
Guna Loksabha Seat Result: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को मध्य प्रदेश में अपनी पारंपरिक गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस के यादवेंद्र राव देशराज सिंह को 5 लाख 40 हजार 929 मतों के अंतर से परास्त कर इतिहास रच दिया. साल 2002 में पिता माधवराव सिंधिया के मौत के बाद राजनीति में पदार्पण करने वाले ज्योतिरादित्य की यह अब तक की सबसे बड़ी जीत है. पूर्व कांग्रेस नेता सिंधिया पहली बार BJP के टिकट पर जीते हैं.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, ज्योतिरादित्य सिंधिया को 9 लाख 23 हजार 302 वोट मिले, जबकि उनके कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी को 3 लाख 82 हजार 373 मत प्राप्त हुए. मतगणना के दौरान ज्योतिरादित्य ने शुरुआती दौर से ही बढ़त बनाकर रखी. कांग्रेस के यादवेन्द्र सिंह किसी भी राउंड में ज्योतिरादित्य को नहीं पछाड़ पाए.
वर्तमान में भाजपा के राज्यसभा सदस्य सिंधिया ने 2002, 2004, 2009 और 2014 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में गुना से जीत हासिल की थी. वह 2019 में भाजपा के डॉ केपी यादव से हार गए और बाद में राज्य कांग्रेस नेतृत्व से मतभेद होने के बाद मार्च 2020 में भाजपा में शामिल हो गए थे.
गुना का प्रतिनिधित्व पहले उनकी दादी दिवंगत विजयाराजे सिंधिया और उनके पिता दिवंगत माधवराव सिंधिया करते थे. बता दें कि पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद 2002 में हुए उपचुनाव में पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया को 4.50 लाख वोट मिले थे. अब 2024 में 5.40 लाख के पार मत प्राप्त हुए हैं.
मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट हमेशा सुर्खियों में रहती है. लेकिन इस बार तीन जिलों की इस हाईप्रोफाइल सीट पर देशभर की निगाह थी. वजह हाईप्रोफाइल कैंडिडेट ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं. पिछले आम चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट सिंधिया अपनी पारंपरिक सीट को हार गए थे. अब बीजेपी के टिकट पर 'महाराज' ने वापसी के लिए चुनाव लड़ा था.
उधर, प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार राव यादवेंद्र सिंह यादव ने भी चुनाव प्रचार के दौरान से लेकर मतगणना के दिन तक अपनी फतह के दावे किए थे लेकिन वह परास्त हो गए. रुझानों में भी सिंधिया को मजबूत कैंडिडेट बताया गया था.
बता दें कि लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण यानी 7 मई को गुना संसदीय क्षेत्र में 72.43 फीसदी वोटिंग हुई थी. इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस कैंडिडेट राव यादवेंद्र सिंह यादव के बीच ही है.
2014 का आम चुनाव 1 लाख 20 हजार 792 वोटों से जीतने वाले कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को 2019 में BJP प्रत्याशी डॉ. कृष्णपाल यादव ने 1 लाख 25 हजार 549 वोटों से हरा दिया था. 14 बार लगातार अजेय रहने वाले सिंधिया राजपरिवार के किसी प्रत्याशी की गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में यह पहली हार थी.
तीन जिलों शिवपुरी, गुना और अशोकनगर के इस संसदीय क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार डॉ. केपी यादव को कुल 6 लाख 14 हजार 049 यानी 52.11% वोट मिले थे. जबकि उनके मुकाबले कांग्रेस प्रत्याशी सिंधिया को 4 लाख 88 हजार 500 यानी 41.45% मत हासिल हुए थे. संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों पर यादव वोटों की संख्या करीब 3.50 लाख से ज्यादा है. करीब 1.50 लाख यादव वोटर्स सिर्फ गुना जिले में ही हैं.
गुना लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. गुना, बमोरी, शिवपुरी, कोलारस, पिछोर, चंदेरी, मुंगावली और अशोकनगर. आठों विधानसभाओं में 18 लाख से ज्यादा वोटर हैं. यादव वोटबैंक के सहारे कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने की रणनीति बनाई. हालांकि, गुना लोकसभा क्षेत्र की दो विधानसभा सीटों मुंगावली और कोलारस पर यादव समाज के बृजेंद्र सिंह यादव और महेंद्र यादव विधायक हैं. दोनों ही सिंधिया समर्थक माने जाते हैं.