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पहले 2 सीट का ऑफर, अब मीटिंग में कांग्रेस पर नरम... क्या ममता बनर्जी के बदल गए तेवर?

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ाई में विपक्ष के ‘इंडिया’ ब्लॉक में बनी रहेगी. इसे ममता के रूख में नरमी के तौर पर भी देखा जा रहा है.

टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:43 AM IST

कुछ समय पहले तक पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को महज 2 सीटें ऑफर करने वाली तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अब अपने रुख में नरमी के संकेत दिए हैं. बुधवार को पार्टी की एक बैठक के दौरान ममता ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ाई में विपक्ष के ‘इंडिया’ ब्लॉक में बनी रहेगी. उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर उनकी पार्टी और कांग्रेस में विवाद की खबरें आ रही थीं.

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पार्टी की पश्चिमी मेदनीपुर जिले की इकाई की बंद कमरे में हुई बैठक में ममता बनर्जी ने अपने इस रुख से अवगत कराया. बैठक में मौजूद रहे तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने के अनुरोध के साथ बताया, ‘हमारी पार्टी सुप्रीमो ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में तृणमूल कांग्रेस ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस) गठबंधन में बनी रहेगी.  मुख्यमंत्री ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की आलोचना की लेकिन कांग्रेस के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला.’

इंडिया ब्लॉक में शामिल हैं 28 दल

माकपा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस 28 विपक्षी पार्टियों के ‘इंडिया’ ब्लॉक का हिस्सा हैं. हालांकि, पश्चिम बंगाल में माकपा और कांग्रेस का तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के खिलाफ गठबंधन रहा है. हालांकि, पश्चिम बंगाल में, सीपीआई (एम) और कांग्रेस ने टीएमसी और बीजेपी के खिलाफ गठबंधन किया है. ममता बनर्जी का यह बयान टीएमसी की लोकसभा पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय की हालिया टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के लिए 'खुला दिल' रखती है, लेकिन बातचीत विफल होने पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार है.

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कैसे होगा सीटों का बंटवारा?

बुधवार का घटनाक्रम राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के साथ मेल खाता है, जो टीएमसी के मुखर आलोचक हैं, उन्होंने कहा कि वह बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी से सीटों की "भीख" नहीं मांगेंगे.कई सूत्रों ने पुष्टि की कि टीएमसी राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से चार सीटें कांग्रेस को देने पर विचार कर रही है. 2019 के चुनावों में, टीएमसी ने राज्य में 22 सीटें हासिल कीं, कांग्रेस ने दो सीटें जीतीं और बीजेपी ने 18 सीटों पर कब्जा किया था. 

अधीर रंजन चौधरी, जो लोकसभा में कांग्रेस नेता भी हैं, ने बहरामपुर सीट जीती, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री अबू हासेम खान चौधरी ने मालदा दक्षिण सीट से लगातार तीसरी जीत हासिल की. कुछ दिनों बाद, उन्होंने दोनों पार्टियों पर भाजपा के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाया और पुष्टि की कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में भगवा खेमे का मुकाबला करेगी. टीएमसी ने पहले 2001 के विधानसभा चुनावों, 2009 के लोकसभा चुनावों और 2011 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था. चुनाव, जिसके परिणामस्वरूप 34 वर्षों के बाद सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा था.

पहले भी कांग्रेस संग गठबंधन कर चुकी है टीएमसी

ममता ने पिछले नवंबर में पश्चिम बंगाल में टीएमसी, कांग्रेस और वाम दलों के बीच गठबंधन होने की उम्मीद जताई थी, लेकिन उनके प्रस्ताव को कट्टर प्रतिद्वंद्वी सीपीआई (एम) ने तुरंत खारिज कर दिया था और कुछ कांग्रेस नेताओं ने इसकी आलोचना की थी.

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हालांकि कुछ दिनों बाद, उन्होंने दोनों पार्टियों पर भाजपा के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाया और पुष्टि की कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में भगवा खेमे का मुकाबला करेगी.टीएमसी ने पहले 2001 के विधानसभा चुनाव, 2009 के लोकसभा चुनाव और 2011 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था, जिसके बाद 34 साल बाद सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा.

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