
यूपी की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी मेनका गांधी के एक कदम की चर्चा है. उन्होंने महाराष्ट्र में पकड़े गए 92 मछुआरों की रिहाई के लिए महाराष्ट्र सरकार से बात की है. मेनका गांधी ने मछुआरों को रिहा करवाने के लिए कार्यवाही शुरू करवा दी है. कागजी कार्यवाही पूरी होते ही जिले के सभी मछुआरे वापस अपने घर लौटेंगे. चूंकि, यह एक चुनावी भी मुद्दा था, ऐसे में मेनका गांधी के इस कदम को उनके प्रतिद्वंदी मछुआरा समाज से आने वाले सपा प्रत्याशी राम भुआल निषाद के लिए सेटबैक के तौर पर देखा जा रहा है.
कहा जा रहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के चुनाव के दौरान उठाए गए इस कदम से सपा और बसपा प्रत्याशी बैकफुट पर आ गए हैं. क्योंकि, विपक्ष मछुआरों की रिहाई का मुद्दा उठा रहा था. लेकिन अब जब मछुआरों की रिहाई होने वाली है तो ऐसे में विपक्ष के पास से एक बड़ा मुद्दा फिसल गया है.
दरअसल, सुल्तानपुर जिले के कई इलाकों में रहने वाले निषाद बिरादरी के 92 मछुआरे महाराष्ट्र के रायगढ़ इलाके के समुद्र में मछली पकड़ने गए थे. लेकिन ये लोग प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच गए, जिसके चलते 14 नावों के साथ सभी मछुआरों को कोस्टगार्ड ने पकड़ लिया. कोस्टगार्ड ने इन मछुआरों को वहां के मत्स्य विभाग को सौंप दिया था. बाद में जुर्माना लगाकर उन्हें हिरासत में ले लिया गया. जुर्माने की रकम न अदा करने के कारण ये मछुआरे पिछले महीने से ही फंसे हुए हैं.
फिलहाल, मेनका गांधी इन मछुआरों को रिहा कराने के लिए महाराष्ट्र सरकार से बात की है और उन सभी की रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जिसके बाद अब बीजेपी प्रत्याशी मेनका गांधी अब इस मुद्दे को अपने चुनावी कैंपेन में उठा रही हैं.
महाराष्ट्र के रायगढ़ में फंसे सुल्तानपुर के लम्भुआ क्षेत्र के रहने वाले मछुआरे समर बहादुर निषाद की मानें तो वे लोग एक महीने से ज्यादा समय से फंसे हुए हैं. परेशान होकर परिजनों द्वारा इस मामले में मेनका गांधी से मदद मांगी गई. मेनका गांधी की पहल पर सभी को छोड़ने की तैयारी शुरू हो गई है. इनमें से कुछ लोग तो वापस अपने घर आ भी गए हैं. शेष लोगों के घर भेजने की तैयारी हो रही है.
इस मुद्दे को अब मेनका गांधी अपनी चुनावी सभाओं में उठा रही हैं. उन्होंने रिहाई के लिए बीजेपी सरकार को श्रेय दिया है. ऐसे में लोकसभा चुनाव में मछुआरों की रिहाई का मुद्दा जोर पकड़ रहा है. इससे बीजेपी को फायदा मिल सकता है.