 सवाल

राहुल गांधी ने कहा कि राफेल की फाइलें दो करोड़ युवाओं को रोजगार, फसलों की उचित कीमत और 15 लाख रुपये देने के वादे की तरह ही गायब हो गईं. राफेल सौदे में प्रधानमंत्री मोदी ने बायपास सर्जरी की है, अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए खरीद में देरी की गई. रक्षा मंत्रालय की फाइलों में लिखा है कि राफेल सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय ने समानांतर बातचीत की तो प्रधानमंत्री के खिलाफ जांच क्यों नहीं हो सकती.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो-Retures) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो-Retures)
एस. सहाय रंजीत
  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

राफेल सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र ने बुधवार को बताया कि इससे संबंधित अति महत्वपूर्ण दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं. इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को मोदी सरकार के खिलाफ निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक नई लाइन निकली है "गायब हो गया", 2 करोड़ युवाओं को रोजगार गायब हो गया, किसानों को सही दाम, डोकलाम गायब हो गया, जीएसटी से फायदा गायब हो गया, राफेल की फाइलें भी गायब हो गईं.

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राहुल गांधी ने कहा कि अब मीडिया की जांच करने की बात हो रही है, लेकिन जिसने 30 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया है, उसके खिलाफ कोई जांच नहीं हो रही है. किसी भी चीज़ को मरोड़कर नरेंद्र मोदी का बचाव किया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य सिर्फ चौकीदार को बचाना है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कागज गायब हुए हैं तो इसका मतलब ये है कि कागजों में सच्चाई है. इनमें साफ लिखा है कि नरेंद्र मोदी सौदेबाजी कर रहे थे, अब ये बात हर कोई कह रहा है. उन्होंने कहा कि राफेल डील में नरेंद्र मोदी ने बाईपास सर्जरी की तरह हैं. इस सरकार के राज में रोजगार-किसानों के मुद्दे के साथ राफेल की फाइलें भी गायब है. मोदी सरकार का काम सबकुछ गायब करना है. उन्होंने कहा कि जिनका नाम कागजों में है उनपर कार्रवाई होनी चाहिए.

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राहुल गांधी ने कहा कि आपको जिस पर कार्रवाई करनी है कीजिए, लेकिन प्रधानमंत्री पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने ही ही सीबीआई के चीफ को हटाया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाई. उन्होंने अनिल अंबानी की जेब में 30 हजार करोड़ रुपये डाल दिए. उन्होंने कहा कि अगर न्याय की बात कर रहे हैं तो न्याय सबके साथ होना चाहिए. फाइल में साफ लिखा है कि पीएमओ ने सौदे की ‘समानान्तर बातचीत’ की. प्रधानमंत्री ने राफेल की डिलेवरी में देरी कराई, अपने दोस्त की जेब में 30 हजार करोड़ रुपये डाले. ‘समानान्तर बातचीत’ क्यों हो रही है?

उन्होंने कहा कि फाइल में लिखा है कि प्रधानमंत्री की समानान्तर बातचीत ने राफेल के भारत आने में देरी की है. हमारी डील में ये पहले आता. सच्चाई तो ये है कि राफेल इसलिए समय से नहीं आया क्योंकि प्रधानमंत्री जी अनिल अंबानी को पैसा देना चाह रहे थे.कोई न कोई कारण तो होगा? कारण ये है कि मोदी जी नरेन्द्र मोदी को 30 हजार करोड़ रुपये देना चाहते थे, इससे उनको भी फायदा होगा.राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान में आपराधिक जांच उन सब पर हो सकती है जो पीएम का विरोध करते हैं, लेकिन जब पीएम का नाम आता है तो उन पर नहीं हो सकती. क्यों?

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बता दें कि बुधवार को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ये वही दस्तावेज हैं, जो मीडिया में दिखाए गए और 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद पर शीर्ष न्यायायल द्वारा 14 दिसंबर को सरकर को दी गई क्लीन चिट को वापस लेने की मांग करने के लिए याचिकाकर्ताओं ने इन्हीं का हवाला दिया है. भारतीय वार्ताकार दल (आईएनटी) के तीन सदस्यों द्वारा आठ पृष्ठों के नोट में व्यक्त की गई असहमति का जिक्र करते हुए अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के.एम. जोसेफ की पीठ को बताया कि इसकी जांच की जा रही है कि दस्तावेजों को पूर्व कर्मचारियों ने चुराया या वर्तमान कर्मचारियों ने.

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