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'सूखा और बाढ़ से राहत के बदले कर्नाटक की जनता को मिला लोटा...', विज्ञापन के जरिए कांग्रेस ने BJP पर साधा निशाना

कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कर्नाटक के लोगों के अकाउंट में 15 लाख रुपये जमा करने, किसानों की आय दोगुनी करने, टैक्स और राज्य को सूखा और बाढ़ राहत देने के बदले 'चोंबू' मिला है.

विज्ञापन के जरिए कांग्रेस का बीजेपी पर निशाना (फाइल फोटो) विज्ञापन के जरिए कांग्रेस का बीजेपी पर निशाना (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • बेंगलुरु,
  • 19 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 9:46 PM IST

कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस ने शुक्रवार को एक व्यंग्यात्मक अभियान शुरू किया और सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन जारी किया. इसमें आरोप लगाया गया कि मोदी सरकार ने कर्नाटक को उपहार में 'चोंबू' दिया है. कन्नड़ भाषा के इस शब्द का मतलब होता है- पानी का गोल बर्तन, जिसको हिंदी में 'लोटा' कहा जाता है. कांग्रेस ने इस शब्द का इस्तेमाल धोखे और खालीपन के प्रतीक के रूप में किया है.

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विज्ञापन के पेज में स्टील से बने गोल पानी के बर्तन की तस्वीर के साथ कन्नड़ में लिखा है, "कर्नाटक को मोदी सरकार का उपहार- चोम्बू!"

ಬಿಜೆಪಿಯವರು ಕನ್ನಡಿಗರಿಗೆ ಚೊಂಬು ನೀಡಿರುವಾಗ ಕನ್ನಡಿಗರು ಬಿಜೆಪಿಗೆ ಮರಳಿ ಅದೇ ಚೊಂಬನ್ನೆ ನೀಡಬೇಕಲ್ಲವೇ!#ಕೈಜೋಡಿಸಿ_ಜೀವನಬದಲಿಸಿ pic.twitter.com/gwDQEh0ihO

— Karnataka Congress (@INCKarnataka) April 19, 2024

'जनता से कांग्रेस की अपील!'

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के लोगों के अकाउंट में 15 लाख रुपये जमा करने, किसानों की आय दोगुनी करने, टैक्स और राज्य को सूखा और बाढ़ राहत देने के वादों के बदले 'चोंबू' मिला है. कांग्रेस ने राज्य के मतदाताओं से अपील की है कि “राज्य में 27 बीजेपी और जेडी(एस) सांसदों का योगदान ‘चोंबू’ है. आइए इस चुनाव में बीजेपी को 'चोंबू' दें.'' 

यह भी पढ़ें: कर्नाटक: लोकसभा चुनाव से पहले BJP को झटका, सांसद कराडी संगन्ना ने दिया इस्तीफा

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बीजेपी ने किया पलटवार

इस पर पलटवार करते हुए कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, इस गर्मी में बेंगलुरु के लोगों को एक चोंबू पानी भी देने के खिलाफ है. पार्टी अपने विज्ञापन से लोगों को गुमराह कर रही है. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कावेरी नदी का पूरा पानी तमिलनाडु के लिए बहा दिया और कन्नडिगाओं को खाली 'चोंबू' दे दिया.

विजयेंद्र ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि सूखे की वजह से फसलें सूखने के बाद किसानों को 'चोंबू' मिला और अनुसूचित जातियों/जनजातियों के कल्याण के लिए निर्धारित धन को डायवर्ट किए जाने पर दलित समुदायों को 'चोंबू' मिला.
 

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