
दूसरे चरण के मतदान में कुछ ही समय बचा है. ये वही चरण है, जहां से पिछले लोकसभा चुनाव में चरण दर चरण बीजेपी ने विपक्ष के खिलाफ लीड बनाकर रखी थी. लेकिन इस दूसरे चरण से पहले देश का सियासी तापमान बढ़ गया है. 2024 के चुनाव की लड़ाई संपत्ति सर्वे से मुसलमान और मंगलसूत्र तक आ गई है. भले की कांग्रेस चुनाव आयोग से पीएम के बयान को लेकर शिकायत कर चुकी है, लेकिन बयानबाजी अब भी जारी है. जहां पीएम मोदी ने घोषणा पत्र का जिक्र करते हुए मंगलसूत्र और मुस्लिम आरक्षण को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा तो वहीं अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पलटवार किया है. प्रियंका ने कहा कि उनकी मां यानी सोनिया गांधी का मंगलसूत्र देश के लिए कुर्बान हुआ है.
16 दिन पहले आए कांग्रेस के घोषणा पत्र और तेलंगाना में राहुल गांधी के बयान के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो मुद्दा उठाया, अब उसे पूरी बीजेपी ने उठा लिया है. अमित शाह से लेकर मोहन यादव और गजेंद्र शेखावत तक इसे मुद्दा बना रहे हैं. दरअसल, बांसवाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो वो लोगों की संपत्तियां लेकर ज्यादा बच्चों वालों और घुसपैठियों को बांट देगी. मोदी ने कहा था, 'पहले जब इनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है. इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करते किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंजूर है ये?'
उन्होंने आगे कहा था, 'ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे. उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे. और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. भाइयो-बहनो ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों, ये आपका मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे. ये यहां तक जाएंगे.'
अब प्रियंका गांधी ने मंगलसूत्र पर किया पलटवार
कांग्रेस महासचिव ने बेंगलुरु में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी के मंगलसूत्र वाले बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, "पिछले 2 दिनों में अब ये शुरू हुआ है कि कांग्रेस के लोग आपका मंगलसूत्र और सोना छीनना चाहते हैं. 70 सालों से ये देश स्वतंत्र है, 55 सालों के लिए कांग्रेस की सरकार रही तब क्या किसी ने आपका सोना छीना और आपके मंगलसूत्र छीने? जब देश में जंग हुई थी तब इंदिरा गांधी ने अपना सोना देश को दिया था और मेरी मां का मंगलसूत्र (राजीव गांधी) इस देश को कुर्बान हुआ है."
उन्होंने कहा, "अगर मोदी जी 'मंगलसूत्र' का महत्व समझते तो ऐसी बातें नहीं कहते. जब नोटबंदी हुई तो उन्होंने महिलाओं की बचत छीन ली. किसानों के विरोध के दौरान 600 किसानों की जान चली गई, क्या मोदी जी ने उन विधवाओं के 'मंगलसूत्र' के बारे में सोचा? जब मणिपुर में एक महिला को नग्न कर घुमाया गया, तब मोदी जी चुप थे, क्या उन्होंने उनके 'मंगलसूत्र' के बारे में सोचा? आज वह वोट के लिए महिलाओं से ऐसी बातें कह रहे हैं, उन्हें डरा रहे हैं ताकि वे डरकर वोट करें.”
कांग्रेस के घोषणा पत्र में क्या लिखा है?
इसी महीने चार तारीख को कांग्रेस 48 पन्नों का घोषणा पत्र लेकर आई. इसमें पांच न्याय और 25 गारंटी जनता को कांग्रेस ने दी. अब सवाल उठता है कि क्या इसी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने चुनाव जीतने पर मंगलसूत्र पर कब्जे की बात, मुस्लिमों को संपत्ति बांटने की बात, या वो दूसरी बातें कहीं, जिनके आरोप रविवार से अब तक तीन दिन में तीन बार पीएम, एक बार अमित शाह, तीन बार योगी आदित्यनाथ और अब लगातार बीजेपी के मुख्यमंत्री, मंत्री, चुनाव प्रभारी, संगठन से जुड़े नेता, प्रवक्ता लगाने लगे हैं?
जवाब है नहीं. कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहीं ये नहीं लिखा है कि मंगलसूत्र या फिर महिलाओं का सोना कब्जा किया जाएगा. घोषणा पत्र में कहीं नहीं लिखा है कि मुस्लिमों को संपत्ति बांटकर दे दी जाएगी. घोषणा पत्र में कहीं नहीं लिखा है कि शरिया कानून लागू होगा. इसमें कहीं नहीं लिखा है कि जिसके पास दो घर है, उसमें से एक घर छीन लिया जाएगा और ये भी कहीं नहीं लिखा है कि जिसके पास दो कार है, उसकी एक कार छीनकर कांग्रेस किसी और को दे देगी. लेकिन हां आर्थिक न्याय से जुड़े पेज नंबर 28 के पॉइंट नंबर 21 में ये जरूर लिखा है कि कांग्रेस नीतियों में उपयुक्त बदलाव करके धन और आय के मामले में बढ़ती असमानता का समाधान करेगी.
घोणषा पत्र के पेज नंबर 6 पर कांग्रेस ने हिस्सेदारी न्याय औऱ सामाजिक न्याय के तहत लिखा है कि आर्थिक सामाजिक जाति गणना कराएगी. आर्थिक सामाजिक स्थिति का पता लगाएगी. फिर कांग्रेस सुधार के लिए कदम उठाएगी. तो क्या इसे ही बीजेपी कांग्रेस की तरफ से लोगों की संपत्ति बांट देने वाले दावे के साथ प्रचारित कर रही है? अब अगला दावा है कि मुस्लिमों को संपत्ति बांट दी जाएगी? इस बारे में घोषणा पत्र पर जब देखते हैं तो पता चलता है कि पेज नंबर 7 पर अल्पसंख्यक के तहत लिखा गया है कि तानाशाही या बहुसंख्यकवाद के लिए देश में कोई जगह नहीं है. कांग्रेस भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार को बनाए रखने और रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकार बरकरार रखने की बात
पेज नंबर 8 पर लिखा है कि संविधान के तहत अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकार कांग्रेस बरकरार रखेगी. शिक्षा रोजगार व्यवसाय, सेवाओं, खेल, कला के बढ़ते अवसरों का पूरी तरह लाभ उठाने में अल्पसंख्यकों को प्रोत्साहित और सहायता करेगी. अल्पसंख्यकों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए आसान कर्ज देने की नीति बनाएगी. अल्पसंख्यकों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सरकारी नौकरी, लोक निर्माण अनुबंध, कौशल विकास, खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों में बिना किसी भेदभाव उचित अवसर मिले. इसके बाद पीएम और बीजेपी के तमाम नेता राहुल गांधी के तेलंगाना में दिए एक बयान का जिक्र लाते हैं. आरोप लगाते हैं कि राहुल गांधी ने ही जरूरत से ज्यादा संपत्ति होने पर उसे जब्त करने की बात कही है.
अब दस्तक देता अगला सवाल ये है कि पहले कांग्रेस के घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग की कॉपी बताया गया. लेकिन क्या तब जनता के बीच धर्म के नाम पर कोई हलचल नहीं देखी गई, जो फिर संपत्ति के सर्वे, मंगलसूत्र और आज कांग्रेस के मुस्लिम आरक्षण वाले पुरातन इतिहास को खोल दिया गया. इस बात में रत्ती भर भी सवाल नहीं है कि कांग्रेस ने पहले धर्म के आधार पर आरक्षण देने की कोशिश की है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रोका है. लेकिन सच ये भी है कि इस बार के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कहीं ये नहीं लिखा कि वो मुसलमानों को या अल्पसंख्यकों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अलग से आरक्षण दिया जाएगा. हांलाकि 2014 तक कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों को आरक्षण की बात करती रही. यही वजह है कि अब कांग्रेस को धर्म के आरक्षण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री घेरते हैं.
...तो इसलिए जोर पकड़ रहा मंगलसूत्र, मुसलमान और संपत्ति का मुद्दा
सवाल है कि आखिर अचानक पहले चरण के बाद इतना तेजी से तुष्टिकरण, ध्रुवीकरण वाली बातें क्यों आई हैं? मंगलसूत्र, मुसलमान, मेनिफेस्टो, मुस्लिम आरक्षण और संपत्ति की बात अब क्या इसलिए जोर पकड़ी है क्योंकि संविधान बदलने का डर दिखाकर कांग्रेस ने घेरा तो बीजेपी अब संपत्ति बंटवारे का डर दिखाकर घेर रही है? पहले चरण में मतदान का उत्साह बढ़कर ना दिखना अब तेज हुए बयानों की वजह है? क्या बीजेपी अपने कोर वोटर को दूसरे चरण से पहले याद करा रही है कि कांग्रेस आई तो सिर्फ तुष्टिकरण धर्म के नाम पर होगा? क्या अब बीजेपी ने ये मुद्दा इसलिए उठाया है क्योंकि दूसरे चरण वाली 88 सीट में से अकेले बीजेपी ने 2019 में 52 यानी 59 फीसदी और एनडीए ने 61 यानी 69 फीसदी सीट जीती थी. यानी अब हर वो चरण हैं जहां पिछली बार बीजेपी की लीड विपक्ष के ऊपर थी. तो क्या उसी लीड को बनाए रखने के लिए सारे बयान आए हैं?