
लोकसभा चुनाव से पहले TDP नेता चंद्रबाबू नायडू NDA में दोबारा शामिल हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक इसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि सीट शेयरिंग का मुद्दा बेहद अहम है. जिस पर बातचीत जारी है. बीजेपी के साथ-साथ पवन कल्याण की जन सेना पार्टी की सीटें भी तय करने पर बात हो रही है. सूत्रों के मुताबिक टीडीपी को 18, जन सेना को 2, बीजेपी को 5 सीटें दिए जाने के फॉर्मूले पर बात बन सकती है. जिस पर टीडीपी भी सहमत हो सकती है. बता दें कि आंध्रप्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें आती हैं.
चंद्रबाबू नायडू पिछले कुछ समय से बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ लागातार मुलाकात कर रहे हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चंद्रबाबू नायडू कभी भी एनडीए में शामिल हो सकते हैं. हालांकि चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी पहले भी बीजेपी का हिस्सा रही है. नायडू केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संसद में लोकसभा चुनाव में तीसरी बार बीजेपी की बड़ी जीत का दावा करते हुए कहा था कि देश का मिजाज देखकर लग रहा है कि इस बार एनडीए को 400 से ज्यादा सीटें मिलेंगी, जबकि बीजेपी को 370 सीटों पर जीत हासिल होगी. ऐसे में बीजेपी 400 प्लस के टारगेट को पूरा करने के लिए सभी समीकरण सेट कर रही है.
बीते दिनों हुए इंडिया टुडे और सी वोटर के 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे में एनडीए को उत्तर भारत में जहां लाभ होता दिख रहा है, तो वहीं साउथ में INDIA गठबंधन को फायदा हो सकता है. ऐसे में बीजेपी अपने टारगेट को हासिल करने के लिए साउथ पर फोकस कर रही है.
बीजेपी का साउथ की सीटों पर फोकस
साउथ इंडिया के 5 राज्यों (केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना) में लोकसभा की 129 सीटें आती हैं, इसमें अकेले आंध्र प्रदेश में 25 सीटें आती हैं. सर्वे के आंकड़ों में चंद्रबाबू नायडू बड़ा उलटफेर करते दिख रहे हैं. TDP को 17 जहां सीटों पर जीत मिलने का अनुमान है. वहीं, जगन मोहन रेड्डी की YSRCP को 8 सीटें मिलती नजर आ रहीं हैं, जबकि बीजेपी को यहां बड़ा नुकसान होने का अनुमान है. ऐसे में चंद्रबाबू नायडू अगर एनडीए के साथ आ जाते हैं, तो बीजेपी के लिए ये फायदेमंद साबित होगा.
नायडू ने तोड़ लिया था NDA से रिश्ता
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था. जब उन्होंने NDA से नाता तोड़ा था, तब वह सूबे की सीएम थे, लेकिन चंद्रबाबू नायडू तब विषेश राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे. इसे लेकर उन्होंने बीजेपी से 20 साल पुरान गठबंधन तोड़ लिया था.