
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. ईडी ने केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया है. सवाल उठ रहा है कि सामने लोकसभा चुनाव हैं, ऐसे में केजरीवाल की गिरफ्तारी का AAP के लोकसभा चुनाव अभियान पर क्या असर पड़ेगा? पंजाब में कांग्रेस से दो-दो हाथ कर रही AAP कैसे अपने सपने को साकार कर पाएगी? जानिए...
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से पार्टी के लोकसभा चुनाव अभियान पर भी असर पड़ने की आशंका है. यही वजह है कि AAP नेता एक्टिव हुए हैं और संगठन के मनोबल को कमजोर नहीं होने देना चाहते हैं. मंगलवार को संजय सिंह और संदीप पाठक चंडीगढ़ पहुंचे और वहां एक बैठक आयोजित की. इस बैठक में पार्टी नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक का हौसला बढ़ाया. स्थानीय यूनिट को यह मंत्र भी दिया कि किसानों के मुद्दे और बेअदबी मामलों पर बीजेपी और अकाली दल को कैसे घेरा जाए. माना जा रहा है कि बीजेपी को राजनीतिक लाभ मिल सकता है, लेकिन किसानों के विरोध की कीमत चुकानी पड़ेगी.
'AAP को उम्मीद, जल्द बाहर आएंगे केजरीवाल'
केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को अरेस्ट किया था. 10 दिन तक वो ईडी हिरासत में रहे. उसके बाद ट्रायल कोर्ट ने 15 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया. केजरीवाल का जेल में आज 10वां दिन है. जबकि उनकी गिरफ्तारी का 21वां दिन है. मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से भी केजरीवाल को झटका लगा है और उनकी गिरफ्तारी-कस्टडी को कोर्ट ने सही ठहराया है. हालांकि, HC के फैसले के बाद AAP सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि केजरीवाल को राहत मिलेगी और जल्द ही रिहा हो जाएंगे.
'प्रचार अभियान को रफ्तार देने में जुटी AAP'
AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा, अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक्साइज पॉलिसी का मामला सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश है. वे जल्द ही जेल से बाहर आएंगे. इस बीच, AAP के राजनीतिक रणनीतिकार केजरीवाल की अनुपस्थिति के बीच पार्टी के चुनाव अभियान को रफ्तार देने में बिजी हैं.
पंजाब के सीएम भगवंत मान और संजय सिंह ने सीएम आवास पर बंद कमरे में बैठक की. बाद में मान, संजय सिंह और संदीप पाठक ने संयुक्त रूप से पार्टी के लोकसभा क्षेत्र प्रभारियों, मंत्रियों, विधायकों और अन्य नेताओं को संबोधित किया. सवाल है कि क्या केजरीवाल की गैरमौजूदगी में पार्टी के चुनाव प्रचार पर असर पड़ेगा? पार्टी नेतृत्व इस स्थिति को कैसे संभालेगा और पंजाब में सभी 13 सीटें जीतने के अपने सपने को साकार कैसे कर पाएगा?
'विपक्ष की चुनौती से कैसे निपटेगी AAP'
AAP के स्टार प्रचारक केजरीवाल चुनाव मैदान से गायब हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी महासचिव संदीप पाठक पंजाब और हरियाणा दोनों जगहों पर कैंपेन को लीड कर रहे हैं. लेकिन विपक्षी खासकर कांग्रेस की तरफ से पेश की जा रही चुनौतियों के बारे में क्या, जो इंडिया ब्लॉक की सहयोगी होने के बावजूद पंजाब में AAP के खिलाफ लड़ रही है?
'बीजेपी और शिअद को घेरने का बनाया प्लान'
कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा ने कहा, दोनों वरिष्ठ नेताओं ने हमें समझाया कि पार्टी के लिए कैसे प्रचार करना है और सभी 13 सीटों पर जीत सुनिश्चित करनी है. पार्टी सूत्रों ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे बिजली जैसी मुफ्त सुविधाओं और मोहल्ला क्लीनिकों में मुफ्त दवाओं और टेस्ट जैसी स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में प्रचार करें. शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी को घेरने के लिए बेअदबी और किसान विरोध के मुद्दों को उठाने के लिए भी कहा गया है.
वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा, बीजेपी पहले तीन काले कानून (कृषि कानून रद्द हो गए) लेकर आई और फिर किसानों को सड़कों पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा. सैकड़ों लोगों की जान चली गई. हरियाणा और दिल्ली में बीजेपी की सरकार है. गोलियां कौन चला रहा है?
'केजरीवाल की गिरफ्तारी से पंजाब में AAP बेफ्रिक'
दिलचस्प बात यह है कि केजरीवाल की गैरमौजूदगी के बावजूद AAP पंजाब में बेफिक्र नजर आ रही है. यहां पार्टी नेताओं का दावा है कि हम सभी 13 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेंगे. पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार संधवान ने आजतक को बताया, हर कार्यकर्ता, हर पंजाबी अरविंद केजरीवाल है. हम उनके विचारों से बहुत प्रभावित हैं. आप अरविंद केजरीवाल को कैद कर सकते हैं लेकिन उनके विचार पंजाब में हर जगह हैं.
केजरीवाल की गैरमौजूदगी से चुनाव प्रचार पर क्या असर पड़ेगा?
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने विपक्षी शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी को पर्याप्त हथियार दे दिए हैं. दिल्ली शराब घोटाले का दाग केजरीवाल को पंजाब और हरियाणा दोनों जगह सता रहा है. बीजेपी और शिअद, आम आदमी पार्टी को घेरने के लिए दिल्ली शराब घोटाले का मुद्दा प्रमुखता से उठा रही है. AAP को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इसका काउंटर करने के लिए AAP ने एक मोबाइल फोन नंबर जारी किया है और लोगों से भ्रष्टाचार के मामलों की रिपोर्ट करने की अपील की है.
वहीं, पंजाब में बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता विनीत जोशी ने कहा, अगर अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और अन्य समेत AAP नेता दोषी नहीं हैं तो वे अपने मोबाइल फोन सौंपने से क्यों झिझक रहे हैं?
'एक-दूसरे को बेनकाब करने का मौका नहीं चूकते AAP-कांग्रेस'
बताते चलें कि AAP और कांग्रेस ने जहां पड़ोसी राज्य हरियाणा में हाथ मिला लिया (अलायंस) है, वहीं पंजाब में AAP को कांग्रेस से मुकाबला करना पड़ रहा है. पंजाब में कांग्रेस और AAP दोनों नेता आमने-सामने हैं. वे शायद ही कभी एक-दूसरे को बेनकाब करने का कोई मौका चूकते हैं. पंजाब के नेता प्रतिपक्ष (कांग्रेस) प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, हमने पंजाब में AAP के साथ गठबंधन नहीं किया है, क्योंकि हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है. हम अपनी पहचान बचाना चाहते हैं.
हालांकि, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि केजरीवाल की गिरफ्तारी ने इंडिया ब्लॉक को नई जान दे दी है, लेकिन इसका फायदा नई दिल्ली तक ही सीमित रहेगा.
क्या केजरीवाल पर लगे दाग से बीजेपी को फायदा होगा?
हरियाणा और पंजाब में बीजेपी को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा है. अभी भी हरियाणा और पंजाब की सीमाओं पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. कई बीजेपी नेताओं को ग्रामीण इलाके में चुनाव प्रचार करने में परेशानी आ रही है. पंजाब और हरियाणा में बीजेपी को विरोध का सामना करना पड़ा है.
हरियाणा में बीजेपी की पूर्व सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेताओं और दुष्यन्त चौटाला को भी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने दुष्यंत चौटाला को रोक दिया था और कार से उतरने पर मजबूर कर दिया था. इधर, बीजेपी से अलायंस टूटने के बाद जेजेपी नेता ना सिर्फ पार्टी छोड़ रहे हैं बल्कि किसानों से यह भी कह रहे हैं कि जब आपको विरोध का सामना करना पड़ा तो उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर बड़ी गलती की है.
केजरीवाल की गिरफ्तारी से बीजेपी को जो राजनीतिक लाभ मिल सकता है, वो सिर्फ चुनाव प्रचार तक ही सीमित रहेगा. किसानों के विरोध प्रदर्शन से AAP और कांग्रेस को ज्यादा फायदा होगा लेकिन बीजेपी विरोधी वोट कांग्रेस और AAP के बीच बंट जाएंगे.