Advertisement

AAP से अलायंस, बाबरिया से बवाल और गायब तस्वीरें... लवली ने 4 पन्नों की इस्तीफे वाली चिट्ठी में दिल्ली कांग्रेस की कलह सामने रख दी

ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब नेताओं ने बाबरिया के तौर-तरीकों पर आपत्ति जताई है. लवली के मुताबिक, उन पर बाबरिया के खिलाफ रहने वाले नेताओं को बाहर करने का भारी दबाव है.

अरविंदर सिंह लवली (फाइल फोटो) अरविंदर सिंह लवली (फाइल फोटो)
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) ने इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे के बाद दिल्ली कांग्रेस (Delhi Congress) में एक नया घमासान छिड़ गया है. बताया जा रहा है कि लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया के साथ अनबन के चलते पद छोड़ा है. लवली ने अपने लंबे पत्र में कई तरह नाराजगी और इस्तीफे के पीछे की वजहों का जिक्र किया है.

Advertisement

'मामले को गंभीरता से लेना चाहिए...'

अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि उन्होंने जो कुछ भी लिखा है और पत्र के जरिए अपना दर्द व्यक्त किया है, पार्टी को उस पर विचार करना चाहिए. वह पार्टी के लिए एक संपत्ति हैं, हमारे सीनियर नेतृत्व को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. हमें उन चीजों से बचना चाहिए, जो पार्टी ने राज्य में जो कुछ भी हासिल किया है, उसमें बाधा डाल सकती है. अरविंदर सिंह लवली काफी पीड़ा में है, आलाकमान को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.

लवली ने क्यों दिया इस्तीफा?

अरविंदर सिंह लवली पर कई सारे नेताओं को अनुशासनात्मक कार्रवाई कर हटाने का पहले से दबाव था लेकिन आखिरी वजह बना कन्हैया कुमार के कार्यालय उद्घाटन का पोस्टर. कन्हैया कुमार नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं और रविवार को उनके कार्यालय का उद्घाटन तय था. लेकिन कन्हैया के पोस्टर पर कांग्रेस के कई सीनियर नेता नहीं नजर आए, जिस पर पार्टी के अंदर नेताओं में काफी गुस्सा है. 

Advertisement

कन्हैया कुमार के पोस्टर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली का फोटो भी नहीं था. कन्हैया कुमार के पोस्टर पर सिर्फ तीन तस्वीर नजर आ रही हैं. सबसे बड़ी तस्वीर खुद कन्हैया कुमार की है. इसके अलावा पोस्टर में राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल की तस्वीरों को जगह मिली है. इसके अलावा पोस्टर में और किसी की तस्वीर नहीं लगाई गई है. 

दीपक बाबरिया से अनबन

ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब नेताओं ने बाबरिया के तौर-तरीकों पर आपत्ति जताई है. लवली के मुताबिक, उन पर बाबरिया के खिलाफ रहने वाले नेताओं को बाहर करने का भारी दबाव है. 

लवली ने अपने लेटर में लिखा, 'यह पत्र में बहुत भारी दिल से लिख रहा हूं. मैं पार्टी में खुद को एकदम लाचार महसूस करता हूं. इसलिए अब दिल्ली के अध्यक्ष पद पर बना नहीं रह सकता. दिल्ली कांग्रेस के सीनियर नेताओं के लिए गए सभी सर्वसम्मत फैसलों पर एकतरफा दिल्ली के प्रभारी (दीपक बाबरिया) रोक लगा देते हैं. जब से मुझे दिल्ली का पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है, तब से मुझे किसी को भी सीनियर पद पर नियुक्त करने की अनुमति नहीं है.'

यह भी पढ़ें: 'गलत गठबंधन, हाईकमान का अहंकार', अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे पर बोले संजय निरुपम

Advertisement

AAP के साथ कांग्रेस गठबंधन को लेकर कही बड़ी बात

अरविंदर सिंह लवली ने पत्र में आगे लिखा है कि मैंने एक अनुभवी नेता को मीडिया प्रभारी के रूप में नियुक्ति करने की गुजारिश की, लेकिन दिल्ली प्रभारी ने इसे खारिज कर दिया. दिल्ली प्रभारी ने अब तक ब्लॉक प्रभारी नियुक्त करने की अनुमति भी नहीं दी है. इस वजह से ही अब तक दिल्ली के 150 ब्लॉक में प्रभारियों की नियुक्ति नहीं हो सकी है. उन्होंने आगे लिखा कि दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस के खिलाफ झूठ बोलकर, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर बनी थी. जिस पार्टी के आधे कैबिनेट मंत्री इस वक्त भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं. इसके बाद भी पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया. 

लवली ने आगे लिखा कि हमने पार्टी के आखिरी फैसले का सम्मान किया. मैंने न केवल सार्वजनिक रूप से इस फैसले का समर्थन किया, बल्कि यह भी तय किया कि स्टेट यूनिट हाईकमान के आखिरी आदेश के मुताबिक ही काम करे. दिल्ली प्रभारी के निर्देश पर मैं अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की रात सुभाष चोपड़ा और संदीप दीक्षित के साथ उनके (केजरीवाल) घर भी गया. हालांकि, इस मुद्दे पर मेरा मत बिल्कुल अलग था.

Advertisement

दिल्ली में सीट बंटवारे को लेकर जताई नाराजगी

अरविंदर सिंह लवली ने आगे लिखा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस को आम चुनाव में लड़ने के लिए 3 संसदीय सीटें मिलीं. समाचार के जरिए जब मुझे कम सीटें मिलने की बात पता चली तो मैंने पार्टी के हित में यह सुनिश्चित किया कि टिकट दूसरे सीनियर नेताओं को मिल सके. मैंने सार्वजनिक रूप से अपना नाम वापस ले लिया और संभावित उम्मीदवार के रूप में विचार किए जाने से इनकार कर दिया. इन 3 सीटों में से सभी पर्यवेक्षकों और स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के विचारों को खारिज करते हुए, उत्तर-पश्चिम दिल्ली और उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सीटें 2 उम्मीदवारों को दे दी गईं, जो दिल्ली कांग्रेस और पार्टी की नीतियों के लिए पूरी तरह से अजनबी थे. 

यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव: शिवहर से लवली आनंद, मुंगेर से ललन सिंह... JDU ने फाइनल किए 16 उम्मीदवारों के नाम!

कन्हैया और उदित राज को टिकट मिलने पर हुआ था विरोध 

उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार को लेकर दिल्ली कांग्रेस की बैठक में पूर्व सांसद संदीप दीक्षित में जमकर विरोध किया था. इसके बाद उत्तरी पश्चिमी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार उदित राज को लेकर भी पार्टी के अंदर विरोध देखा गया था. 

Advertisement

पिछले दिनों दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया ने अपने आवास साउथ एवेन्यू पर पूर्व विधायकों और मंत्रियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली भी मौजूद थे. उनकी मौजूदगी में पार्टी के कई नेताओं ने उदित राज का विरोध किया था और दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया को भी खरी-खोटी  सुनाई. 

बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली की लोकसभा सीटों पर टिकट के लिए कई नेता रेस में थे. उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट एससी सीट है. उदित राज 2014 में बीजेपी से चुनाव लड़े थे और उसके बाद उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली थी. इस सीट पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान, जय किशन शर्मा, कृष्णा तीरथ और राजेश लिलोठिया अपनी उम्मीदवारी का दम भर रहे थे, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने उदित राज को टिकट दिया.

यह भी पढ़ें: आतिशी मारलेना, अरविंदर सिंह लवली और गंभीर के बीच मुकाबला

दीपक बाबरिया से नाराज होकर पूर्व मंत्री ने भी दिया था इस्तीफा

दिल्ली में कांग्रेस के लिए परेशानी बढ़ाते हुए शीला दीक्षित की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके राजकुमार चौहान ने पिछले दिनों पार्टी से इस्तीफा दे दिया. चौहान ने कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया पर सार्वजनिक रूप से उनका अपमान करने का आरोप लगाया. 

Advertisement

राजकुमार चौहान ने कहा कि बार-बार उन्हें बेइज्जत किया गया, जिसकी वजह से उन्होंने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली को अपना इस्तीफा सौप दिया था. इस्तीफे के वक्त चौहान ने कहा था कि कांग्रेस ने उत्तर पश्चिम दिल्ली से उदित राज को टिकट दिया है, लेकिन वह ऐसा प्रत्याशी है, जिस पर पैसों के लेन-देन का आरोप लगा है. उस पर ब्राह्मणों को अपशब्द कहने का आरोप है. ऐसे किसी व्यक्ति को कांग्रेस कैसे अपना उम्मीदवार बना सकती है? 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement