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उत्तर प्रदेश के कन्नौज से अखिलेश यादव का चुनाव लड़ना लगभग तय हो चुका है. देर रात से अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की संभावना तेज हो गई. अब केवल औपचारिक ऐलान बाकी रह गया है. दरअसल, कन्नौज से सपा का एक प्रतिनिधि मंडल कल अखिलेश से मुलाकात करने लखनऊ पहुंचा था, जिसमें मौजूद सपा नेताओं ने तेज प्रताप के लिए कन्नौज की जमीन को अभी लाभदायक नहीं बताया.
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि बीजेपी उम्मीदवार सुब्रत पाठक को हराने के लिए अखिलेश यादव का खुद कन्नौज से चुनाव लड़ना जरूरी है. सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव इसके लिए तैयार हो गए हैं. कल उनका नामांकन करना तय है. बता दें कि इससे पहले सुब्रत पाठक ने आज तक से बात करते हुए कहा था कि वह चाहते हैं अखिलेश यादव ही यहां से चुनाव लड़ें, तभी चुनाव दमदार होगा.
...तो चुनाव में नहीं रह जाएगी कोई आग
सुब्रत पाठक ने कहा था कि कन्नौज अब समाजवादी पार्टी का गढ़ नहीं रह गया है. वह चाहते हैं कि अखिलेश यादव ही कन्नौज से चुनाव लड़ें. क्योंकि चुनाव में मजा तभी आएगा. अगर तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ेंगे तो चुनाव में कोई आग नहीं रह जाएगी. सुब्रत पाठक ने कहा,'समाजवादी पार्टी की आदत है कि वह अपनी सीट पर उम्मीदवार बदल देती है, भले ही अखिलेश कन्नौज से लड़ें, इससे कोई असर नहीं पड़ने वाला है.'
अमेठी में बड़े अंतर से जीतेंगी स्मृति ईरानी
सुब्रत पाठक ने स्मृति ईरानी और रॉबर्ट वाड्रा की टिप्पणी पर कहा,'वाड्रा भू-माफिया हैं और स्मृति ईरानी इस बार बड़े अंतर से जीत रही हैं, राहुल के भी चुनाव लड़ने से अमेठी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.बनारस और बिहार समेत पूरा पूर्वी यूपी बीजेपी को रिकॉर्ड सीटें देगा. पीएम मोदी के काम ने इस क्षेत्र की कायापलट कर दी है, जो उनके विजन का नतीजा है.'
लालू यादव के दामाद हैं तेज प्रताप
पिछले दिनों समाजवादी पार्टी ने लिस्ट जारी करते हुए कन्नौज और बलिया सीट से प्रत्याशियों का ऐलान किया था. अखिलेश ने कन्नौज से अपने परिवार के सदस्य और लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को टिकट दिया, जबकि बलिया से सनातन पांडेय को मैदान में उतारा है. तेज प्रताप यादव के पिता रणवीर सिंह यादव, अखिलेश यादव के चचेरे भाई थे. उनका 36 वर्ष की उम्र में ही निधन हो गया था. वो राजनीति में सक्रिय थे और ब्लॉक प्रमुख भी रहे. उसके बाद उनकी पत्नी मृदुला यादव भी सैफई की ब्लॉक प्रमुख रहीं. तेज प्रताप की पत्नी राजलक्ष्मी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी हैं.
मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं तेज प्रताप
वहीं अगर तेज प्रताप यादव की बात करें तो वह मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं. जब नेताजी मुलायम सिंह यादव ने 2014 के चुनावों में दो सीटों आजमगढ़ और मैनपुरी से चुनाव लड़ा था और दोनों सीट से जीत गए थे. उसके बाद उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी, जिस पर हुए उपचुनाव में सपा ने तेज प्रताप को मैदान में उतार दिया था और वो पहली बार देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचे थे. हालांकि 2019 के चुनाव में तेज प्रताप को टिकट नहीं दिया गया था और मैनपुरी से नेताजी ने चुनाव लड़ा था. जब मुलायम सिंह का निधन हो गया, उसके बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने जीत हासिल की थी.