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लोकसभा चुनाव के लिए यूं ही नहीं रखा है BJP ने 'मिशन 370', जानिए कैसे पहुंचेगा NDA 400 पार

लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 370 सीटों का लक्ष्य खुद के लिए रखा है जबकि एनडीए को मिलाकर यह लक्ष्य 400 सीटों का है. भाजपा ने यूं ही लक्ष्य तय नहीं किया हुआ है बल्कि इसके लिए एक खास रणनीति भी तैयार की है, जिस पर पिछले लंबे समय से काम किया जा रहा है.

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए रखा है 370 सीटों का लक्ष्य बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए रखा है 370 सीटों का लक्ष्य
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 25 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:37 PM IST

पीएम मोदी ने 2024 लोक सभा चुनाव के लिए बीजेपी का बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है. पीएम मोदी ने कहा है कि बीजेपी 370 का आंकड़ा पार कर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि देगी जबकि सहयोगी दलों के साथ 400 का आंकड़ा पार होगा. हालांकि आज के हालात में बीजेपी के लिए 370 सीटें पार करना चुनौतीपूर्ण लगता है. बीजेपी उत्तर और पश्चिम भारत में पिछले दो लोक सभा चुनावों में चरम पर पहुंच गई है.

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जाहिर है अगर बीजेपी को अपनी संख्या बढ़ानी है तो न केवल मौजूदा ताकत बनाकर रखनी होगी बल्कि नई सीटें भी जीतनी होंगी. बीजेपी पिछले दो साल से उन 161 सीटों पर काम कर रही है जहां उसे या तो हार मिली या फिर कम मार्जिन से जीती. इसके अलावा क्लस्टर बना कर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों और अन्य नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है.

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ओडिशा पर भी नजर

पूर्व में ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी बड़ा लक्ष्य लेकर चल रही है. बीजेपी ने 2019 लोकसभा चुनाव में ओडिशा में  8 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी नेतृत्व ने पिछले चार साल में ओडिशा को लेकर फोकस करके रणनीति बनाई और इसके तहत ग्राउंड पर काम किया है. इसी कारण बीजेपी को उम्मीद है कि इस बार 10 या 12 सीटों पर जीत मिल सकती है.

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बंगाल से है ज्यादा उम्मीद

पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 18 सीटों पर जीत हासिल की थी .बीजेपी के बंगाल मिशन के तहत ममता बनर्जी सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ मुहिम चलाई है. पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव बाद यहां बीजेपी ही टीएमसी के खिलाफ मुख्य प्रतिद्वंदी है . 2014 के आम चुनाव की तुलना में 2019 में पीएम मोदी का जादू बंगाल की जनता के दिलो दिमाग पर और ज़्यादा सिर चढ़कर बोला था . बीजेपी को बंगाल में 20 से 25 लोकसभा सीटे जीतने की उम्मीद हैं.

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मिशन साउथ

बीजेपी 370 तभी पार कर पाएगी जब मौजूदा सीटें बरकरार रखने के अलावा दक्षिण और पूर्व में अपनी ताकत बढ़ाए.इसके लिए तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बीजेपी की नजरें हैं. दक्षिण में कर्नाटक और तेलंगाना को छोड़ कर केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश, लक्षद्वीप और पुदुचेरी में बीजेपी की कोई लोकसभा सीट नहीं है.दक्षिण के 131 सीटों में बीजेपी के पास अभी केवल 29 सीटें हैं और इनमें से भी 25 अकेले कर्नाटक से हैं. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से मिली हार से सबक लेते हुए बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अपने गढ़ को बचाने के लिए जेडीएस को एनडीए में शामिल कराया.

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आंध्र प्रदेश में टीडीपी और जन सेना से गठबंधन होना तय माना जा रहा है . बीजेपी आंध्र प्रदेश में गठबंधन के सहारे अपना खाता खोलना चाहती हैं और एनडीए की ताक़त भी बढ़ाना चाहती है. तमिलनाडु और केरल में बीजेपी पूरी ताकत लगा रही है.पीएम मोदी दो महीने में तीसरी बार तमिलनाडु का दौरा करेंगे. बीजेपी की नजरें तमिलनाडु की 6 सीटों- रामनाथपुरम, शिवगंगा, मदुरै, थेनी, विरुधनगर, कन्याकुमारी पर हैं. इसके अलावा पार्टी की नजर केरल की चार सीटों- त्रिशूर, तिरुवंतपुरम, पथनामाथिट्टा, अटिंगल पर भी हैं.

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उत्तर और पश्चिम में भी गठंबंधन को मजबूत करने पर जोर

उत्तर और पश्चिम भारत के साथ-साथ बीजेपी उत्तर प्रदेश में भी अपनी संख्या बढ़ाना चाह रही है. इसीलिए केंद्र और उतर प्रदेश सत्ता में होने के बावजूद दारा सिंह चौहान को पार्टी में शामिल कराया और ओमप्रकाश राजभर से गठबंधन किया और अब जयंत चौधरी की आरएलडी गठबंधन कर रहीं है. बिहार में नीतीश कुमार की वापसी के बाद बीजेपी को उम्मीद है कि 2019 का प्रदर्शन दोहरा सकते हैं. साथ ही महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी में टूट के बाद बीजेपी मजबूत स्थिति में नजर आ रही है. इसके बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण बीजेपी में शामिल करा ये संदेश दिया कि पार्टी किसी भी तरह का जोखिम लेने के मूड नहीं हैं.

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इसके अलावा बीजेपी सीट दर सीट रणनीति तैयार कर रही है. पार्टी एक-एक सीट का हिसाब कर दूसरी पार्टियों के ऐसे नेताओं पर डोरे डाल रही है जो उन सीटों पर मजबूत हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में पार्टी आलाकमान चाहता है कि बीजेपी के समुद्र में नदियों और दरियां के शामिल होने सिलसिला 2024 के बाद भी यूं ही चलता रहें और कांरवा बढ़ता रहें.
 

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