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इरोड लोकसभा सीट: सत्ता पर काबिज रहना AIADMK के लिए बड़ी चुनौती

Erode Lok Sabha Constituency तमिलनाडु में 2019 लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके और डीएमके दोनों के बीच बड़ी चुनौती है. एक तरफ जहां डीएमके को कांग्रेस का समर्थन है वहीं बीजेपी एआईएडीएमके के साथ हैं, जानिए इरोड लोकसभा सीट का इतिहास और सियासी समीकरण.

प्रतिकात्मक तस्वीर प्रतिकात्मक तस्वीर
सना जैदी
  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:05 AM IST

तमिलनाडु राज्य की इरोड लोकसभा सीट नमक्कल और तिरुप्पुर जिले के अंतर्गत आती है.  2008 में परिसीमन के बाद इरोड संसदीय क्षेत्र का गठन हुआ. पहली बार 2009 में हुए चुनाव में एमडीएमके ने जीत हासिल की तो वहीं दूसरी बार 2014 में हुए चुनाव में एआईएडीएमके ने बहुमत हासिल करके सत्ता पर कब्जा किया. 2014 में एस.सेल्‍वाकुमार चिन्‍नैयन यहां से सासंद बने.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

अस्तित्व में आने के बाद इरोड लोकसभा सीट पर दो बार चुनाव हुए हैं, 2009 में हुए चुनाव में एमडीएमके ने जीत हासिल की थी. एमडीएमके नेता ए. गणेशमूर्ति  को 2,84,148 वोट मिले थे उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार इलांगोवन को मात दी थी तो वहीं 2014 में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के एस.सेल्‍वाकुमार चिन्‍नैयन ने 2,11,563 वोटों से एमडीएमके नेता ए. गणेशमूर्ति को हराकर पहली बार सीट पर जीत दर्ज की.  2014 में इरोड लोकसभा सीट पर 76.33 फीसदी मतदान हुआ था. जिसमें एआईएडीएमके को 46.3 प्रतिशत, डीएमके को 21.54 फीसदी और कांग्रेस को 2.65 फीसदी वोट मिले थे.

सामाजिक ताना-बाना

इरोड शहर कावेरी नदी के तट पर स्थित है. यह कृषि और कपड़े के व्यापार के लिए जाना जाता है. 2011 की जनगणना के अनुसार इरोड संसदीय क्षेत्र की कुल जनसंख्या 16,90,678 है. जिसमें से 36.16 फीसदी लोग ग्रामीण इलाके में रहते हैं, जबकि 63.84 फीसदी शहरी आबादी है. इनमें 16.66  फीसदी अनुसूचित जाति (SC) और 0.07 फीसदी अनुसूचित जनजाति (ST) के लोग शामिल हैं. इरोड लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें से एक सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है. इरोड में कुमारपलायम (Kumarapalayam), इरोड ईस्ट(Erode East), इरोड वेस्ट (Erode West), मोदकुरिची (Modakurichi),धारापुरम (Dharapuram), कंग्यम (Kangayam) विधानसभा सीटें शामिल हैं.

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इरोड लोकसभा सीट का 2014 का जनादेश

2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद एस.सेल्‍वाकुमार चिन्‍नैयन को 13,21,395 में से 4,66,995 वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी और एमडीएमके नेता ए. गणेशमूर्ति  को 2,84,148 वोट मिले थे. वहीं डीएमके उम्मीदवार को 2,17,260 और कांग्रेस को 26,726  वोट मिले थे. जबकि निर्दलीय के खाते में 7,478 औरनोटा के हिस्से में 16,268 वोट आए थे. आंकड़ों के मुताबिक 2014 में यहां 76.33 फीसदी वोटिंग हुई थी. जिसमें 77.90 फीसदी पुरुष और 74.77 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया था. गौरतलब है कि 2014 लोकसभा चुनाव में राज्य की 39 लोकसभा सीटों में से 37 सीटों पर अकेले एआईएडीएमके ने जीत दर्ज हासिल की थी. वहीं एक सीट पर बीजेपी गठबंधन और एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

इरोड लोकसभा सीट से सांसद एस.सेल्‍वाकुमार चिन्‍नैयन की उम्र 60 साल है. पेशे से वकील चिन्‍नैयन ने मद्रास कॉलेज से बी. एससी, एम.ए. और लॉ की डिग्री हासिल की है. चिन्‍नैयन के संसद में प्रदर्शन की बात करें तो वो 233 दिन उपस्थित रहे यानी सदन में उनकी 72.59 फीसदी उपस्थिति रही है. इसके अलावा उन्होंने कुल 98 सवाल पूछे और 23 डिबेट्स में हिस्सा लिया है. वहीं सदन में उन्होंने कोई प्राइवेट बिल पेश नहीं किया है. सांसद निधि के तहत मिली रकम में से उन्होंने 17.91 करोड़ रुपये खर्च कर दिए यानी एस.सेल्‍वाकुमार चिन्‍नैयन ने अपने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों में 71.64 फीसदी रकम खर्च कर दी. सांसद एस.सेल्‍वाकुमार चिन्‍नैयन 1 सितंबर 2014 से गृह कार्य संबंधी स्‍थायी समिति के सदस्य हैं.

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