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गोवा में BJP का गेम बिगाड़ेगी शिवसेना, अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी से गठबंधन करने वाली शिवसेना पड़ोसी राज्य गोवा में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. गोवा की दो लोकसभा सीट और मांद्रे उपचुनाव में पार्टी बीजेपी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारेगी.

उद्धव ठाकरे और अमित शाह (फाइल फोटो) उद्धव ठाकरे और अमित शाह (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 9:17 PM IST

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी से गठबंधन करने वाली शिवसेना पड़ोसी राज्य गोवा में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. गोवा की दो लोकसभा सीट और मांद्रे उपचुनाव में पार्टी बीजेपी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारेगी. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि नॉर्थ गोवा और साउथ गोवा में हम अपना उम्मीदवार उतारेंगे. बता दें कि गोवा की दोनों सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.

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संजय राउत ने कहा कि प्रदेश प्रमुख जीतेश कामत नॉर्थ गोवा से लड़ेंगे, जबकि उपाध्यक्ष राखी प्रभुदेसाई नाईक दक्षिण गोवा से उतरेंगी. हालांकि राउत ने ये नहीं बताया कि मांद्रे में पार्टी किसको उतारेगी. लोकसभा की दो सीट और विधानसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव 23 अप्रैल को होगा.

बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में दोनों ही पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रही है. महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं. 25 सीटों पर बीजेपी और 23 सीटों पर शिवसेना अपना उम्मीदवार उतारेगी. इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 26 सीटों पर चुनाव लड़ा और 23 सीटों पर जीती. जबकि शिवसेना ने 22 सीटों पर चुनाव लड़कर 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

विधानसभा चुनाव लड़े थे अकेले

बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन 1989 के लोकसभा चुनाव से है. तब से लेकर 2014 के लोकसभा चुनाव तक दोनों पार्टियां राज्य में हर लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ लड़ीं. 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोनों अलग-अलग चुनाव लड़े थे. हालांकि बाद में दोनों ने मिलकर सरकार बनाई.

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गोवा में प्रचार से दूर रह सकते हैं पर्रिकर

गोवा में इस बार बीजेपी की राह आसान नहीं रहने वाली है. 1994 से बीजेपी के चुनाव प्रचार का नेतृत्व करने वाले नेताओं में शामिल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के इस लोकसभा चुनाव में प्रचार से दूर रहने की संभावना है. जिसका सीधा असर पार्टी पर पड़ेगा. पर्रिकर अभी अस्वस्थ हैं.

गत कुछ वर्षों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में पर्रिकर के योगदान को प्रतिद्वंद्वी भी स्वीकार करते हैं. विरोधियों का दावा है कि प्रचार में सक्रिय भूमिका नहीं निभाने से राज्य में बीजेपी के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा लेकिन पार्टी नेताओं ने ऐसी आशंकाओं को खारिज किया है और कहा है कि वे उनके मार्गदर्शन में काम कर रहे हैं.

पर्रिकर राज्य से बीजेपी के पहले विधायकों में से हैं और वह 2000 से राज्य के चार बार मुख्यमंत्री बने हैं. पिछले महीने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा संबोधित एक बैठक में पर्रिकर ने वादा किया था कि वह लोकसभा चुनाव के दौरान जनसभाओं को संबोधित करेंगे.

बीजेपी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष माइकल लोबो ने कहा कि हां ऐसा पहली बार होगा जब हो सकता है कि पर्रिकर प्रचार के लिए खुद से मौजूद नहीं रहेंगे लेकिन वह घर से सभी चुनाव संबंधी सभी मामलों की निगरानी करेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक समर्पित टीम है जो यह सुनिश्चित करने के लिए दिनरात काम कर रही है कि पार्टी पर्रिकर के नेतृत्व में जीत दर्ज करे.

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