
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के बजाय छोटे दलों को साधने की दिशा में जुट गई हैं. इस कड़ी में उन्होंने पहले महान दल के अपने साथ मिलाने के बाद अब उनकी नजर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी पर नजर है. इसे लेकर तब कयास लगाए जाने लगे जब कांग्रेस एमएलसी और प्रियंका गांधी के करीबी माने दीपक सिंह ने शिवपाल यादव के साथ मुलाकात की और दोनों नेताओं की तस्वीर सामने आने के बाद सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं.
चर्चा तो इस बात की भी सियासी गलियारों में तेज है कि प्रियंका गांधी और शिवपाल यादव के बीच इस मसले पर फोन पर बातचीत हुई है. लेकिन इस बात की पुष्टि न तो शिवपाल यादव ने की और न ही कांग्रेस के कैम्प से कोई कर पा रहा है. लेकिन दीपक सिंह की फोटो शिवपाल के साथ आने के बाद ये साफ हो गया है कि दोनों दलों के बीच कुछ खिचड़ी पक रही है.
सियासी गलियारों में प्रियंका और शिवपाल यादव के बीच फोन से बातचीत होने के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि यह सच है कि कांग्रेस नेता प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ संपर्क में हैं और शिवपाल यादव भी कांग्रेस से गठबंधन की इच्छा जता चुके हैं. कांग्रेस नेता पीएल पुनिया और शिवपाल यादव एक दूसरे के संपर्क में है.
गठबंधन को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार अपनी बैठकों में कांग्रेस नेताओं से राय जान रहे हैं. गठबंधन करने या नहीं करने को लेकर सवाल भी पूछ रहे हैं. कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी में पार्टी का प्रभार देख रहीं प्रियंका गांधी भी नेताओं से गठबंधन को लेकर मशविरा कर रही हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और महान दल के बीच मंगलवार को फिर गठबंधन हो गया. महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने लखनऊ में प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के गठबंधन की पेशकश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया. प्रियंका ने कहा, 'वह मौर्य का स्वागत करती हैं और हम अगला लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हमें लक्ष्य दिया है कि ऐसी राजनीति का निर्माण करें जिसमें सभी का प्रतिनिधित्व हो. यह गठबंधन उसी दिशा में किया गया प्रयास है. हम 2019 की लड़ाई जी जान से लड़ेंगे.
वहीं, महान दल के अध्यक्ष मौर्य ने इस मौके पर कहा कि सिर्फ कांग्रेस ने ही दलितों और पिछड़ों के आरक्षण समेत तमाम हितों के बारे में सोचा और काम किया है. सिर्फ यही पार्टी सबको साथ लेकर चलने की सोच रखती है. 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में महान दल का कांग्रेस से गठबंधन रहा है. महान दल ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन में बदायूं, नगीना और एटा सीटों पर चुनाव लड़ा था, मगर यहां हार का सामना करना पड़ा. बहरहाल अब देखना है कि महान पार्टी के साथ गठबंधन के बाद अगला नंबर कांग्रेस के साथ गठबंधन में किस क्षेत्रीय दल का आता है.