
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने शनिवार को एनडीए सीट-बंटवारे समझौते के तहत लोकसभा चुनाव के लिए सभी पांच सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया. पार्टी प्रमुख चिराग पासवान हाजीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे और उनके बहनोई अरुण भारती को जमुई से मैदान में उतारा गया है.
लिस्ट का मुख्य आकर्षण जेडीयू मंत्री अशोक कुमार चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी (Shambhavi Chaudhary) हैं, जिनको समस्तीपुर की दलित आरक्षित सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया गया है. इससे पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज ने किया था, जो चाचा पशुपति कुमार पारस के पाले में जा चुके हैं.
'शांभवी का सपना हुआ सच...'
सीटों के आधिकारिक ऐलान के बाद शांभवी चौधरी दौड़ते हुए अपने पिता अशोक चौधरी से मिलने पहुंचीं. उन्होंने दौड़कर अपने पिता को गले लगा लिया और इमोशनल हो गईं. इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मुलाकात के दौरान शांभवी को अशोक चौधरी यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि यह तो तुम्हारा ड्रीम था, जो अब सच साबित हो रहा है.
अशोक चौधरी और उनकी बेटी शांभवी चौधरी लोकसभा चुनाव 2024 में टिकट पाने के लिए काफी कोशिश कर रहे थे. अशोक चौधरी, शांभवी को जमुई लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में देखना चाह रहे थे, लेकिन वहां से टिकट नहीं मिलने पर चिराग पासवान ने शांभवी चौधरी को समस्तीपुर से पार्टी का टिकट दिया है.
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शांभवी चौधरी को टिकट मिलने के बाद अशोक चौधरी ने कहा कि यह भावुक पल है. लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनना शांभवी का ड्रीम था, जो अब पूरा होता दिख रहा है. बता दें कि शांभवी के पति शायन कुणाल की नानी घर भी समस्तीपुर जिला के विभितूपुर इलाके में है. हालांकि यह इलाका उजियारपुर लोकसभा में आता है. अब देखना होगा कि शांभवी चौधरी को समस्तीपुर की जनता कितना आशीर्वाद देती है या नहीं.
कौन हैं शांभवी चौधरी?
पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की बहू शांभवी चौधरी (25) दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स से पढ़ाई की हैं. इसके अलावा उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में पीएचडी कर रखी हैं. मौजूदा वक्त में वो पटना के ज्ञान निकेतन स्कूल में डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं. वह स्कूल की सारी जिम्मेदारी देखती हैं. वह सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं.
शांभवी, लोकसभा चुनाव लड़ने वाली सबसे कम उम्र की दलित महिला उम्मीदवार होंगी, उनके दादा महावीर चौधरी कांग्रेस से बिहार के पूर्व मंत्री थे.