
देशभर में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की जब वोटिंग चल रही थी, तब मंगलवार को अचानक आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का मुस्लिम आरक्षण को लेकर एक बड़ा बयान सामने आ गया. लालू ने मुसलमान को पूरा आरक्षण दिए जाने की वकालत की. उसके बाद बीजेपी के छोटे से लेकर बड़े नेता तक ने लालू की घेराबंदी शुरू कर दी. विपक्षी गठबंधन पर एनडीए की तरफ से हमला तेज हो गया. नतीजा यह हुआ कि 4 घंटे बाद लालू यादव अपने इसी बयान से पलट गए. मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने को लेकर लालू के बयान और फिर पलटी मारने की पूरी सियासी कहानी क्या कहती है, इसे समझने की जरूरत है.
बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव लोकसभा चुनाव के बीच धीरे-धीरे एक्टिव होते नजर आ रहे हैं. लालू यादव ने चुनाव के शुरुआती दौर में तो कोई बयान नहीं दिया, लेकिन जैसे-जैसे चुनावी पारा ऊपर जा रहा है- लालू अपने बयान से चुनावी एजेंडा सेट करने की कोशिश कर रहे हैं. मंगलवार को बिहार के पांच लोकसभा सीटों के साथ-साथ देशभर में तीसरे चरण की वोटिंग हो रही थी, इसी दौरान लालू यादव ने सुबह करीब 10:30 बजे मुस्लिम आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दे डाला. दरअसल, लालू यादव अपनी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के एक बार फिर विधान परिषद से चुने जाने के बाद उनके शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे. बिहार विधान परिषद में नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जा रही थी, इसी दौरान लालू ने मीडिया से बातचीत की.
जब लालू ने दिया बयान, तब सीमांचल में चल रही थी वोटिंग
सवाल आरक्षण से एक कदम आगे बढ़कर मुस्लिम आरक्षण को लेकर हुआ तो लालू यादव ने कहा कि आरक्षण तो मुसलमान को मिलना ही चाहिए. पूरा मिलना चाहिए. इतना ही नहीं, लालू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संविधान खत्म करने की साजिश रचने का आरोप भी लगा डाला. लालू यादव ने जैसे ही यह बयान दिया, देशभर में सियासी बवाल मच गया. बीजेपी ने तुरंत लालू यादव और विपक्षी खेमे की घेराबंदी कर डाली. बीजेपी के बड़े–छोटे नेता यह कहने लगे कि विपक्ष आरक्षण के मौजूदा कोटे में कटौती कर मुसलमान को पूरा आरक्षण देने की बात कर रहा है. जिस वक्त लालू यादव ने ये बयान दिया, उसी वक्त सीमांचल और कोसी के इलाके में वोटिंग भी चल रही थी.
यह भी पढ़ें: मुस्लिम आरक्षण पर क्या BJP के ट्रैप में फंस गया विपक्ष? लालू यादव की गुगली से किसे फायदा-किसे नुकसान
फिर बयान से पलटे लालू यादव
बिहार के मुस्लिम बहुल माने जाने वाले अररिया के अलावा मधेपुरा, सुपौल, झंझारपुर और खगड़िया में मतदान के बीच लालू यादव का यह बयान बेहद खास हो गया. जानकार बताते हैं कि तेजस्वी यादव को यह समझने में देर नहीं लगी कि लालू के बयान से आरजेडी और महागठबंधन को बिहार में नुकसान हो सकता है. साथ ही देशभर में बीजेपी इसे एजेंडा बन सकती है. लिहाजा, दोपहर करीब 2:30 बजे लालू यादव मुसलमान को आरक्षण दिए जाने वाले अपने बयान से पलट गए. लालू ने एक बार फिर से बयान दिया. उन्होंने कहा, धर्म के आधार पर आरक्षण हो ही नहीं सकता. इसका आधार सामाजिक होता है. सिर्फ 4 घंटे बाद लालू के अपने बयान से पलट जाने की वजह क्या है? इसके साथ यह समझना भी जरूरी है कि आखिर लालू ने मुस्लिम आरक्षण की बात क्यों कही?
मुस्लिम आरक्षण के बहाने परिवार को मदद!
मौजूदा लोकसभा चुनाव में लाल यादव की दो बेटियां मैदान में हैं. मीसा भारती पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से पहले भी चुनाव लड़ चुकी हैं लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हुई थी. इस बार वो फिर मैदान में हैं. अब लालू यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य सारण सीट से चुनाव मैदान में हैं. लालू यादव के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है. सारण सीट पर रोहिणी की जीत के लिए यह जरूरी है कि वहां आरजेडी का MY फैक्टर पूरी तरह से मजबूत रहे, लेकिन सारण के ठीक बगल वाली सिवान सीट पर जो सियासी समीकरण है, वह लालू की चिंता का सबसे बड़ा कारण है. सिवान कभी शहाबुद्दीन का गढ़ हुआ करता था लेकिन उनके निधन के बाद अब शहाबुद्दीन का परिवार लालू के कुनबे से दूर जा चुका है.
यह भी पढ़ें: मुस्लिम आरक्षण पर सियासी वार, लालू के बयान पर PM मोदी बोले- वोटबैंक के लिए SC/ST आरक्षण मुसलमानों को देना चाहते हैं
शहाबुद्दीन की पत्नी हिना सहाब सिवान से निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. आरजेडी ने इस सीट पर अपने पुराने दिग्गज अवध बिहारी चौधरी को मैदान में उतारा है. सियासी जानकार बताते हैं कि सिवान से हिना सहाब को आरजेडी का टिकट नहीं मिलने और शहाबुद्दीन परिवार से लालू की दूरी की वजह से मुसलमान वोटर्स का इस पूरे इलाके में आरजेडी से मोह भंग हो सकता है. ना सिर्फ सिवान बल्कि सारण, महाराजगंज और गोपालगंज के इलाके में भी आरजेडी के MY समीकरण को झटका लग सकता है. अगर ऐसा हुआ तो रोहिणी आचार्य के लिए सारण में चुनौती बढ़ जाएगी. संभव है कि लालू यादव ने इस पूरे इलाके में मुस्लिम वोटर्स को अपने साथ जोड़े रखने के मकसद से मुसलमान को पूरा आरक्षण देने वाला बयान दिया हो.
क्या है बयान से पलटने की वजह?
अपनी बेटी रोहिणी आचार्य की जीत सुनिश्चित करने और MY समीकरण को अपने पार्टी के साथ जोड़े रखने के लिए लालू यादव ने अगर मुसलमान को पूरा आरक्षण देने की बात कही तो चंद घंटे बाद वो अपने इसी बयान से क्यों पलट गए? दरअसल, लालू यादव का यह बयान बीजेपी को बड़ा चुनावी मुद्दा दे गया. बीजेपी पहले से यह कहती रही है कि विपक्ष मुसलमान को पूरा आरक्षण देना चाहता है. इसके लिए मौजूदा आरक्षण कैटेगरी में शामिल समाज के कमजोर वर्ग की जातियों के कोटे में कटौती के आशंका प्रधानमंत्री मोदी खुद अपनी जनसभाओं में जताते रहे हैं. ऐसे में लालू यादव का बयान बीजेपी के इन दावों को बड़ा आधार दे गया. संभव है कि लालू के बयान देने के बाद राजद कैंप और खासतौर पर तेजस्वी यादव को बात समझ में आ गई हो कि बिहार समेत देशभर में अभी चार चरणों का चुनाव बाकी हैं. अगर आरजेडी सुप्रीमो के इस बयान को बीजेपी ने विपक्ष के खिलाफ मुद्दा बनाया तो उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है. आरक्षण का लाभ पाने वाली गैर मुस्लिम जातियों की गोलबंदी आरजेडी और विपक्षी गठबंधन के खिलाफ होने भी खतरा है. आरजेडी के कोर वोटर माने जाने वाली यादव जाति के मतदाता भी मुसलमान को पूरा आरक्षण दिए जाने से पूरी तरह सहमत हों, इस पर भी संदेह है.
यह भी पढ़ें: 'मुसलमानों को पूरा आरक्षण मिलना चाहिए...', तीसरे चरण की वोटिंग के बीच लालू यादव का बड़ा दांव
शायद यही वजह रही कि बीजेपी के घेराबंदी करते ही लालू यादव ने महज चार घंटे बाद अपने बयान पर ना सिर्फ सफाई दी, बल्कि वो उससे पलट भी गए. हालांकि लालू का पहले मुस्लिम आरक्षण के समर्थन में दिया गया बयान अब बीजेपी के लिए चुनावी मुद्दा बन चुका है. देखना होगा कि अपने बयान से पलटने के बाद लालू आगे कैसे अपने MY समीकरण के साथ-साथ दूसरी जातियों को आरजेडी के लिए गोलबंद रख पाते हैं.