
लोकसभा चुनाव में बेगूसराय राष्ट्रवाद की प्रयोगशाला बना हुआ है. मंगलवार को सीपीआई के युवा उम्मीदवार कन्हैया कुमार जब निकले तो पूरा बेगूसराय लाल झंडों से पट गया. अपने पैतृक गांव बीहट से निकल कर जिला कलेक्टर के कार्यालय पहुंचने में उन्हें घंटों लगे. पूरा शहर जाम रहा. गांव की गलियों से मुहल्लों से लोग भारी तादाद में पहुंचे थे. बेगूसराय को लेनिनग्राद या मिनी मास्को भी कहा जाता है, लेकिन कहने वाले कहते हैं कि ऐसी भीड़ और ऐसा उत्साह पहले कभी नहीं देखा गया.
कन्हैया कुमार के समर्थन में युवा भरपूर उत्साह में दिख रहे हैं तो उनके समर्थन में फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर भी बेगूसराय के चुनावी मंच से जोरदार भाषण दे रही हैं. स्वरा का कहना है कि कन्हैया को बीजेपी ने फंसाया है. उन पर देशद्रोह के झूठे मुकदमे दर्ज किए गए जबकि कन्हैया सच्चे देशभक्त हैं. स्वरा ने स्पष्ट कहा कि बीजेपी के राष्ट्रवाद से कन्हैया का राष्ट्रवाद सच्चा है.
कन्हैया के समर्थन में जेएनयू के बहुत सारे छात्र नेता बेगूसराय पहुंच चुके हैं. कन्हैया के साथ देशद्रोह का आरोप झेल रही तत्कालीन छात्र संघ की सदस्य शहला राशिद और नजीब की मां भी शामिल हैं. गुजरात में मोदी के विरोध में झंडा उठाने वाले विधायक जिग्नेश मेवाणी ने तो बेगूसराय में डेरा डाल दिया है. इसके अलावा तीस्ता सीतलवाड़ और तमाम एक्टिविस्ट यहां सक्रिय हैं जो कन्हैया को जिताने की कोशिश में लगे हैं.
बेगूसराय के युवाओं में कन्हैया का क्रेज दिख रहा है. कन्हैया के काफिले में काफी संख्या में मुस्लिम युवा भी दिखे जबकि बेगूसराय से आरजेडी ने तनवीर हसन को मैदान में उतारा है. मुस्लिम युवाओं का कहना है कि 2 बार से वो तनवीर हसन को वोट दे रहे थे लेकिन वो बार-बार हार जा रहे थे. इस बार कन्हैया से उम्मीद जगी है.
बेगूसराय में सीपीआई का कैडर वोट है उसमें अगर मुस्लिम और तमाम वोट जुट जाते हैं तो बीजेपी के उम्मीदवार गिरिराज सिंह के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मंगलवार के हजूम को देखकर लगा कि अब बेगूसराय में सीधा मुकाबला गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार में है. दोनों भूमिहार जाति से आते हैं और बेगूसराय लोकसभा सीट पर भूमिहारों की बहुलता है.
बेगूसराय के लोगों को धीरे-धीरे कन्हैया पर यकीन हो रहा है. वामपंथ का गढ़ होने के बावजूद यहां सीपीआई की स्थिति काफी कमजोर हो गई थी. लोगों का कहना है कि जो वर्षो तक सीपीआई की रैली में नहीं आए थे, वो कन्हैया के नॉमिनेशन में आए हैं. 70 वर्षीय रामचंद्र यादव, सीपीआई के कैडर हैं और चंद्रशेखर सिंह के जमाने से हैं. हमेशा सीपीआई को ही वोट देते हैं लेकिन रैली में कई वर्षों के बाद आए.
इस सीट पर व्यापारी समाज के लोगों का कहना है कि बेगूसराय से बीजेपी ही जीतेगी क्योंकि पिछले 5 सालों में यहां काफी काम हुआ है. गंगा नदी में 6 लेन सड़क पुल के साथ रेल ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है. बरौनी में वर्षो से बंद फर्टिलाइजर कारखाने को मोदी सरकार ने शुरू कराया, लोग इसको नहीं भूल सकते. कन्हैया की हवा ऊपरी हवा है.
एक होटल मालिक ने कहा कि चुनाव के ठीक पहले मुसलमान तनवीर हसन के पक्ष में आ जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दौरा यहां हो जाएगा तो माहौल पूरी तरह से बदल जाएगा. लेकिन आज के माहौल में निश्चित रूप से कन्हैया कुमार एक चुनौती हैं.
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर