India Today Axis My India Lok Sabha Election Exit Poll Results 2024: लोकसभा चुनाव के सभी चरणों का मतदान पूरा हो चुका है. आज यानी शनिवार को सातवें और आखिरी फेज का मतदान हुआ. अब सभी सियासी दलों और मतदाताओं की निगाहें 18वीं लोकसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रही हैं, जो 4 जून को आने वाले हैं. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार में एनडीए को 48 फीसदी और INDIA ब्लॉक को 42 फीसदी वोट शेयर मिलने की उम्मीद है. अगर सीटों की बात की जाए तो एनडीए को 29 से 33 सीटें मिल रही हैं, जो पिछले चुनावी नतीजों के मुताबिक करीब 6-7 सीटों की गिरावट हो सकती है. वहीं, INDIA ब्लॉक को 7 से 10 सीट मिलने की उम्मीद है.
चुनाव के आखिरी चरण यानी सातवें फेज में शनिवार को बिहार की 8 लोकसभा सीटों- नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट और जहानाबाद में वोटिंग हुई. सातवें फेज में बिहार के अंदर शाम 5 बजे तक 49.35 फीसदी प्रतिशत मतदान हुआ.
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल से जुड़ी हर खबर को aajtak.in पर पढ़ा जा सकता है. एग्जिट पोल को आप आजतक चैनल पर लाइव देख सकेंगे. इसके साथ ही आजतक के यू-ट्यूब चैनल पर भी इसका लाइव प्रसारण होगा. तो चुनाव के नतीजों के Exact एग्जिट पोल के लिए जुड़े रहें आजतक के साथ.
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार में एनडीए को 48 फीसदी और INDIA ब्लॉक को 42 फीसदी वोट शेयर मिलने की उम्मीद है. अगर सीटों की बात की जाए तो एनडीए को 29 से 33 सीटें मिल रही हैं, जो पिछले चुनावी नतीजों के मुताबिक करीब 6-7 सीटों की गिरावट है. वहीं, INDIA ब्लॉक को 7 से 10 सीट मिलने की उम्मीद है.
दोनों पक्षों ने जबरदस्त गठबंधन बनाया है. जनता दल (यूनाइटेड) की घरवापसी से एनडीए को मजबूती मिली है. चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा भी एनडीए में शामिल हैं. दूसरी ओर, इंडिया ब्लॉक में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, वामपंथी दल और मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी शामिल है. इस बार, भाजपा 17 सीटों पर और जदयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. लोक जनशक्ति पार्टी ने पांच उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. HAM और RLM एक-एक सीट के लिए लड़ रहे हैं. दूसरी तरफ, राजद 23 सीटों पर, कांग्रेस 9, वामपंथी दल 5 और वीआईपी 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. मुख्य मुकाबला 9 सीटों पर राजद और भाजपा, 16 सीटों पर जदयू और राजद और 5 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच है.
बिहार में गठबंधन की राजनीति में समय-समय पर अहम बदलाव हुए हैं. 2004 और 2009 के आम चुनावों में, राम विलास पासवान की एलजेपी पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का हिस्सा थी. बदलाव को भांपते हुए लोजपा 2014 और 2019 में एनडीए में के साथ रही. 2020 के विधानसभा चुनाव में वह एनडीए से अलग हो गई और केवल जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारे, जिससे 28 सीटों पर नीतीश कुमार की पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा. राजद ने 2004 के बाद से 2009 को छोड़कर सभी आम चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया. जदयू ने 2004 के बाद से 2019 को छोड़कर सभी आम चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन किया. विधानसभा चुनाव में, जद (यू) ने 2015 में राजद के साथ गठबंधन किया और पिछले 10 वर्षों में भाजपा और राजद दोनों के साथ सरकारें बनाईं. HAM, RLM (तत्कालीन राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) और VIP ने अतीत में भाजपा और राजद दोनों के साथ गठबंधन किया है.
2019 में, एनडीए ने लगभग 53 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 39 सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन ने 31 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सिर्फ एक सीट जीती. अपनी स्थापना के बाद पहली बार राजद लोकसभा चुनावों में बिहार में खाता भी नहीं खोल सकी. झारखंड के विभाजन के बाद, 2004 से 2019 तक चार चुनावों में, जद (यू) ने 22 प्रतिशत का अपना वोट शेयर बरकरार रखा है. भाजपा को 9 प्रतिशत वोट शेयर का फायदा हुआ है, जो 2004 में 15 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 24 प्रतिशत हो गया. यह 9 फीसदी वोट बड़े पैमाने पर राजद के ओबीसी और एससी वोट बैंक के एक वर्ग का है.
जबकि एलजेपी का वोट शेयर पिछले कुछ वर्षों में स्थिर रहा है, कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 2004 में 4 से बढ़कर 2019 में 9 सीटों पर लड़ने के कारण दोगुना हो गया है. राजद का वोट शेयर 2004 में 31 प्रतिशत से आधा होकर 2019 में 15 प्रतिशत हो गया और उसी अवधि में इसकी सीटों की संख्या 16 सीटों से घटकर शून्य हो गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राजद 2004 में 26 सीटों पर लड़ी थी और 2019 में 19 सीटों पर.
बिहार में अगर INDIA ब्लॉक को एनडीए की कीमत पर पांच प्रतिशत वोट शेयर मिलता है, तो वह छह सीटें तक जीत सकता है, जबकि एनडीए की पांच सीटों में कमी हो सकती है. अगर INDIA ब्लॉक को एनडीए की कीमत पर 7.5 प्रतिशत वोट शेयर मिलता है, तो वह 11 सीटें तक जीत सकता है, जबकि एनडीए को 10 सीटों का घाटा हो सकता है. अगर INDIA ब्लॉक को एनडीए की कीमत पर 10 फीसदी वोट शेयर मिलता है, तो वह 15 सीटें तक जीत सकता है, जबकि एनडीए को 14 सीटों का घाटा हो सकता है.
अंत में, बिहार में लोकसभा चुनाव परिणाम दोनों गठबंधनों (एनडीए और इंडिया ब्लॉक) की कमजोर कड़ियों- जद (यू) और कांग्रेस के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. 2020 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों का स्ट्राइक रेट क्रमशः 37 प्रतिशत और 27 प्रतिशत रहा, जो सबसे कम था. इस बार के लोकसभा चुनाव में जद (यू) अपनी 16 सीटों में से 10 पर राजद का सामना करेगी, जबकि कांग्रेस अपनी 9 सीटों में से 5 पर भाजपा का सामना करेगी. ये 15 सीटें बिहार की राजनीतिक लड़ाई की दिशा तय कर सकती हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो, 2019 के चुनाव में बीजेपी को 17 सीटें मिली थीं और उसके सहयोगी दल जेडीयू को 16 सीटों के साथ ही संतोष करना पड़ा था. इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को 6 सीटें और कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ एक सीट आई थी.
बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं. चुनाव में अहम मुकाबला बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन और राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच है. बता दें कि बीजेपी 17 और जेडीयू 16 सीटों पर मैदान में है. इसके अलावा चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) 5, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा 1 और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा ने 1 सीट पर अपना कैंडिडेट उतारा है. INDIA ब्लॉक की बात करें तो आरजेडी के 23, कांग्रेस के 9, लेफ्ट के 5 और वीआईपी के 3 कैंडिडेट्स चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
बिहार में फेज 1 में 49.26 फीसदी, फेज 2 में 59.45 फीसदी, फेज 3 में 59.15 फीसदी, फेज 4 में 58.21 फीसदी, फेज 5 में 56.76 फीसदी और फेज 6 में 57.18 फीसदी मतदान हुआ.
वहींं अगर चुनाव के आखिरी चरण की बात की जाए, तो चुनाव के आखिरी चरण यानी सातवें फेज में शनिवार को बिहार की 8 लोकसभा सीटों- नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट और जहानाबाद में वोटिंग हुई. अधिकारियों के मुताबिक दोपहर 3 बजे तक 42.95 प्रतिशत मतदान हुआ.