
लोकसभा चुनाव के ऐलान में अब जब तकरीबन सात आठ दिन का ही वक्त बचा है, ऐसे में बीजेपी-कांग्रेस ने अपनी चुनावी तैयारियां और तेज कर दी है. एक तरफ बीजेपी का नारा है- 400 पार सीट का और मोदी की गारंटी. पीएम मोदी कह चुके हैं कि 'जब सभी से उम्मीद खत्म हो जाती है, तब 'मोदी की गारंटी' शुरू होती है. वहीं अब कांग्रेस की तरफ से आज 400 पार के सामने 30 लाख नौकरी देने का वादा किया गया है.
देश में नौकरी को लेकर नौजवान विभिन्न राज्यों में प्रदर्शन कर रहे हैं. जयपुर से लेकर लखनऊ और रांची हर जगह बेरोजगार युवा प्रदर्शन करते-करते थक गए हैं. कभी नौकरी नहीं निकलती है, कहीं नौकरी निकलती है तो पेपर लीक हो जाता है और कहीं भर्ती निकालकर रद्द कर दी जा रही है. ऐसे में अब कांग्रेस ने बेरोजगारों का मुद्दा प्रमुखता से उठाते हुए 30 लाख खाली पद भरने की गारंटी दी है.
राहुल गांधी की चुनावी गारंटी
राहुल गांधी ने 30 लाख खाली पद भरने की गारंटी, ग्रेजुएट को एक साल ट्रेनिंग भत्ते की गारंटी, अस्थाई कर्मचारियों-गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी, पेपर लीक रोकने वाला कानून देने की गारंटी और हर जिले में गरीबों को काम की शुरुआत के लिए 5000 करोड़ के फंड का वादा किया है. राहुल ने कहा, 'नरेंद्र मोदी जी कहते हैं पकौड़े बेचो, नौकरी सबसे जरूरी मुद्दा है देश का. हिंदुस्तान में तीस लाख सरकारी वैकेंसी हैं. तीस लाख. मोदी जी इनको भरवाते नहीं हैं. सरकार में आने के बाद हमारा पहला काम होगा कि नब्बे परसेंट को तीस लाख सरकारी नौकरी दे देंगे.'
राहुल के आंकड़े पर सवाल
वहीं केंद्र सरकार की बात करें तो वह जो आंकड़ा सेंटर में 2022 तक खाली पदों का देती है वो 9 लाख 64 हजार के करीब है. अब तीस लाख का आंकड़ा अब कहां से आया ये कांग्रेस बता सकती है. लेकिन 30 लाख खाली पदों को भर्ती भरोसे के नाम पर तुरंत भरने के वादे से राहुल गांधी ने करीब 25 करोड़ युवाओं पर अपनी राजनीति केंद्रित की है. आधार ये है कि 2014 से 2021-22 के बीच बाइस करोड़ युवाओं ने जरूर अकेले केंद्र की नौकरी के लिए फॉर्म भरा. जिसमें से एक फीसदी से कम को ही केंद्र में सरकारी नौकरी मिल पाई और अनुमान है कि हर साल तीन करोड़ युवा सरकारी नौकरियों में बैठते हैं.
खाली पदों को तुरंत भरने की कोशिश में प्रधानमंत्री खुद भी लगे हैं. जो मिशन मोड में पिछले 18 महीने में करीब 8 लाख पदों के लिए नियुक्ति पत्र बांट चुके हैं. इस दावे के साथ कि अब भर्ती और नियुक्ति पत्र के बीच पहले की तरह रिश्वतखोरी नहीं चलती. पीएम मोदी ने कहा था, 'पहले की सरकारों में विज्ञापन जारी होने से नियुक्ति पत्र देने तक बहुत लंबा समय लगता था, इस देरी का फायदा उठाकर उस दौरान रिश्वता का खेल जमकर होता था, हमने भर्ती की प्रक्रिया को अब पूरी तरह पारदर्शी बना दिया है.'
केंद्र ने किया डीए बढ़ाने का ऐलान
गुरुवार को सरकार ने 4 फीसदी DA बढ़ाने का ऐलान किया है. यह 1 जनवरी 2024 से लागू होगा. DA बढ़ने के बाद कर्मचारियों का भत्ता 46% से बढ़कर 50% हो गया है. इसका फायदा करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनर्स को होगा. आज ही ये फैसला भी हुआ है कि केंद्र सरकार ने पीएम उज्ज्वला योजना को भी एक साल के लिए बढ़ा दिया. यानी इस योजना के उपभोक्ताओं को 300 रुपए की सब्सिडी एक साल और मिलती रहेगी. इसका फायदा 10 करोड़ परिवार को मिलेगा.
हमारे देश में एक छात्र औसत 2 लाख रुपए किराए, किताब, तैयारी, कोचिंग, खाना पीना पर सरकारी नौकरी की तैयारी में हर साल खर्च करता है. नौकरी ये एक ऐसा मुद्दा है. जिस पर खूब राजनीति होती है. बस जमीन पर वही नीतियां सफल होती दिख रही हैं. जैसे राहुल गांधी ने गुरुवार को कांग्रेस की तरफ से पांच वादे नौकरी से जोड़ कर तो दिए और 30 लाख खाली पद भरने का वादा भी कर दिया, लेकिन इसी कांग्रेस के गठबंधन की सरकार झारखंड में चल रही है. जहां साढ़े तीन लाख पद राज्य में खाली पड़े हैं. लाखों नौजवान नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
झारखंड में नौकरी नहीं पाई जेएमएम और कांग्रेस गठबंधन सरकार
झारखंड़ में तीन बार सरकार बदल गई. चयन आयोग के पांच बार अध्यक्ष बदल गए. 9 साल बीत गए. जो परीक्षा 65 हजार बेरोजगारों के लिए शुरु हुई उसमें अब 6.5 लाख बेरोजगार बैठने लगे. बेरोजगार परीक्षा के इंतजार में ओवरएज होने लग गए. 9 साल बाद JSSC CGL यानी झारखंड में सचिवालय कर्मियों की भर्ती परीक्षा हुई भी तो पेपर लीक हो गया. झारखंड में पांच लाख रोजगार का वादा करके झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की सरकार बनी है. लेकिन देश में नौकरी देने की गारंटी घूमती कांग्रेस अपने ही राज से एक ऐसा मॉडल नहीं दे पाई. जहां बेरोजगारी के दलदल में नौजवानों को जाने से रोका जा सके. ना ही रद्द पेपर की जानकारी दी जाती है कि कब होगा.
झारखंड की सोरेन सरकार ने हर साल पांच लाख रोजगार का वादा किया. लेकिन हकीकत है कि गृह कारा विभाग में 73938 पद खाली पड़े हैं. स्कूल शिक्षा में 1 लाख 4 हजार, स्वास्थ्य विभाग में 73 हजार से ज्यादा, कृषि विभाग में 3500, ग्रामीण विकास विभाग में 7000 से ज्यादा पद, और रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 7 लाख से ज्यादा है. यानी सिर्फ खाली पद भर लें और समय से इम्तिहान करा दें तो आधे बेरोजगार सरकारी नौकरी झारखंड में पा जाएं.
यूपी में बेरोजगार कर रहे हैं प्रदर्शन
यूपी में कही भर्ती लीक तो, तो कही नियुक्ति के लिए पुलिस की लाठी अभ्यर्थी खा रहे हैं. लखनऊ में 6900 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में अभ्यार्थियों ने जमकर संदीप सिंह बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि सरकार ने 6800 की लिस्ट जारी की थी लेकिन सरकार नियुक्ति नहीं दे रही है. उत्तर प्रदेश में दो साल से नौकरी के लिए संघर्ष करते हजारों नौजवानों की आवाज सरकार नहीं सुन पाती.
उत्तर प्रदेश के ये वो नौजवान हैं जो कोई पार्टी दफ्तर लखनऊ का ऐसा नहीं बचा जहां प्रदर्शन करने नहीं गए. सवाल है कि बेरोजगारों की फिर कब सुनी जाएगी. जनता के पास तो पाला बदलने का मौका भी पांच साल में एक बार आता है. जबकि नेता तो जब चाहें पाल बदलकर अपने वारे न्यारे कर लेते हैं.