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राज बब्बर: सपा से शुरू हुआ संसद का सफर, रिश्ते बिगड़े तो डिंपल यादव को हराया

1996 में राज बब्बर ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर अपने जीवन का पहला लोकसभा चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लखनऊ सीट से लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, उन्हें 37 फीसदी वोट मिले, जबकि अटल बिहारी वाजपेयी को 52 फीसदी वोट मिले.

Raj Babbar Raj Babbar
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 11 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 4:46 PM IST

साल 1977 में जब पूरा देश आपातकाल के दौर से गुजर रहा था, उसी वक्त उत्तर प्रदेश की गलियों में पले-बढ़े राज बब्बर को बॉलीवुड ने बड़े पर्दे पर आने का अवसर दिया. ये महज इत्तेफाक है कि 'किस्सा कुर्सी का' फिल्म से अपने फिल्मी करियर का आगाज करने वाले राज बब्बर आज देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में देश की सबसे पुरानी पार्टी की शीर्ष कुर्सी पर विराजमान हैं.

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यूं तो बॉलीवुड से तमाम कलाकार राजनीति में आए और चुनाव जीतकर विधानसभा व संसद तक भी पहुंचे, लेकिन राज बब्बर एक ऐसा नाम हैं, जिनका राजनीतिक तजुर्बा तीन दशक तक पहुंच गया है. 1989 में जनता दल के साथ सक्रिय राजनीति में आने वाले राज बब्बर आज कांग्रेस पार्टी का बड़ा चेहरा हैं और लोकसभा चुनाव 2019 में वो फतेहपुर सीकरी सीट से किस्मत आजमा रहे हैं.

राज बब्बर का जन्म 23 जून 1952 को आगरा के टुंडला में एक सिख परिवार में हुआ था. आगरा के फैज-ए आम इंटर कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने आगरा कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से ग्रेजुएशन किया. राज बब्बर ने दो शादियां की.

उनकी पहली शादी 1975 में मशहूर थिएटर आर्टिस्ट और फिल्म डायरेक्टर नादिरा बब्बर से हुई. नादिरा से उनके दो बच्चे हैं, जिनके नाम जूही और आर्य बब्बर हैं. राज बब्बर ने दूसरी शादी 1986 में जानी मानी फिल्म एक्ट्रेस स्मिता पाटिल से की. स्मिता पाटिल से उनका एक बेटा प्रतीक बब्बर है, जो बॉलीवुड में अभिनय करते हैं. स्मिता पाटिल का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था.

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अपने बॉलीवुड करीयर में 200 से फिल्में करने वाले राज बब्बर पहली बार 1994 में संसद पहुंचे थे, जब वह यूपी से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए. राज बब्बर शुरुआती दिनों से समाजवादी पार्टी में रहे. 1996 में उन्होंने अपने जीवन का पहला लोकसभा चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लखनऊ सीट से लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, उन्हें 37 फीसदी वोट मिले, जबकि अटल बिहारी वाजपेयी को 52 फीसदी वोट मिले.

इसके बाद राज बब्बर ने 1999 में आगरा सीट से सपा के टिकट पर ही लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसमें जीत दर्ज की. राज बब्बर ने इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को शिकस्त दी. 2004 के आम चुनाव में भी राज बब्बर ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर आगरा सीट से एक बार फिर जीत दर्ज की. हालांकि, इसी बीच 2006 में उन्हें समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया, जिसके बाद 2008 में राज बब्बर ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली.

डिंपल यादव को दी शिकस्त

2009 के आम चुनाव में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज और फिरोजाबाद सीट से लोकसभा चुनाव जीता. इसके बाद उन्होंने फिरोजाबाद सीट खाली कर दी, जिस पर हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी डिंपल यादव ने चुनाव लड़ा. कांग्रेस ने इस उपचुनाव में राज बब्बर को मैदान में उतारा और उन्होंने मुलायम सिंह यादव की बहू डिंपल यादव को 85000 मतों से हरा दिया.

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2014 में राज बब्बर ने गाजियाबाद से कांग्रेस के टिकट पर आम चुनाव लड़ा, जिसमें बीजेपी के वीके सिंह ने उन्हें हरा दिया. फिलहाल, वो 2016 से यूपी कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद हैं.

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