
देश के दो नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर मची खींचतान के बीच कांग्रेस के सीनियर नेता अधीर रंजन चौधरी ने बड़ा दावा किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल के साथ मीटिंग के बाद अधीर रंजन ने कहा,'नए चुनाव आयुक्तों के लिए ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू का नाम तय किया गया है.'
अधीर रंजन का दावा है कि ज्ञानेश कुमार केरल से हैं, जबकि दूसरे सुखबीर संधू का ताल्लुक पंजाब से हैं. उन्होंने आगे कहा कि वह इस चयन प्रक्रिया का समर्थन नहीं करते हैं. वैसे भी समिति में सरकार के पास बहुमत है. कांग्रेस नेता ने कहा कि एक रात पहले ही उन्हें 212 नामों की लिस्ट मिली. इतने कम समय में 212 नामों की जांच और समीक्षा करना संभव नहीं है. बैठक में सरकार की तरफ से 212 में से 6 नाम दिए गए.
सहकारिता मंत्रालय से हुए रिटायर
बता दें कि ज्ञानेश कुमार कुछ दिनों पहले ही सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए हैं. यहां ज्ञानेश ने मंत्रालय के गठन के समय से लेकर अब तक काम किया. सहकारिता मंत्रालय गृह मंत्री अमित शाह के अंतर्गत आता है. इससे पहले ज्ञानेश कुमार गृह मंत्रालय में कश्मीर डिवीजन के जॉइंट सेक्रेटरी थे, उनके समय ही धारा 370 हटाई गई थी.
1988 बैच के केरल काडर के हैं IAS
ज्ञानेश कुमार ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. गृह मंत्रालय के साथ काम करते हुए उनकी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक की तैयारी में भी सक्रिय भूमिका रही. गृह मंत्रालय में ज्ञानेश पदोन्नत होकर एडिशनल सेक्रेटरी भी बने थे. वह 1988 बैच के केरल काडर के आईएएस ऑफिसर हैं.
कौन है पूर्व IAS अधिकारी सुखबीर संधू
पूर्व आईएएस अधिकारी सुखबीर संधू को जुलाई 2021 में ओम प्रकाश की जगह उत्तराखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था. 1988 बैच के आईएएस अधिकारी संधू भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष के रूप में केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थे. केन्द्र सरकार ने इनको एक साल के लिए लोकायुक्त सचिव नियुक्त किया था. उस वक्त नियुक्ति के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति द्वारा जारी नियुक्ति पत्र के मुताबिक उत्तराखंड कैडर और 1988 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ. सुखबीर संधू की नियुक्ति एक वर्ष की अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर की गई. गौरतलब है कि संधू पिछले साल 30 सितंबर को उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे.