Advertisement

जयंत सिन्हा ने मानी लिंचिंग के आरोपियों की मदद की बात, गरीबी का दिया तर्क

केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने माना है कि उन्होंने और बीजेपी के कुछ दूसरे नेताओं ने रामगढ़ लिंचिंग केस के आरोपियों की मदद की थी. सिन्हा ने इसके लिए उन आरोपियों के गरीब होने का तर्क दिया है. जयंत सिन्हा ने कहा कि वे (आरोपी) गरीब परिवार से आते थे, उनके परिजनों ने हमसे गुहार लगाई कि हम उनकी कुछ वित्तीय मदद करें ताकि वे  ढंग का वकील कर सकें.

चुनाव प्रचार के दौरान जयंत सिन्हा (फोटो-twitter/jayantsinha) चुनाव प्रचार के दौरान जयंत सिन्हा (फोटो-twitter/jayantsinha)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2019,
  • अपडेटेड 8:39 PM IST

मोदी सरकार के मंत्री जयंत सिन्हा ने माना है कि उन्होंने और बीजेपी के कुछ दूसरे नेताओं ने रामगढ़ लिंचिंग केस के आरोपियों की मदद की थी. सिन्हा ने इसके लिए उन आरोपियों के गरीब होने का तर्क दिया है. जयंत सिन्हा ने कहा कि वे (आरोपी) गरीब परिवार से आते थे, उनके परिजनों ने हमसे गुहार लगाई कि हम उनकी कुछ वित्तीय मदद करें ताकि वे  ढंग का वकील कर सकें. केंद्रीय मंत्री ने माना कि उन्होंने और बीजेपी के दूसरे नेताओं ने वकीलों की फीस देने में उनकी मदद की.

Advertisement

गौरतलब है कि हजारीबाग में 6 मई को लोकसभा चुनाव है. इससे पहले बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे लिंचिंग की कड़ी निंदा करते हैं और किसी को भी कानून हाथ में लेने का हक नहीं है. सिन्हा ने ये भी कहा कि अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, "लिंचिंग को हम बिल्कुल स्वीकार नहीं करते. ये गैरकानूनी है और बिल्कुल गलत है. अगर कोई ऐसा करता है तो हमारी सरकार उसके खिलाफ बिल्कुल कार्रवाई करेगी."

बता दें कि जून 2017 में झारखंड के रामगढ़ में कुछ लोगों ने अलीमुद्दीन नाम के शख्स को पीट-पीटकर मार डाला था. इस घटना के आरोपियों को केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने जमानत पर छूटने के बाद अपने घर में माला पहनाकर सम्मानित किया था. इस घटना से जुड़ी तस्वीरें मीडिया में आने के बाद जबर्दस्त हंगामा मचा था और जयंत सिन्हा को सफाई देनी पड़ी थी. यहां तक कि जयंत सिन्हा के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वे नालायक बेटे के लायक पिता हैं.

Advertisement

जयंत सिन्हा ने अब अपने उस कृत्य का ये कहकर बचाव किया है कि उनके घर आए आरोपी तो निर्दोष थे. उन्होंने कहा कि रामगढ़ की इस घटना पर उन्हें बेहद दुख है, लेकिन जो लोग उनके घर आए थे वे निर्दोष थे. कोई भी अगर हाईकोर्ट का बेल ऑर्डर पढ़े तो पाएगा कि जो लोग उनके घर आए थे वे कसूरवार नहीं थे. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जब मैं संपूर्ण न्याय की बात करता हूं तो जो विक्टिम हैं उन्हें तो इंसाफ मिलना ही चाहिए, लेकिन जो निर्दोष थे और जिन्हें गलत तरीके से जेल में डाला गया उनके साथ भी न्याय होना चाहिए, और वे इतने गरीब थे कि उनके पास पैसे भी नहीं थे कि वे अदालत में अपना केस सही ढंग से प्रस्तुत कर सकें."

बीजेपी से बगावत कर पार्टी छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे और मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने बेल ऑर्डर में कहा कि इनके खिलाफ कोई प्रमाण नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वो जमानत पर रिहा होकर मेरे घर आए और मेरे पैरों पर पड़ गए. उनके माता-पिता ने मुझसे उनका अभिनंदन करने को कहा और मैंने कर दिया. गौरतलब है कि हाईकोर्ट से जमानत पर ये सभी लोग अभी भी बरी नहीं हुए हैं बल्कि जमानत पर हैं.

Advertisement

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अभी भी विपक्ष के कई नेता जमानत पर रिहा हैं और उन्हें माला पहनाई जाती है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से जेल भेजा गया था. पार्टी ने उन्हें सहयोग दिया और मैंने भी सहयोग दिया. उन सबको उन्होंने धन्यवाद दिया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर इस केस की पीड़ित मरियम खातून भी उनके घर आतीं तो वे उन्हें सहयोग करते. 

चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़ लेटर

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement