
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 75 पर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी अपने कोटे की 75 में से 73 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है लेकिन दो सीटों पर पार्टी ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. ये दो सीटें हैं रायबरेली और कैसरगंज. कांग्रेस और गांधी परिवार का गढ़ रहे रायबरेली से 2019 में सोनिया गांधी जीतकर संसद पहुंची थीं जबकि कैसरगंज से बीजेपी के टिकट पर बृजभूषण शरण सिंह लगातार तीसरी बार कमल खिलाने में सफल रहे थे. एक हारी और एक जीती, दो सीटों से बीजेपी उम्मीदवार को लेकर अभी सस्पेंस है.
इन दोनों ही सीटों पर पांचवे चरण में 20 मई को मतदान होना है. कैसरगंज सीट से उम्मीदवार के ऐलान में हो रही देरी को लेकर अब बृजभूषण का भी बयान आया है. कैसरगंज सीट से लगातार तीन बार के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि पार्टी नेतृत्व को पता है कि इस सीट पर बीजेपी मजबूत है. उन्होंने दावा किया कि अगर एक दिन पहले भी बीजेपी उम्मीदवार का ऐलान करती है, तो भी पार्टी को इस सीट से जीत मिलेगी.
बृजभूषण ने यह भी कहा कि टिकट के लिए मैं भी एक दावेदार हूं लेकिन अंतिम फैसला पार्टी को लेना है. पार्टी तय करेगी कि प्रत्याशी कौन होगा. इससे पहले बृजभूषण ने कहा था कि टिकट में देरी के पीछे हो सकता है पार्टी की कोई रणनीति हो. उन्होंने यह भी जोड़ा था कि हम बीजेपी से बड़े तो नहीं हो सकते. टिकट मिलना या न मिलना हमारी चिंता नहीं है. गौरतलब है कि अलग-अलग सीटों से छह बार सांसद रह चुके बृजभूषण टिकट के ऐलान में देरी के बावजूद इलाके में एक्टिव हैं.
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बृजभूषण का टिकट कटने के कयास भी हैं लेकिन साथ ही चर्चा यह भी है कि अगर ऐसा हुआ तब भी बीजेपी उनके परिवार के ही किसी सदस्य को मैदान में उतार सकती है. बीजेपी से टिकट की रेस में उनके बेटे और पत्नी के नाम भी शामिल बताए जा रहे हैं. ऐसा पहली बार है जब बृजभूषण को टिकट के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. बीजेपी अब तक 400 से अधिक उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है लेकिन कैसरगंज सीट से कोई नाम फाइनल नहीं हो सका है.
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बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह पर डब्ल्यूएफआई प्रमुख रहते महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे. बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों ने जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन भी किया था. डब्ल्यूएफआई चुनाव में बृजभूषण समर्थित उम्मीदवार की जीत के बाद वह 'दबदबा तो है, दबदबा तो रहेगा...' नारेबाजी को लेकर भी चर्चा में रहे थे.