Advertisement

दिल्ली में AAP-कांग्रेस के बीच डील पक्की, 4-3 के हिसाब से होगा सीटों का बंटवारा, लेकिन पंजाब ने फंसाया पेच!

अगर बात पंजाब की करें तो वहां गठबंधन की राह आसान नजर नहीं आ रही है. AAP और कांग्रेस राजनीति में एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होने की जरूरत का महत्व भी समझती हैं. हालांकि दोनों पार्टियां लगातार इस बात पर जोर दे रही हैं कि वे पंजाब की सभी सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगी.

AAP-कांग्रेस के बीच दिल्ली में गठबंधन का रास्ता साफ हो गया है AAP-कांग्रेस के बीच दिल्ली में गठबंधन का रास्ता साफ हो गया है
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:15 AM IST

INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग पर मंथन जारी है. इसी बीच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को एक अहम बैठक की. बैठक में दिल्ली को लेकर AAP और कांग्रेस में गठबंधन पक्की मानी जा रही है. दिल्ली में एक पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि दूसरी 3 सीटों पर. दिल्ली में लोकसभा के कुल 7 सीट हैं. 

हालांकि अभी ये तय करना है कि कौन सी पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कौन सी पार्टी दिल्ली की 3 सीटों पर चुनावी ताल ठोकेगी. गौर करने वाली बात ये भी है कि इस बात पर भी कोई सहमति नहीं हुई है कि कौन सी पार्टी किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

Advertisement

AAP नेता राघव चड्ढा ने इस बैठक को सकारात्मक बताया है. वहीं, सूत्रों ने बताया कि जहां तक दिल्ली में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन का सवाल है, तो कोई दिक्कत सामने नहीं आई है.

पंजाब में गठबंधन नहीं

अगर बात पंजाब की करें तो वहां गठबंधन की राह आसान नजर नहीं आ रही है. AAP और कांग्रेस राजनीति में एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होने की जरूरत का महत्व भी समझती हैं. हालांकि दोनों पार्टियां लगातार इस बात पर जोर दे रही हैं कि वे पंजाब की सभी सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगी. क्योंकि दोनों ही पार्टियां पंजाब में अपना राजनीतिक दबदबा बढ़ाने के साथ ही इस उम्मीद में भी हैं कि चुनाव के परिणाम उनके पक्ष में होंगे. इसलिए पंजाब में AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. 

Advertisement

इन राज्यों में विस्तार चाहती है AAP

दिल्ली और पंजाब के अलावा AAP गुजरात, गोवा और हरियाणा जैसे अन्य राज्यों में अपना विस्तार करना चाहती है. इसे लेकर कांग्रेस अगले 2 से 3 दिनों के भीतर अपने स्थानीय नेतृत्व से परामर्श करने और प्रतिक्रिया देने पर सहमत हुई है. आगामी चुनावों में AAP और कांग्रेस के मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना काफी बढ़ गई है. खासकर दिल्ली और गुजरात में. इस संभावित गठबंधन का लक्ष्य आपसी तालमेल का लाभ उठाना और मजबूत विपक्ष के रूप में एक मोर्चा पेश करना है.

सीट शेयरिंग पर हुई बैठक

शुक्रवार को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग के लिए बैठक हुई. इस बैठक में क्या तय हुआ है, ये तो अभी सामने नहीं आया है, हालांकि दोनों ही दलों के नेताओं ने जिस तरह की प्रतिक्रिया दी है, उसमें उन्होंने इस मीटिंग को सकारात्मक ही बताया है. शाम को बैठक खत्म होने के बाद आप नेता राघव चड्ढा ने अपने बयान में कहा कि, 'आज हुई मुलाकात काफी सकारात्मक रही. हर राज्य पर हम टिप्पणी नहीं कर सकते. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, अरविंद केजरीवाल कल इंडिया ब्लॉक की वर्चुअल बैठक में भाग लेंगे. दूसरी ओर कांग्रेस से इस बैठक में मौजूद रहे सलमान खुर्शीद ने कहा कि, हमें आज मीटिंग में एक बढ़िया केमिस्ट्री देखनी को मिली है, हम निर्णय की ओर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.

Advertisement

अंतिम फैसले का इंतजार

निष्कर्ष के तौर पर यह स्पष्ट है कि AAP और कांग्रेस की मुलाकात ने भारतीय राजनीति में एक रणनीतिक बदलाव का संकेत दिया है. ये चर्चाएं राष्ट्रीय महत्व रखती हैं, क्योंकि ये आगामी चुनावों में मजबूती से उतरने के साथ ही साझा राजनीतिक हितों से प्रेरित संभावित गठबंधनों के उभरने का संकेत है. हालांकि अभी अंतिम फैसला का इंतजार है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement