
दिल्ली की 7 लोक सभा सीटों पर बीजेपी ने जब सांसदों को बदलने का फैसला लिया, तो पश्चिमी दिल्ली से लगातार दो बार के सांसद प्रवेश वर्मा को रिपीट न करके जाट चेहरे के रूप में कमलजीत सहरावत को मैदान में उतारा. 2 मई को कमलजीत के नामांकन काफिले में ट्रैक्टर और बुलडोजर दिखे.
केसरिया साफा बांधकर महिलाएं और बुजुर्गों से आशीर्वाद लेते और हाथ जोड़े कमलजीत ने राजौरी गार्डन में जाकर नामांकन किया. अनोखी बात ये है कमलजीत के नाम में ही पार्टी का सिंबल है. यही बार-बार कहा जा रहा था कमल प्लस जीत का मतलब है कमल की जीत. हालांकि, जीत किसकी होगी, ये तो जनता 4 जून को तय करेगी. उससे पहले छठवें चरण में दिल्ली की सातों सीटों पर वोट पड़ेगा.
कौन हैं कमलजीत सहरावत
पश्चिमी दिल्ली से दो बार के सांसद रहे प्रवेश वर्मा को रिपीट न करके कमलजीत सहरावत को प्रत्याशी बनाया गया. वह दिल्ली भाजपा महासचिव और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की पूर्व मेयर रह चुकी हैं. सहरावत स्थायी समिति की सदस्य भी रही हैं. इससे पहले पश्चिमी दिल्ली की मटियाला विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुकी हैं.
वह दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष रह चुकी हैं. इनके पास एमकॉम और बीकॉम की डिग्री है. B.ed. और कंप्यूटर एप्लीकेशन किया है. 29 सितंबर 1972 को जन्मी कमलजीत सहरावत दिल्ली के अंबर हाई गांव के राज सिंह सहरावत की पत्नी है. वार्ड नंबर 120 B द्वारका के पार्षद के रूप में भी वह काम करती हैं. इनका धर्म हिंदू और जाति जाट है. सहरावत अंग्रेजी हिंदी और पंजाबी बोलती हैं.
पूर्व सांसद रहे हैं महाबल मिश्र
कमलजीत के खिलाफ चुनाव मैदान में आम आदमी पार्टी की तरफ से महाबल मिश्रा मैदान में हैं. उन्होंने भी पार्षद से ही राजनीति की शुरूआत की थी. पूर्वांचली नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले महाबल मिश्रा बिहार के मधुबनी जिल से आते हैं. डाबड़ी वार्ड से चुने गए थे. वह सांसद भी रह चुके हैं.
डाबड़ी के साथ ही महावीर इन्कलेव, सीतापुरी, दशरथ पुरी जैसे इलाकों में पूर्वांचलियों की अच्छी तादाद है. उनका बेटा विनय मिश्रा भी आम आदमी पार्टी से द्वारका के विधायक है. साल 2009 आते-आते महाबल मिश्रा पूर्वांचली नेता के रूप में बहुत लोकप्रिय रहे, तो किसी जमाने में उन्हें दिल्ली की सीएम शीला दीक्षित का बेहद करीबी माना जाता था.