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3 बार असम के CM रहे तरूण गोगोई, कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार

तरुण गोगोई 3 बार असम के मुख्यमंत्री रहे हैं. बीजेपी के हाथों उन्हें अपनी सत्ता गंवानी पड़ी. तरुण को इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का करीबी माना जाता था. वह 6 बार असम से सांसद भी रहे.

तरुण गोगोई(फोटो-ट्वीटर) तरुण गोगोई(फोटो-ट्वीटर)
अमित राय
  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST

तरूण गोगोई की गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती रही है. हिंदी पट्टी के लोग भी उनका नाम जानते हैं, क्योंकि गोगोई 3 बार असम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. गोगोई ऐसे नेता रहे हैं जिसने कांग्रेस की तीनों पीढ़ियों के साथ काम किया है. तरूण गोगोई को देश की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी का भी करीबी माना जाता था. उन्होंने राजीव गांधी व सोनिया गांधी के साथ भी काम किया है और राहुल गांधी का विश्वास भी उन्हें प्राप्त था.

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तरूण गोगोई 2001 से लेकर 2016 तक लगातार 3 कार्यकाल तक असम के मुख्यमंत्री रहे हैं. 2016 में वह खुद मैदान में नहीं आना चाहते थे, उन्होंने अपनी उम्र का हवाला देकर राजनीति से दूर जाना चाहा. लेकिन जनता की बेहद मांग और पार्टी कार्यकर्ताओं के गुजारिश के बाद उन्हें मैदान में उतरना पड़ा. हालांकि विपक्षी कहते हैं कि तरूण गोगोई को असम की जनता की नब्ज पता है उन्हें अंदेशा हो गया था कि 2016 में कांग्रेस की सरकार नहीं बनने वाली. इसलिए वह चुनाव से दूर रहना चाहते थे. उन्हें कार्यकर्ताओं की जिद के आगे झुकना पड़ा. वो एक सम्मानित विदाई चाहते थे, जो नहीं हो पाई.

गोगोई का जन्म असम के शिवसागर जिले में 1 अप्रैल 1936 को हुआ था, हालांकि अब शिवसागर जोरहाट जिले में पड़ता है. गोगोई ने ग्रेजुएशन के बाद गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की. राजनीति का ककहरा उन्होंने नगर निगन से सीखा. एक बार राजनीति में कदम रखने के बाद गोगोई ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1968 में गोगोई नगर निगम के मेंबर बने थे और इसके ठीक 3 साल बाद गोगोई को जोरहाट से लोकसभा का टिकट मिल गया. 

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राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा रहती है कि इंदिरा गांधी ने युवा गोगोई की प्रतिभा को पहचान लिया था और वह यह मानकर चल रही थीं कि गोगोई की वजह से असम में पार्टी को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. बाद में गोगोई ने यह साबित भी कर दिखाया. 1971 में गोगोई को जोरहाट से लोकसभा का टिकट मिला और वो संसद पहुंच गए. वह यहां से 4 बार सांसद चुने गए. इसके बाद 2 बार कलियाबोर सीट से चुनाव जीते, कलियाबोर से फिलहाल उनके बेटे गौरव गोगोई सांसद हैं.

गोगोई ग्रास रूट के नेता माने जाते रहे हैं. सांसद रहते हुए भी उन्होंने कभी असम की राजनीति की अनदेखी नहीं की. 1986-90 तक गोगोई असम कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. गोगोई 4 विधानसभा चुनाव भी जीत चुके हैं. पहली बार 1996 में उन्होंने मार्गेरिटा निर्वाचन क्षेत्र से विजय हासिल की. वहीं 2003 में तीताबोर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए थे.

व्यक्तिगत जीवन

1971 में सांसद चुने जाने के बाद 1972 में तरूण गोगोई ने डॉली गोगोई से विवाह किया. इनको दो बच्चे गौरव गोगोई और चंद्रिमा गोगोई हैं. गौरव गोगोई सांसद हैं.

तरूण गोगोई उन नेताओं में से रहे हैं जो अपने को फिट रखने में यकीन रखते हैं. उन्हें पढ़ने का शौक है, फूलों में अपने हाथों से पानी से देना उन्हें अच्छा लगता है. टेनिस और क्रिकेट में भी उन्हें उतनी ही रुचि है जितनी क्रिकेट में. वह गोल्फ भी खेलते हैं. तरूण गोगोई का जन्म 11 अक्टूबर 1934 को हुआ था फिलहाल 84 साल के हो चुके हैं. गोगोई के पिता का नाम डॉक्टर डॉक्टर कमलेश्वर गोगोई और माता का नाम कमलेश्वर गोगोई है.

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