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साइकिल का सा+ हाथी का थी= सपा-बसपा ऐसे बन गए UP में साथी

सपा के चुनाव निशान साइकिल से सा और बसपा के चुनाव चिन्ह हाथी से थी लेकर 'साथी' बनाया है. इसके साथ ही नारा दिया है कि महागठबंधन से महापरिवर्तन. यही नहीं, सपा के साइकिल के पहिए और बसपा के हाथी सूंड को जोड़कर नया लोगो रचा है.

साइकिल का सा+हाथी का थी= साथी साइकिल का सा+हाथी का थी= साथी
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 19 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 7:57 PM IST

उत्तर प्रदेश में भाजपा को पटकनी देने के लिए 23 साल पुरानी दुश्मनी को भुलाकर एकसाथ आए सपा और बसपा के चुनावी अभियान के लिए सोशल मीडिया पर एक लोगो सर्कुलेट हो रहा है. सपा के चुनाव निशान साइकिल से सा और बसपा के चुनाव चिन्ह हाथी से थी लेकर 'साथी' बनाया है. इसके साथ ही नारा दिया है कि महागठबंधन से महापरिवर्तन. यही नहीं, सपा के साइकिल के पहिए और बसपा के हाथी सूंड को जोड़कर नया लोगो रचा है.

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सपा-बसपा के नए लोगों में दोनों पार्टियों के चुनाव निशान के साथ दोनों दलों के नेताओं की तस्वीरें भी लगाई गई हैं. एक तरफ जहां, सपा की साइकिल के साथ अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव और राम मनोहर लोहिया के फोटो लगे हैं. वहीं दूसरी ओर बसपा का चुनाव निशान हाथी के साथ मायावती, कांशीराम और डॉ. अंबेडकर की तस्वीर लगाई गई है.

सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करके इस लोगो के क्रिएटिविटी का जिक्र किया है. साथ ही उन्होंने इसे बनाने वाली टीम को बधाई दी है. इससे करीब दो घंटे पहले ही उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती की भी तारीफ करते हुए उन्हें पिछड़ों, गरीबों और महिलाओं के सम्मान के लिए संघर्ष का मसीहा बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा समाज को पीछे ले जाना चाहती है. जबकि हम एक बेहतर भविष्य के लिए लड़ रहे हैं.

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बता दें कि अखिलेश यादव और मायावती ने लोकसभा चुनाव में मिलकर नरेंद्र मोदी को हराने का फैसला किया है. सपा-बसपा उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों में से 38 सीटों पर बसपा और 37 सीटों पर सपा चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि, 3 सीटें चौधरी अजित सिंह की पार्टी आरएलडी को दी है. इसके अलावा अमेठी व रायबरेली में कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार न उतारने की घोषणा की है.

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