
राष्ट्रपति भवन परिसर में पीएम नरेंद्र मोदी समेत उनके 58 मंत्रियों ने गुरुवार को शपथ ली. 17वीं लोकसभा के तहत बनी इस सरकार में उत्तर प्रदेश से ही मोदी के अलावा 8 लोगों को शामिल किया गया है. जबकि मोदी सरकार की पिछली कैबिनेट में 12 लोग शामिल थे. इस तरह से चार चेहरों के इस बार जगह नहीं मिल सकी है.
1. राजनाथ सिंह: मंत्रियों में प्रधानमंत्री मोदी के बाद कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने वालों के क्रम में दूसरे नंबर पर रहे राजनाथ सिंह. भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के कद्दावर नेताओं में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का भी नाम आता है. उत्तर प्रदेश की लखनऊ सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रत्याशी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह गठबंधन की तरफ से लड़ रहीं सपा प्रत्याशी पूनम सिन्हा को करीब तीन लाख 40 हजार वोटों से हराकर संसद पहुंचे हैं.
2. स्मृति ईरानी: नरेंद्र मोदी सरकार में स्मृति ईरानी ने भी कैबिनेट मिनिस्टर के रूप में शपथ ली. आपको बता दें कि स्मृति ईरानी 2014 में अमेठी से चुनाव लड़ी थीं लेकिन तब वह चुनाव हार गई थीं. इस बार उन्होंने दोबारा अमेठी से चुनाव लड़ा. कड़े मुकाबले में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को करारी शिकस्त दी
3. मुख्तार अब्बास नकवी: मोदी सरकार में मुख्तार अब्बास नकवी ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली. राज्यसभा सदस्य नकवी पिछली सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री थे. वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.
4. महेंद्रनाथ पांडे: उत्तर प्रदेश में बीजेपी का कमल खिलाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडे के कंधों पर भी थी. 2014 के लोकसभा चुनाव मे पार्टी ने इन्हें चंदौली लोकसभा सीट से टिकट देकर मैदान में उतारा. मोदी लहर में उन्होंने बसपा के अनिल मौर्य को करीब ढाई लाख मतों से मात देकर सांसद बने और मोदी सरकार में राज्यमंत्री चुने गए थे.इस बार उन्होंने बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ ली.
5. साध्वी निरंजन ज्योति: 17वीं लोकसभा चुनाव में यूपी की फतेहपुर संसदीय सीट पर साध्वी निरंजन ज्योति ने गठबंधन उम्मीदवार बसपा के सुखदेव प्रसाद वर्मा को 198205 मतों से हराया है. वे पिछली सरकार में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री रह चुकी हैं. इस बार उन्होंने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली.
6. संजीव कुमार बालियान: 17वीं लोकसभा चुनाव के तहत उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर सीट से मौजूदा सांसद भाजपा प्रत्याशी संजीव कुमार बालियान ने गठबंधन उम्मीदवार राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख चौधरी अजित सिंह को 6526 मतों से पटखनी दी. बालियान 2014 में मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद चुने गए थे. 2014 से 2017 तक मोदी सरकार में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी उनके पास थी, लेकिन सिंतबर 2017 में वह कैबिनेट से बाहर कर दिए गए. बालियान 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे में आरोपी रहे हैं. इस बार उन्होंने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली.
7. जनरल वीके सिंह: 17वीं लोकसभा चुनाव के तहत उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रमुख जनरल वीके सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी गठबंधन उम्मीदवार सपा के सुरेश बंसल को 501500 मतों से हरा दिया है. सेनाध्यक्ष पद से रिटायर होने वाले वीके सिंह ने 2014 में मोदी लहर पर सवार होकर चुनावी वैतरणी पार की थी. इस बार उन्होंने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली.
8. संतोष गंगवार: संतोष गंगवार भारतीय राजनीति का एक जाना पहचाना नाम हैं. बरेली संसदीय सीट से चुनकर आए संतोष गंगवार को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिया गया है. 2019 में वे 8वीं बार सांसद बने हैं. उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के भगवत शरण गंगवार को 1,67,282 वोटों से पराजित किया.
9. नरेंद्र दामोदार दास मोदी: नई सरकार में बतौर प्रधानमंत्री शपथ लेने वाले नरेंद्र दामोदार दास मोदी खुद भी उत्तर प्रदेश की वाराणसी से चुनाव जीतते आ रहे हैं. वाराणसी सीट से उनके मैदान में होने से लोकसभा चुनाव 2019 की सबसे हाईप्रोफाइल सीट बनी इस सीट पर पूरे देश की नजरें टिकी रहीं. नरेंद्र मोदी समेत कुल 26 उम्मीदवार इस सीट से चुनाव लड़ रहे थे. वहीं, पीएम मोदी ने सभी प्रत्याशियों की पीछे छोड़ते हुए दूसरी बार जीत दर्ज की है.
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री सहित 13 मंत्री शामिल थे. इनमें राजनाथ सिंह, उमा भारती, मेनका गांधी, संतोष गंगवार, महेश शर्मा, मनोज सिन्हा, वीके सिंह, शिव प्रताप शुक्ल, साध्वी निरंजन ज्योति, कृष्णा राज, अनुप्रिया पटेल और सत्यपाल सिंह सिंह मंत्री थे. हालांकि 2014 में संजीव बालियान और कलराज मिश्रा मंत्री बनाए गए थे, लेकिन सरकार के बीच कार्यकाल में मंत्रिमंडल के विस्तार पर बालियान की जगह सत्यपाल सिंह और कलराज मिश्रा की जगह शिव प्रताप शुक्ला को शामिल किया गया था.
इस बार के मंत्रिमंडल में मेनका गांधी, महेश शर्मा, शिव प्रताप शुक्ला, सत्यपाल सिंह, अनुप्रिया पटेल, मनोज सिन्हा और उमा भारती को इस बार मंत्री मंडल में जगह नहीं मिल सकी है. हालांकि सत्यपाल सिंह की जगह संजीव बालियान पर भरोसा जताया है. जबकि उमा भारती चुनाव नहीं लड़ी हैं और मनोज सिन्हा गाजीपुर सीट से चुनाव हार गए हैं, जिसके चलते वो मंत्री बनने से महरूम रह गए हैं. वहीं, शिव प्रताप शुक्ला की जगह महेंद्र नाथ पांडेय पर एक बार फिर भरोसा जताया है. वह यूपी बीजेपी अध्यक्ष बनने से पहले मोदी सरकार में मंत्री थे.
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के संग्राम में उत्तर प्रदेश की राजनितिक अहमियत सबसे ज्यादा रही है. चुनाव से पहले प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन के मद्देनजर बीजेपी की राह आसान नहीं थी. हालांकि, नतीजों में बीजेपी ने राज्य की 80 सीटों में से 62 सीटें हासिल करने में कामयाबी पाई. अगर एनडीए में बीजेपी के सहयोगियों की बात की जाए तो ये आंकड़ा 64 का रहा है.