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'चुनाव प्रचार में कभी-कभी कठोर शब्दों का इस्तेमाल ​हो जाता है', वोट जिहाद वाले बयान पर बोले अखिलेश यादव

फर्रुखाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास कुमार ने कहा कि मारिया ने धर्म के आधार पर वोट मांगने की कोशिश करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. इस मामले में सलमान खुर्शीद और मारिया के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए, 188 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत दर्ज की गई है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मारिया आलम के वोट जिहाद वाले बयान का बचाव किया. (ANI Photo) सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मारिया आलम के वोट जिहाद वाले बयान का बचाव किया. (ANI Photo)
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 01 मई 2024,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की भतीजी मारिया आलम के 'वोट जिहाद' वाले बयान का बचाव किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में इस बारे में पूछे जाने पर अखिलेश यादव ने कहा, 'कभी-कभी चुनाव में प्रचार के दौरान किसी भाव की वजह से, बोलत-बोलते जनता में उत्साह पैदा करने के लिए कठोर शब्द इस्तेमाल हो जाते हैं. उनके (मारिया आलम) कहने का भाव वो नहीं था. उनका भाव ये रहा होगा कि ज्यादा से ज्यादा वोट डालें.' 

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बता दें कि मारिया समाजवादी पार्टी की नेता हैं. उन्होंने फर्रुखाबाद में इंडिया ब्लॉक के लोकसभा प्रत्याशी और सपा नेता नवल किशोर शाक्य के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए 'वोट जिहाद' वाली टिप्पणी की थी. इस मामले में मारिया और खुर्शीद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. इस सभा में सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद भी मंच पर मौजूद थीं. फर्रुखाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास कुमार ने कहा कि मारिया ने धर्म के आधार पर वोट मांगने की कोशिश करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. 

एफआईआर फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए (किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना) और 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत दर्ज की गई है. समाजवादी पार्टी यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ रही है. पार्टी के दिवंगत पूर्व विधायक इजहार आलम खान की बेटी मारिया सपा की फर्रुखाबाद जिला इकाई की उपाध्यक्ष हैं.

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मारिया आलम खां ने क्या बयान दिया था?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में मारिया को कहते हुए सुना जा सकता है, 'अपनी हैसियत और अपनी औकात इंसान को सबसे पहले समझनी चाहिए. (क्यों) कि हम सिर्फ अब जिताने और हराने तक रह गए. अगर अब भी हम एक नहीं हुए तो ये समझ लेना, यहां से हमारा नामों नक्श मिटाने के लिए ये संघी सरकार है जो कोशिश कर रही है उसको तुम कामयाब करने का काम करोगे. उसके मंसूबों को कामयाब करने का काम करोगे. इसलिए बहुत अक्लमंदी के साथ... बहुत जल्दीबाजी में ना होके... बहुत खामोशी के साथ, एक साथ होके वोट का जिहाद करो. क्योंकि हम सिर्फ वोटों का जिहाद कर सकते हैं और इस संघी सरकार को हराने का काम कर सकते हैं.'

मारिया आलम खां अपने भाषण में आगे कहती हैं, 'मुझे यह सुनकर शर्म महसूस हुई कि कुछ मुसलमानों ने मुकेश राजपूत (भाजपा) के लिए यहां एक बैठक आयोजित की. मुझे लगता है कि समाज को उनका बहिष्कार करना चाहिए. इतने स्वार्थी मत बनो और हमारे बच्चों के जीवन के साथ मत खेलो.' बीजेपी के फर्रुखाबाद जिला अध्यक्ष रूपेश गुप्ता ने कहा, 'मारिया आलम खां का भाषण कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है. ऐसे शब्द हमें हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान की याद दिलाते हैं.'

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फर्रुखाबाद में 13 मई को होना है मतदान

लगभग 17 लाख मतदाताओं वाले फर्रुखाबाद में 13 मई को चौथे चरण में मतदान होगा. भाजपा ने इस सीट से मौजूदा सांसद मुकेश राजपूत को मैदान में उतारा है. 2019 के लोकसभा चुनावों में राजपूत ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के मनोज अग्रवाल को हराया था. कांग्रेस प्रत्याशी सलमान खुर्शीद (कांग्रेस) ने 55,258 वोटों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया था. फर्रुखाबाद से कांग्रेस अपना प्रत्याशी उतारती रही है, लेकिन इस बाद सपा से गठबंधन के कारण यह​ सीट उसके खाते में नहीं आई. बता दें कि कांग्रेस यूपी में सिर्फ 17 सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है. बाकी 63 सीटों पर सपा ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. 

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