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शिवराज, रमन और वसुंधरा की होगी दिल्ली की राजनीति में एंट्री, लड़ेंगे लोकसभा चुनाव!

भारतीय जनता पार्टी शुक्रवार यानी आज से 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए राष्ट्रीय अधिवेशन कर रही है. वहीं, 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अपनी चुनावी रणनीति के हिसाब से अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं.

शिवराज, रमन और वसुंधरा शिवराज, रमन और वसुंधरा
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 11:32 AM IST

भारतीय जनता पार्टी शुक्रवार यानी आज से 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए राष्ट्रीय अधिवेशन कर रही है. वहीं, 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अपनी चुनावी रणनीति के हिसाब से अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं.

लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अमित शाह ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है. सूत्रों की मानें तो तीनों नेताओं को साफ कर दिया गया है कि पार्टी को उनकी जरूरत दिल्ली में है. उन्हें अब दिल्ली की राजनीति करनी होगी. शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे पहले भी संगठन में काम कर चुके हैं.

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सूत्रों के अनुसार पार्टी ने तय किया है कि शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से चुनाव लड़ेंगे. यहां से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सांसद हैं. विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि वो स्वास्थ्य कारणों से अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी. आपको बता दें कि इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और खुद शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ चुके हैं.

वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान की झालावाड़ सीट से चुनाव लड़ेंगी. वर्तमान में यहा से उनके बेटे दुष्यंत सिंह सांसद हैं. वहीं, रमन सिंह छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ेंगे, जहां से उनके बेटे अभिषेक सिंह सांसद हैं. मतलब साफ है कि पार्टी लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है. इसलिए अपने सभी बड़े नेताओं को चुनावी महासमर में उतारना चाहती है.

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सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में हर रोज चौंकाने वाले फैसले पार्टी और सरकार की तरफ से सुनने को मिलेंगे. अमित शाह यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि हिंदी बेल्ट में बीजेपी के हाथ से 3 राज्य निकालना खतरे की घंटी है. ऐसे में वो हर कदम फूंक-फूंककर रख रहे हैं, क्योंकि एक छोटी सी गलती भी बड़ा नुकसान कर सकती है.

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