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'अमेठी-रायबरेली में जो रौनक है...', सुल्तानपुर में मां मेनका गांधी का प्रचार करने पहुंचे वरुण गांधी क्या बोले

सुल्तानपुर में अपनी मां मेनका गांधी के चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे वरुण गांधी ने अमेठी और रायबरेली का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हम लोग जब 10 साल पहले सुल्तानपुर चुनाव लड़ने आए थे तो लोगों ने कहा कि जो अमेठी और रायबरेली में रौनक है वह यहां भी आए.

बीजेपी नेता वरुण गांधी बीजेपी नेता वरुण गांधी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2024,
  • अपडेटेड 2:07 PM IST

बीजेपी से टिकट कटने के बाद लंबे समय तक पार्टी और चुनाव प्रचार अभियान से दूरी बनाने वाले वरुण गांधी फाइनली पार्टी के प्रचार के लिए आगे आए हैं. अपनी मां और सुल्तानपुर से भाजपा उम्मीदवार मेनका गांधी के चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे वरुण ने लोगों को संबोधित किया और अपनी मां के लिए वोट मांगे.

सभा को संबोधित करते हुए वरुण ने कहा, पूरे देश में 543 सांसदों के चुनाव हो रहे हैं. कई जगह बड़े-बड़े अनुभवी लोग और करिश्माई लोग चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन एक ही क्षेत्र है पूरे देश में, जहां के सांसद को न कोई सांसद जी बुलाता है न, मंत्री जी बुलाता है और ना ही कोई नाम से बुलाता है. पूरे क्षेत्र में लोग माता जी के नाम से बुलाते हैं.'

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 मां कभी साथ नहीं छोड़ती- वरुण

वरुण गांधी ने कहा, 'मां परमात्मा के बराबर शक्ति होती है. जब पूरी दुनिया साथ दे न दे, मां कभी साथ नहीं छोड़ती है और आज मैं केवल अपनी मां के लिए समर्थन जुटाने नहीं आया हूं बल्कि सुल्तानपुर की मां के लिए समर्थन जुटाने के लिए आया हूं. वरुण ने कहा कि मां की जो परिभाषा होती है वो वह शक्ति होती है जो सबकी रक्षा करे जो भेदभाव न करे और जो काम आए मुश्किल में और जो निरंतर अपने हृदय में सबके लिए प्यार रखें. मां की डांट एक आशीर्वाद होती है.'

अमेठी-रायबरेली का भी किया जिक्र

वरुण गांधी ने कहा, 'हम लोग जब कुछ साल पहले सुल्तानपुर आए थे चुनाव लड़ने, तो पहली बार लोगों ने कहा कि जो अमेठी में रौनक है, जो रायबरेली में रौनक है, हम चाहते हैं कि सुल्तानपुर में भी ऐसी ही रौनक आए. आज मेरे लिए बड़े हर्ष की बात है कि देश में सुल्तानपुर का जब नाम लिया जाता है तो वह मुख्यधारा में प्रथम पंक्ति में लिया जाता है.' 

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मेनका गांधी का बयान

वहीं वरुण के चुनाव प्रचार में उतरने को लेकर मेनका गांधी ने कहा, 'वो प्रचार करने तब आया, जब मैंने मांगा. ' राहुल गांधी से वरुण गांधी की तुलना करने पर मेनका गांधी ने कहा, 'सबके अपने-अपने रास्ते हैं, अपनी-अपनी किस्मत है. इससे ज्यादा क्या बोलूंगी मैं. अगर काबिलियत है तो सब अपना रास्ता ढूंढेंगे. सबके अपने-अपने रास्ते हैं और अपने-अपने तरीके हैं.' पीलीभीत से वरुण के टिकट कटने पर मेनका गांधी ने कहा कि जो हो गया सो हो गया. 

पीलीभीत से कटा वरुण का टिकट

आपको बता दें कि भाजपा ने वरुण गांधी की जगह उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद को पीलीभीत से मैदान में उतारा है. पीलीभीत लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को एक भावनात्मक पत्र भी लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके साथ उनका रिश्ता आखिरी सांस तक बरकरार रहेगा. 1996 से ही पीलीभीत सीट मेनका गांधी या उनके बेटे के पास रही है. 

मेनका गांधी ने 1989 में जनता दल के टिकट पर सीट जीती, 1991 में हार गईं और 1996 में फिर से जीत गईं. उन्होंने 1998 और 1999 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. उन्होंने 2004 और 2014 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीट जीती. वरुण गांधी ने 2009 और 2019 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीट जीती थी.

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