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राजस्थान की 6 सीटों पर उलझी बीजेपी और कांग्रेस, प्रत्याशियों पर फंसा पेच

लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी ने 25 में से 19-19 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. मगर 6-6 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी में न केवल एक दूसरे के खिलाफ बल्कि पार्टी के अंदर भी शह और मात का खेल चल रहा है.

लोकसभा चुनाव 2019 (फाइल फोटो) लोकसभा चुनाव 2019 (फाइल फोटो)
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 31 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 8:33 AM IST

राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी ने 25 में से 19-19 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. मगर 6-6 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी में न केवल एक दूसरे के खिलाफ बल्कि पार्टी के अंदर भी शह और मात का खेल चल रहा है. राजस्थान में बीजेपी में सबसे बड़ा बखेड़ा राजसमंद, नागौर और बाड़मेर की सीट को लेकर मचा है.

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राजसमंद सीट पर मौजूदा सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने अपनी खराब सेहत का हवाला देकर चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है. उसके बाद से जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया सिंह इस सीट पर चुनावी मैदान में उतरना चाहती हैं. पहले वह जयपुर से अपना भाग्य आजमा रही थीं, लेकिन वसुंधरा राजे के हस्तक्षेप के बाद जयपुर में मौजूदा सांसद रामचरण बोहरा को टिकट मिला है.

अब कहा जा रहा है कि दीया कुमारी के राजसमंद की उम्मीदवारी के बीच में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आ गई हैं जिसे लेकर समझाइश का दौर चल रहा है. दरअसल 19 में से कांग्रेस ने अब तक 3 महिलाओं को टिकट दिया है. मगर बीजेपी ने 19 में से अपने मौजूदा सांसद झुंझुनू के संतोष अहलावत का भी टिकट काट दिया है. वसुंधरा राजे राजसमंद से भंवर सिंह पलाड़ा को मैदान में उतरना चाहती थीं, मगर अब यह कहा जा रहा है कि बीजेपी को भी कम से कम एक महिला को किसी सीट से मैदान में उतारना चाहिए.

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वसुंधरा राजे राजसमंद के स्थानीय महिला नेता का नाम आगे कर रही हैं. बाड़मेर से मौजूदा सांसद कर्नल सोनाराम को दोबारा टिकट देने के पक्ष में वसुंधरा राजे नहीं हैं और किसी नए चेहरे को आजमाना चाहती हैं. लेकिन पार्टी आलाकमान को लगता है कि कर्नल सोनाराम कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह के खिलाफ ताकतवर उम्मीदवार हो सकते हैं. नागौर में मौजूदा केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी के खिलाफ बीजेपी के नेताओं ने बगावत कर दिया है. इसे लेकर यह सीट अटकी हुई है.

दौसा लोकसभा सीट पर भी किरोड़ी लाल मीणा और वसुंधरा राजे के बीच शह और मात का खेल चल रहा है. किरोड़ी मीणा अपने किसी नजदीकी को टिकट दिलाना चाहते हैं जबकि वसुंधरा राजे चाहती हैं कि किरोड़ी लाल मीणा के विरोधी महुआ के निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुडला या उनकी पत्नी को टिकट दिया जाए.

कांग्रेस में असमंजस

यही हाल कमोबेश कांग्रेस में भी है. अजमेर और जयपुर ग्रामीण सीट को लेकर तय नहीं हो पा रहा है कि पार्टी क्या करें. पार्टी का एक धड़ा चाहता है कि गहलोत सरकार में शामिल स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा अजमेर से चुनाव लड़ें जबकि कृषि मंत्री लालचंद कटारिया जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस के प्रत्याशी बनें. लेकिन यह दोनों ही चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं. लिहाजा नए नामों पर विचार हो रहा है. राजसमंद सीट पर भी कांग्रेस बीजेपी के प्रत्याशी को सामने देख कर अपना प्रत्याशी उतारना चाहती है.

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माना जा रहा है कि सीट से सीपी जोशी के करीबी एक गुर्जर नेता को टिकट मिल सकता है. भीलवाड़ा सीट से ही कभी सांसद रहे विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को उतारने पर भी विचार चल रहा है. गंगानगर में बीजेपी के निहालचंद और झालावाड़ में दुष्यंत सिंह के खिलाफ कांग्रेस को मजबूत प्रत्याशी नहीं मिल पा रहा है जिसकी वजह से सीट अटकी हुई है.

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