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कंगना से सामना, कांग्रेस की अंदरूनी कलह भी बनी चुनौती... मां प्रतिभा सिंह की सीट बचा पाएंगे विक्रमादित्य?

मंडी सीट अभी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के ही पास है. साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में मंडी लोकसभा सीट पर बतौर कांग्रेस की उम्मीदवार प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी बीजेपी के महेश्वर सिंह को करीब 65 हजार वोटों से हराया था. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी चुनाव जीत कर केंद्र की सत्ता पर भी काबिज हुई थी.

कांग्रेस से विक्रमादित्य सिंह हो सकते हैं मंडी से लोकसभा प्रत्याशी कांग्रेस से विक्रमादित्य सिंह हो सकते हैं मंडी से लोकसभा प्रत्याशी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 8:19 PM IST

राजनीति संभावनाओं का खेल है और यहां कब कौन सा समीकरण बन जाए, कब कौन सा बदल जाए, कुछ कह नहीं सकते. उदाहरण के लिए हिमाचल को ही देख लीजिए, अभी कुछ दिन पहले ही जो विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस से बागी हो रहे थे और उनकी मां हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह अपनी पार्टी के साथ अपने शिकवे बयां कर रही थीं, उन्होंने शनिवार को खुला ऐलान कर दिया कि, लोकसभा चुनाव में मंडी से कांग्रेस की तरफ से विक्रमादित्य सिंह चुनाव लड़ेंगे. हालांकि पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर उनके नाम का ऐलान होना बाकी है.

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बतौर प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह के नाम की चर्चा
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इसके संकेत दिए हैं. दिल्ली में सीईसी की बैठक में भी माना जा रहा है कि विक्रमादित्य सिंह के नाम की चर्चा हुई है. सीएम सुक्खू ने कहा कि मंडी से हमें युवा नेता मिलेगा ये तय है. वहीं प्रतिभा सिंह ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह को सशक्त कैंडिडेट माना गया है.बता दें कि फिलहाल प्रतिभा सिंह ही इस सीट से सांसद हैं.

भाजपा के लिए कड़ा मुकाबला
आज नहीं तो कल या फिर थोड़ी देर-सबेर में हो सकता है कि विक्रमादित्य सिंह के नाम पर ऑफिशियली मुहर लग ही जाएगी, लेकिन तब तक के लिए ये तो तय हो गया है कि बीजेपी से यहां की प्रत्याशी बनी फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के सामने कांग्रेस का बड़ा नाम मैदान में आ चुका है. इसलिए लोकसभा चुनाव में अब भाजपा के लिए इस सीट पर मुकाबला कड़ा होने वाला है और राजनीति की शुरुआती पहली ही पारी में कंगना रनौत का सामना कद्दावर और दिग्गज से होने जा रहा है, ऐसे में उनकी राह यहां आसान तो नहीं ही होने वाली है. एक नजर डालते हैं उन फैक्ट्स पर जो कंगना के लिए संसद की राह कठिन कर सकते हैं तो वहीं विक्रमादित्य के लिए आसान

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पहले बात कंगना के बारे में
कंगना रनौत किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं और बॉलीवुड में उनकी अलग ही धाक है. अभिनय की फील्ड में चले आ रहे किसी खेमे में शामिल होने के बजाय उन्होंने 'एकला चलो रे' की नीति अपना रखी है, और इसी दमखम के साथ उन्होंने फिल्म निर्माण में भी हाथ आजमा लिया है. रानी लक्ष्मीबाई को पोट्रे करती उनकी फिल्म मणिकर्णिका काफी सराही गई थी, तो वहीं कंगना को भी बॉलीवुड में क्वीन कहा जाता है. भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़ा दाव खेलते हुए कंगना रनौत को मंडी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. 

कंगना को मंडी से टिकट देने के पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि, वो हिमाचल के मनाली से आती हैं. वैसे हाल के दिनों में कंगना बहुत ऐक्टिव भी नजर आई हैं, चाहे वो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना हो या पीएम मोदी की बातों का समर्थन, कंगना ने ये सभी काम बढ़-चढ़ कर किया हैं. हाल के दिनों में उन्होंने कई इंटरव्यू भी दिए है जिसमें देश की आजादी और पीएम मोदी पर उनके बयान की खूब चर्चा हो रही है. 

अब बात हिमाचल की मंडी सीट की
मंडी सीट अभी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के ही पास है. साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में मंडी लोकसभा सीट पर बतौर कांग्रेस की उम्मीदवार प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी बीजेपी के महेश्वर सिंह को करीब 65 हजार वोटों से हराया था. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी चुनाव जीत कर केंद्र की सत्ता पर भी काबिज हुई थी. 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह मैदान में थे, जहां उन्होंने बीजेपी के महेश्वर सिंह को 14 हजार वोटों से हराया था. 2013 में वीरभद्र सिंह की मृत्यु हो जाने के बाद उपचुनाव हुए जिसमें प्रतिभा सिंह ने बीजेपी के जयराम ठाकुर को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. 

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फिर आया साल 2014, 2014 में देश में 'मोदी लहर' चल रही थी. इस लहर में कांग्रेस मंडी लोकसभा सीट नहीं बच पाई. इस चुनाव में बीजेपी के राम स्वरूप शर्मा ने कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को 40 हजार वोटों से शिकस्त दे दी. वैसे आपको बता दें कि, इस साल हिमाचल की सभी चारों सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. मंडी लोकसभा सीट पर अब तक के चुनाव में साल 2019 में एक रिकार्ड बन गया. इस चुनाव में बीजेपी ने अपने सिटिंग सांसद राम स्वरूप शर्मा तो वहीं कांग्रेस ने आश्रय शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया. चुनाव के बाद आए नतीजों में बीजेपी के राम स्वरूप शर्मा ने कांग्रेस उमीदवार को चार लाख से ज्यादा वोटों से हरा दिया. 

साल 2021 में हुआ मंडी सीट पर उपचुनाव
लेकिन, फिर हुआ यूं कि साल 2021 में रामस्वरूप शर्मा का निधन हो गया और इस सीट पर फिर से उपचुनाव की नौबत आ गई. तब बीजेपी ने ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को तो कांग्रेस ने एकबार फिर से प्रतिभा सिंह को उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में बीजेपी उलटफेर का शिकार हो गई और प्रतिभा सिंह ने करीब नौ हजार वोटों से बीजेपी को हरा दिया था. 

ऐसे में कंगना का सामना, कद्दावर राजनीतिक फैमिली से है, जो कम से बीते तीन दशकों से तो इस क्षेत्र में सक्रिय है ही, साथ ही 3 बार इस सीट पर उनका वर्चस्व भी रहा है. विक्रमादित्य सिंह के लिए आसान यह है कि यहां पहले से उनके परिवार को राजनीतिक बढ़त हासिल है, उनका सामना पहली बार चुनावी मैदान में उतरी प्रत्याशी से है, जिसके पास अभी तक सिर्फ एक ही प्लस पॉइंट है कि वह चर्चित चेहरा हैं, मंडी की जनता किस पर भरोसा जताएगी इसका खुलासा तो 4 जून की तारीख ही करेगी.

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