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Exit Poll ही बना Exact Poll तो Modi 3.0 में क्या होंगे बदलाव? आजतक के टॉप एंकर्स से जानें

लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल में पीएम मोदी के तीसरी बार केंद्र की सत्ता में वापसी का अनुमान लगाया गया है. उनके संभावित तीसरे कार्यकाल में कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर सरकार का फोकस रहेगा. पीएम मोदी ने आजतक से ही कहा था कि इस बार उन्होंने 100 दिनों का नहीं बल्कि 125 दिनों का प्लान तैयार किया है.

मोदी 3.0 में किन मुद्दों पर रहेगा फोकस, जानें आजतक के एंकर्स से मोदी 3.0 में किन मुद्दों पर रहेगा फोकस, जानें आजतक के एंकर्स से
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2024,
  • अपडेटेड 11:17 PM IST

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे से पहले आए एग्जिट पोल में पीएम मोदी के हैट्रिक की भविष्यवाणी की गई है. अगर इसी हिसाब से नतीजे आते हैं और नरेंद्र मोदी तीसरी बार केंद्र की सत्ता पर काबिज होते हैं तो उनका तीसरा कार्यकाल कैसा होगा, इस दौरान क्या फैसले लिए जा सकते हैं और किन पहलुओं पर सरकार का फोकस होगा... आजतक के टॉप एंकर्स ने इन्हीं तमाम मुद्दों पर खास चर्चा की. 

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अंजना ओम कश्यप - मोदी 3.0 में भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार का फोकस होगा. उन्होंने बिहार के नौकरी के बदले जमीन घोटाले का जिक्र करते हुए पीएम मोदी की वो बात बताई जिसमें उन्होंने कहा था, "अगर यह तय हो जाए कि नौकरी के बदले उसकी जमीन ली गई थी तो संबंधित शख्स को वो जमीन वापस कर दी जाएगी." अंजना ने कहा कि अगर मोदी 3.0 में ऐसा किया जाता है तो वो बड़ी बात होगी.

सुधीर चौधरी - कन्याकुमारी से लौटते समय पीएम मोदी ने पत्र में अपना पूरा रोडमैप बताया है. 2014 में जब वह आए तो उन्होंने कहा था सबका साथ, 2019 में उन्होंने कहा सबका विकास और अब लोग कह रहे हैं कि इस बार सबका हिसाब करेंगे. भ्रष्टाचार की उनकी मुहिम और तेज होगी. पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था टूटेगी. उन्होंने बताया कि पहले टर्म में अगर कोई प्रधानमंत्री आता है तो उसे लगता है कि वह किराए के मकान में आए हैं. दूसरे कार्यकाल में वे ऐसा सोचते हैं कि अब मकान मेरा है और मैंने ले लिया है. अब तीसरे टर्म में वो ही प्रधानमंत्री उस घर में बदलाव करता है, तो मोदी 3.0 में बड़े स्ट्रक्चरल बदलाव हो सकते हैं.

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सुधीर चौधरी ने कहा कि संविधान को छोड़कर तीसरे कार्यकाल में स्ट्रक्चरल बदलाव देखने को मिलेगा. पीएम मोदी अगले पांच साल में इकोनॉमिक डिसिप्लीन, ब्रांड भारत और चमकेगा और अपने देश के विकास पर फोकस होगा, मुस्लिम रिजर्वेशन जा सकता है, वक्फ बोर्ड, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को खत्म किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगली बार का चुनाव शायद ऐसा नहीं होगा जैसा कि हमने यह चुनाव कवर किया है.

चित्रा त्रिपाठी - अगर नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता में आते हैं तो यूसीसी को तत्काल लागू किया जा सकता है. उत्तराखंड सरकार ने पहले ही लागू कर दिया है, जो कि बीजेपी ने एक कोशिश की थी और लिटमस टेस्ट था, ताकि यह देखा जा सके कि इसका कितना विरोध होता है लेकिन अब पार्टी आश्वस्त है. 

उन्होंने बताया कि इस बार विरासत और विकास को लेकर आगे बढ़ने की कोशिश होगी. उन्होंने कहा कि यूसीसी पहले 100-125 दिनों में लागू किया जा सकता है. ऑप्टिकल फाइबर को गांव-गांव तक पहुंचाने पर जोर होगा, गांव-गांव को सड़क कनेक्टिविटी पर जोर दिया जाएगा.

नेहा बाथम - मोदी 3.0 में गवर्नेंस, इन्फ्रास्ट्रक्चर, इकोनॉमी और सिक्योरिटी पर मोदी सरकार का जोर होगा. 1 जुलाई (बजट के बाद) से जो लागू होगी उसमें निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा. सरकार रेल-रोड पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाली है. बेहतरीन सड़कों के निर्माण की बात नितिन गडकरी कर चुके हैं. 

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उन्होंने कहा कि मोदी 3.0 में डोमेस्टिक मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ाया जाएगा और इससे ग्रामीण स्तर पर महिलाओं और पुरुषों की इकोनॉमी पर जोर होगा. सिक्योरिटी पर मोदी 3.0 में जोर दिया जाएगा और इसमें निवेश बढ़ेगा. टूरिज्म और एविएशन सेक्टर को भी बढ़ावा दिया जाएगा. कर्मयोगी टैलेंट बैंक योजना पर भी फोकस होगा.

गौरव सावंत - 2024 के बाद अगर नरेंद्र मोदी सरकार आती है तो जम्मू कश्मीर में जबरदस्त बदलाव देखा जा सकता है. 370 के बाद अब पीओके पर नजर होगी. उन्होंने कहा कि जहां जम्मू कश्मीर में निवेश बढ़ा है लेकिन पीओके में चीन का दबदबा बढ़ रहा है. वहां खाने-पीने के लाले पड़े हैं, लोग मारे जा रहे हैं. अगले पांच साल में पीओके को लेकर असली पिक्चर का पता चलेगा. जी20 एक ट्रेलर था लेकिन भारत अब आगे किस तरह से उभर कर दुनिया के सामने आएगा, इस पर मोदी 3.0 का फोकस होगा.

सईद अंसारी - इस कार्यकाल में वन नेशन, वन इलेक्शन की दिशा में आगे बढ़ने पर जोर दिया जा सकता है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में कमेटी बनी थी, सिफारिश की गई है. उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह लगभग तय है कि वन नेशन, वन इलेक्शन की दिशा में बढ़ा जाएगा. बेनामी संपत्ति पर एक्शन लिया जा सकता है और उसका हिसाब किताब होगा. इससे राष्ट्र की संपत्ति में बड़ा कॉन्ट्रीब्यूशन होगा.

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सिद्धार्थ जराबी - अब तक के कार्यकाल में जिस तरह से डिमोनेटाइजेशन हुआ और जीएसटी जैसी चीजें आई, अब अगले पांच साल में मोदी सरकार का फोकस इकोनॉमिक ग्रोथ पर होगी. महंगाई को लेकर क्या होगा, ये हमें चुनावी नतीजे के बाद पता चलेगा कि आखिर चुनाव में बेरोजगारी, महंगाई या पेपर लीक एक बड़ा मुद्दा था या नहीं. उन्होंने वकालत की कि जीएसटी कम होना चाहिए और इसमें कई चीजें एंटी मिडिल क्लास कही जाती है, जिसपर मोदी 3.0 से उम्मीद की जा सकती है.

विक्रांत गुप्ता - ओलंपिक पर विक्रांत ने कहा कि ओलंपिक अगले 100-125 दिन में तो नहीं आएगा लेकिन 2029 के चुनाव से पहले आ जाएगा. आमतौर पर ओलंपिक सात साल पर प्लान की जाती है और अहमदाबाद को होस्ट सिटी बनाया जा सकता है. 90 फीसदी चांस है कि डील क्रैक हो जाएगा. ओलंपिक से बड़ा दुनिया में कोई गेम नहीं है. शायद कुछ साल पहले ये नामुमकिन था कि भारत में ओलंपिक होगा. 2036 का ओलंपिक्स अगर अहमदाबाद में ना हो तो मैं सरप्राइज होउंगा.

अर्पिता आर्या - राजधानी दिल्ली को लेकर अर्पिता ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव अलग-अलग मुद्दों पर लड़ा जाता है. उन्होंने डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देने को लेकर कहा कि मोदी 3.0 में इस पर ध्यान दिया जा सकता है.

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