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मायावती-अखिलेश के बीच गठबंधन पर बनी बात? कल कर सकते हैं सीटों का ऐलान, RLD पर पेच

Akhilesh yadav Mayawati joint press conference आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सीटों का औपचारिक ऐलान कल हो सकता है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती लखनऊ में ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान कर सकते हैं.

अखिलेश यादव और मायावती की होगी ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस अखिलेश यादव और मायावती की होगी ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस
राहुल श्रीवास्तव/कुमार अभिषेक
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 12:41 PM IST

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सीटों और गठबंधन का औपचारिक ऐलान कल यानी शनिवार को हो सकता है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती लखनऊ में ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान कर सकते हैं. हालांकि पेच राष्ट्रीय लोकदल(आरएलडी) को लेकर फंसा हुआ है. क्योंकि अजित सिंह की पार्टी गठबंधन में 5 सीटों की मांग कर रही है, लेकिन सपा-बसपा आरएलडी को 3 सीट देने ही पर राजी दिख रहे हैं. बता दें कि 26 साल पहले हुए गेस्ट हाउस कांड के बाद सपा-बसपा में आई दूरी के बाद यह पहला मौका है जब दोनों पार्टी के नेता एक साथ पत्रकारों के सामने बैठे दिखेंगे.

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बता दें कि एसपी-बीएसपी के गठबंधन को लेकर लंबे वक्त से बातचीत चल रही थी. सपा की ओर से जारी मीडिया निमंत्रण के मुताबिक ये प्रेस कॉन्फ्रेंस लखनऊ के गोमती नगर स्थित होटल ताज में होगी. एक सप्ताह पहले ही दिल्ली में अखिलेश यादव ने मायावती से मुलाकात की थी. दोनों की यह मुलाकात डेढ़ घंटे तक चली थी. मुलाकात के बाद सूत्रों के मुताबिक ऐसी खबरें थीं कि दोनों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो चुका है. अब केवल इसका औपचारिक ऐलान किया जाना बाकी है.

जो फॉर्मूला तैयार हुआ है, उसके मुताबिक समाजवादी पार्टी 35 सीट, बसपा 36 सीट और राष्ट्रीय लोकदल 3 सीट पर चुनाव लड़ेगी. वहीं 4 सीट रिजर्व रखी जाएंगी. इसके अलावा गठबंधन अमेठी और रायबरेली में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा.

मायावती ने अखिलेश को किया था फोन

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यूपी में अवैध खनन मामले को लेकर सीबीआई द्धारा शिकंजा कसने के बाद बसपा अध्यक्ष मायावती ने अखिलेश यादव को फोन किया था. मायावती ने इसे बीजेपी का घिनौना चुनावी षड्यंत्र करार दिया था. उन्होंने कहा था कि ये बीजेपी का पुराना हथकंडा है, जो अपने विरोधियों के खिलाफ आजमाती रहती है.

सतीश चंद्र मिश्रा और रामगोपाल यादव ने भी की थी PC

बता दें कि गोरखपुर उपचुनाव के दौरान से ही दोनों पार्टियां 26 साल की पुरानी दुश्मनी भुलाकर साथ आईं थीं. अखिलेश पर हाल ही में सीबीआई द्धारा शिकंजा कसने के बाद से बसपा पूरी तरह से उसके साथ दिखी है. सपा के महासचिव राम गोपाल यादव और बसपा के सतीष चंद्र मिश्रा ने हाल ही में ज्वाइंट प्रेस कॉन्फेंस करके बीजेपी पर करारा हमला बोला था. सतीष चंद्र मिश्रा ने अखिलेश का बचाव करते हुए कहा कि मुद्दों से भटकाने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है.

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