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तुरा लोकसभा सीट: कौन-कौन है उम्मीदवार, किसके बीच होगी कड़ी टक्कर

तुरा लोकसभा सीट पर 2019 से पहले तक कुल 15 बार चुनाव और उपचुनाव हो चुके हैं. इस सीट को पहले कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. इस सीट पर कांग्रेस ने आठ बार जीत दर्ज की. हालांकि साल 1999 के बाद से इस सीट पर एनसीपी, एनपीपी और तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है. साल 2014 और 2009 के लोकसभा चुनाव में एनपीपी ने जीत दर्ज की थी. 2019 के चुनावी मैदान में कौन-कौन इस सीट से उम्मीदवार हैं. जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर.

पीए संगमा के लिए जानी जाती है यह तुरा लोकसभा सीट (फाइल-PTI) पीए संगमा के लिए जानी जाती है यह तुरा लोकसभा सीट (फाइल-PTI)
सुरेंद्र कुमार वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 2:32 PM IST

लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी जीत हासिल करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ी कामयाबी हासिल करनी होगी. ऐसे में मेघालय में भी उसकी नजर रहेगी. मेघायल के दो संसदीय सीटों में से एक तुरा लोकसभा सीट पर पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होना है. यहां मुख्य लड़ाई कांग्रेस, एनसीपी और दिवंगत पीए संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के बीच ही रहती है जबकि बीजेपी भी कड़ी टक्कर दे सकती है.

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तुरा लोकसभा सीट से नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेता कॉनरॉड के. संगमा सांसद हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में कुल 3 उम्मीदवार मैदान में हैं. कॉनरॉड के. संगमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद नेशनल पीपुल्स पार्टी की ओर से अगाथा के संगमा मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से डॉक्टर मुकुल संगमा और भारतीय जनता पार्टी की ओर से रिकमैन गैरी मोमीन अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

तुरा लोकसभा सीट पर 2019 से पहले तक कुल 15 बार चुनाव और उपचुनाव हो चुके हैं. इस सीट को पहले कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. इस सीट पर कांग्रेस ने आठ बार जीत दर्ज की. हालांकि साल 1999 के बाद से इस सीट पर एनसीपी, एनपीपी और तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है. साल 2014 और 2009 के लोकसभा चुनाव में एनपीपी ने जीत दर्ज की थी.

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तुरा लोकसभा में 24 विधानसभा क्षेत्र

अगर इतिहास की बात करें तो साल 1980 से लोकसभा चुनाव और उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 6 बार जीत दर्ज की. वहीं एनसीपी ने दो बार और एनपीपी ने भी दो बार इस सीट पर कब्जा जमाया. यहां कुल मतदाताओं की संख्या 5,86,501 है. इनमें 2,97,230 पुरुष वोटर हैं, जबकि 2,89,271 महिला वोटर हैं.

तुरा लोकसभा क्षेत्र में 24 विधानसभा क्षेत्रों को समाहित किया गया है. यह इलाका पश्चिम गारो हिल्स जिले का पर्वतीय शहर है. यह पहाड़ियों की तलहटी में बसा है. माना जाता है कि यहां दुरामा देवता इन पर्वतों में वास करते हैं. यह गारो हिल्स जिले का मुख्यालय भी कहा जाता है. इसके अलावा क्षेत्र गारो जनजाति के लोगों का सांस्कृतिक और प्रशासनिक केन्द्र है. यहां बलफकरम राष्ट्रीय उद्यान, नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान है.

2014 में जीते थे पीए संगमा

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में तुरा सीट से पीए संगमा ने जीत दर्ज की थी. संगमा लोकसभा के स्पीकर भी रहे थे. बतौर एनपीपी प्रत्याशी उन्होंने कांग्रेस पार्टी के डैरिल विलियम चेरान मोमिन को करीब 39,716 वोटों से हराया था. पीए संगमा को साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 2,39,301 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार डेरिल विलियम चेरान मोमिन को 1,99,585 मत हासिल हुए थे. इस चुनाव में 19,185 वोटरों ने नोटा का इस्तेमाल किया था.

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हालांकि साल 2016 में पीए संगमा के निधन होने की वजह से इस सीट पर उपचुनाव हुए. इस बार पीए संगमा के बेटे कोनराड संगमा ने जीत दर्ज की. हालांकि 2018 में वो राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. कोनराड के इस्तीफे के बाद से यह सीट अभी तक खाली है.

वहीं, अगर 2009 के लोकसभा चुनाव की बात करें, तो अगाथा संगमा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. अब एक बार फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री अगाथा संगमा को उम्मीदवार बनाया गया है. अगाथा तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं. अगाथा भारत सरकार की 15वीं लोकसभा के मंत्रिमंडल में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रह चुकी हैं. वो पीए संगमा की बेटी और राज्य के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की बहन हैं.

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