Advertisement

अखिलेश आज आजमगढ़ से करेंगे नामांकन, क्या साध पाएंगे पूर्वांचल?

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज आजमगढ़ संसदीय सीट से नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. इस दौरान सपा के कई दिग्गज नेता भी मौजूद रह सकते हैं. अखिलेश यादव अपने पिता की संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

(फाइल फोटो- अखिलेश यादव) (फाइल फोटो- अखिलेश यादव)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 8:28 AM IST

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुरुवार को आजमगढ़ संसदीय सीट से नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ से सपा संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पू्र्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव मौजूदा सांसद हैं. उत्तर प्रदेश की ये हाई प्रोफाइल सीट पूर्वांचल की सियासत की चाबी है. लोकसभा चुनाव 2014 में प्रचंड मोदी लहर के बाद भी मुलायम सिंह यादव यहां से अपनी सीट बचाने में कामयाब हो गए थे.

Advertisement

जिस तरह वाराणसी संसदीय सीट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए सुरक्षित किला कही जाती है ठीक वही स्थिति सपा के लिए आजमगढ़ सीट है. पू्र्वांचल में अपना दमखम दिखाने के लिए इस बार अखिलेश यादव ने इस सीट पर पिता की जगह खुद चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

2014 मेें मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ और मैनपुरी दोनों जगहों से चुनाव लड़ा था. उन्हें दोनों जगह जीत मिली थी बाद में उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी. इस सीट पर भी मोदी लहर का कोई असर देखने को नहीं मिला था. तत्कालीन समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी.

इस बार बीजेपी ने भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार अभिनेता दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को आजमगढ़ संसदीय सीट पर उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी ने इस सीट पर लगभग सभी बड़े प्रचारकों को उतारने की योजना बनाई है. कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव को इस सीट पर दिनेश लाल यादव से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है.

Advertisement

दिनेश लाल यादव के चुनाव प्रचार में कई फिल्म अभिनेता भी शामिल हो सकते हैं. निरहुआ को देखने और सुनने के लिए आजमगढ़ में खूब भीड़ इकट्ठा हो रही है लेकिन यह भीड़ वोट में तब्दील हो पाती है या नहीं यह देखना होगा.  

भाषाई स्तर पर पूर्वांचल की इन सीटों पर भोजपुरी भाषा का दबदबा है. ऐसे में किसी दिग्गज कलाकार का उतरना जाहिर तौर पर वोटों को प्रभावित कर सकता है. अखिलेश नामांकन के दौरान ही इस सीट पर पूरी ताकत झोंकने की कोशिश करेंगे.

आजमगढ़ सीट पर पहला लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ था. उस वक्त आजमगढ़ में दो सदस्यीय सीट हुआ करती थी आजमगढ़ (वेस्ट) और आजमगढ़ (ईस्ट और बलिया जिला वेस्ट) जिसमें क्रमशः सीताराम और अलगु राय पहले सांसद बने. 1957 में विश्वनाथ प्रसाद ने जीत हासिल की. यहां से सबसे बड़ी जीत 1977 में मिली जब इस सीट पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव ने जनता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की.

यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत यादव ने 4 बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. इसके अलावा रमाकांत यादव भी 4 बार यहां से चुनाव जीत चुके हैं. रमाकांत यादव 4 में से 2 बार सपा और 1-1 बार बसपा और बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की. रमाकांत यादव 2009 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और संसद पहुंचे, लेकिन 2014 के चुनाव में वह मुलायम सिंह यादव के हाथों हार गए.

Advertisement

2011 की जनगणना के बाद आजमगढ़ जिले की आबादी 46.1 लाख है जिसमें 22.9 लाख पुरुषों की और 23.3 लाख महिलाओं की आबादी है. इसमें 74% आबादी सामान्य वर्ग की और 25% आबादी अनुसूचित जाति की है. धर्म आधारित आबादी के आधार पर 84% लोग हिंदू समाज के हैं जबकि 16% मुस्लिम समाज के हैं. लिंगानुपात के मामले में प्रति हजार पुरुषों में 1019 महिलाएं हैं. वहीं साक्षरता दर के आधार पर देखा जाए तो यहां की 71% आबादी शिक्षित है जिसमें 81% पुरुष और 61% महिलाएं साक्षर हैं.

गौरतलब है कि 2014 के चुनावी समर में कुल 18 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसमें मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह यादव और बीजेपी के रमाकांत यादव के बीच रहा. मुलायम को 3,40,306 (35.4%) मिले जबकि रमाकांत को 277,102 (28.9%) के पक्ष में वोट आए. बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली 266,528 (27.8%) मत हासिल कर तीसरे और कांग्रेस के अरविंद कुमार जयसवाल 17,950 (1.9 फीसदी) वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे.

2014 के आम चुनाव के आंकड़ों के अनुसार मैनपुरी लोकसभा में करीब 16 लाख से अधिक वोटर हैं. जातीय समीकरण को देखें तो इस सीट पर यादव वोटरों का वर्चस्व है, यहां करीब 35 फीसदी मतदाता यादव समुदाय से हैं. जबकि करीब 2.5 लाख वोटर शाक्य हैं. यही कारण रहा है कि यहां समाजवादी पार्टी का एकछत्र राज चलता है. ऐसे में बीजेपी के दिनेश लाल यादव और अखिलेश यादव के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.

Advertisement

अखिलेश यादव नामांकन दाखिल करने के बाद एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. नामांकन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, महाराष्ट्र युनिट के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी भी मौजूद रहेंगे. पार्टी के कुछ अन्य दिग्गज नेता भी नामांकन के दौरान मौजूद रह सकते हैं.

चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement