
तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा से जुड़े ठिकानों पर शनिवार को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने छापेमारी की. कार्रवाई 'पैसे लेकर सवाल पूछने' (Cash for Query) से जुड़े मामले में की गई. छापे के बाद महुआ मोइत्रा ने खुद ट्वीट कर जांच की जानकारी दी.
महुआ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि सीबीआई ने आज मेरे घर और मेरे चुनाव कार्यालयों में जांच-पड़ताल की. वे लोग काफी विनम्र थे. उन्होंने खोजबीन की हालांकि, उन्हें कुछ नहीं मिला. महुआ ने दूसबीन के साथ अपनी एक फोटो शेयर करते हुए लिखा,'मैं और सयानी अभी हमारे खिलाफ भाजपा के उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हैं.'
लोकपाल ने दिया था केस दर्ज करने का आदेश
दरअसल, लोकपाल ने 'पैसे लेकर सवाल पूछने' के मामले में CBI को महुआ मोइत्रा के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. लोकपाल ने निर्देश दिया कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर जांच की जाए. इसके साथ ही लोकपाल ने जांच एजेंसी को छह महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा था.
'गंभीर प्रकृति के हैं महुआ पर लगे आरोप'
लोकपाल ने अपने आदेश में कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद पूरी जानकारी का सावधानी से मूल्यांकन करने के बाद कोई संदेह नहीं रह जाता है कि महुआ के खिलाफ लगाए गए आरोप, जिनमें से अधिकांश में ठोस सबूत हैं, उनके पद को देखते हुए बेहद गंभीर प्रकृति के हैं. इस वजह से हमारी राय में सच को स्थापित करने के लिए गहन जांच जरूरी है. प्रासंगिक समय पर आरपीएस (प्रतिवादी लोक सेवक) की स्थिति को देखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि एक लोक सेवक अपने पद पर रहने के दौरान कर्तव्यों के निर्वहन में ईमानदारी बरतें.
क्या है Cash for Query मामला?
महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगे थे. जांच के बाद एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट स्पीकर को सौंपी थी. इस पूरे मामले की शुरुआत भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों से हुई. निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए रियल स्टेट कारोबारी हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. निशिकांत दुबे ने ये आरोप महुआ के पूर्व दोस्त जय अनंत देहाद्रई की शिकायत के आधार पर लगाए.