
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बैंक अकाउंट फ्रीज किए जाने पर कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी कोषाध्यक्ष अजय माकन समेत अन्य दिग्गजों ने सिलसिलेवार आयकर विभाग की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. कांग्रेस ने बैंक अकाउंट फ्रीज किए जाने से मुश्किलें और चुनौतियां भी गिनाईं. सोनिया गांधी ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी को 'पंगु' बनाने की कोशिश की जा रही है.
राहुल गांधी ने कहा कि पैसे नहीं होने से नेताओं को दूसरे शहर तक नहीं भेज पा रहे हैं. रेल टिकट तक नहीं खरीद पा रहे हैं. अजय माकन का कहना था कि पार्टी चुनावी पैम्फलेट तक नहीं छपवा पा रही है. विज्ञापन बुक नहीं कर पा रहे हैं. चुनावी तैयारियां नहीं कर पा रहे हैं. कांग्रेस नहीं, लोकतंत्र को फ्रीज कर दिया गया है. हमें असहाय बनाकर चुनाव में उतारना चाहते हैं.
खड़गे ने क्या कहा...
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव होना जरूरी है. निष्पक्ष चुनाव के लिए लेवल प्लेइंग फील्ड होना जरूरी है. पिछली दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड की सच्चाई निकलकर सामने आई है. किसी भी लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव जरूरी होते हैं. सभी राजनीतिक दलों के लिए लेवल प्लेइंग फील्ड होनी चाहिए, समान अवसर होने चाहिए. ये जरूरी है, ये नहीं कि एक दल की मोनोपॉली हो. हम बराबरी से चुनाव ना लड़ पाएं, इसलिए खाते सीज कर दिए हैं. एक राजनीतिक दल को चुनाव लड़ने में बाधा उत्पन्न कर खतरनाक खेल खेला गया है. हर तरफ सिर्फ इनका ही विज्ञापन लगा है, उसमें भी मोनोपोली है. बीजेपी के हर जगह फाइव स्टार दफ्तर हैं. सरकार के चुनावी खर्चे का कोई हिसाब नहीं है. बीजेपी ने कभी खाते की डिटेल्स नहीं दी है. सिर्फ हमसे खाते की जानकारी चाहते हैं. चुनाव बराबरी पर होना चाहिए. बीजेपी कभी टैक्स नहीं देती है, लेकिन हमसे मांगती है. कांग्रेस के फ्रीज खातों को बहाल किया जाए. हमारा खाता फ्रीज करना अलोकतांत्रिक है.
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लेवल प्लेइंग फील्ड का अर्थ है ऐसी सिचुएशन जिसमें किसी प्रतियोगिता में सभी के लिए संसाधन/स्थितियां एक समान हों... यह वाक्य अक्सर राजनीति और व्यवसाय में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए उपयोग किया जाता है.
खड़गे ने आगे कहा, जो लोग सत्ता में हैं उनका संसाधनों पर एकाधिकार नहीं होना चाहिए. सत्ता में बैठे लोगों का ईडी, आईटी जैसी एजेंसियों पर नियंत्रण नहीं होना चाहिए. 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है. सभी इसके लिए तैयार हैं. भारत लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए जाना जाता है. स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव अनिवार्य है. समान अवसर उपलब्ध होना आवश्यक है. किसी राजनीतिक दल को असहाय बनाकर चुनाव लड़ने को फ्री गेट नहीं कहा जा सकता है. इनके खर्चे का कोई हिसाब नहीं है. गलत ढंग से पैसा उठा रही है. एक मीटिंग में चार-चार फ्लाइट से जाते हैं और कैसा खर्च होता है कोई हिसाब नहीं है.
सोनिया गांधी ने क्या कहा..
सोनिया गांधी ने कहा, ये काफी गंभीर मसला है. ये मुद्दा लोकतंत्र पर असर डाल रहा है. बीजेपी से कभी कोई टैक्स नहीं मांगा जाता है. कांग्रेस का वित्तीय रूप से कमजोर करना चाहते हैं. कांग्रेस को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा एक व्यवस्थित प्रयास किया जा रहा है. जनता द्वारा एकत्रित किया गया पैसा रोक दिया गया है, हमारा पैसा जबरन छीन लिया गया है. अधिकांश चैनलिंग परिस्थितियों में भी हम अपने चुनाव अभियान की प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं. एक तरफ चुनावी बॉन्ड का मामला है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है. सभी जानते हैं कि जांच एजेंसियों ने बीजेपी को बड़े पैमाने पर फायदा पहुंचाया है. दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल की वित्तीय स्थिति पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. यह सब अलोकतांत्रिक है.
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राहुल गांधी ने क्या कहा...
एक माह पहले हमारे सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए थे. कोई अदालत नहीं, किसी ने कुछ नहीं कहा. हम 20 फीसदी लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं. 20 प्रतिशत इंडिया हमारे को वोट करता है और हम दो रुपए नहीं दे सकते हैं. हमारे नेता यात्रा नहीं कर सकते हैं, हम विज्ञापन नहीं दे सकते हैं. इश्यू 14 लाख का है, उन्होंने हम पर 200 करोड़ का जुर्माना लगाया है. यह एक आपराधिक कृत्य है, जो पीएम ने किया है. अदालत और चुनाव आयोग कुछ नहीं कह रहे हैं, उन सभी को इसमें भूमिका निभानी चाहिए. कांग्रेस को कमजोर करने के लिए सब कुछ किया जा रहा है. यह बैंक खाते फ्रीज नहीं किए गए, बल्कि भारतीय लोकतंत्र को फ्रीज किया गया है.
आप कल्पना कीजिए, अगर आपकी पूरी वित्तीय व्यवस्था खत्म कर दी जाये. कांग्रेस के साथ यही किया जा रहा है. हम कोई भी काम नहीं कर सकते हैं. हमारे नेता एयर टिकट नहीं ले सकते हैं. वे रेल टिकट भी नहीं खरीद सकते हैं. यह चुनाव से पहले किया जा रहा है. यह पीएम और गृह मंत्री द्वारा किया जा रहा है. आज भारत में लोकतंत्र नहीं है. भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है, यह सरासर झूठ है. एक महीने पहले कांग्रेस के सारे अकांउट फ्रीज कर दिए.
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अजय माकन क्या बोले...
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा, ये भारत के लोकतंत्र पर हमला है. कांग्रेस अपने फंड का उपयोग नहीं कर पा रही है. प्रमुख विपक्षी दल कोई खर्च नहीं कर पा रहा है. चुनाव लड़ने से रोकने के लिए 30-35 साल पुराने मामले खंगाले जा रहे हैं. हम अपने बैंक में जमा 285 करोड़ रुपए का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. पब्लिसिटी के लिए पैसे की जरूरत है. लेकिन पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं. साल 1994-95 का नोटिस हमारे पास आया. आयकर अधिकारियों द्वारा हमारे खातों से जबरदस्ती 115 करोड़ रुपये बैंकों से ट्रांसफर करवा लिए गए हैं. 14.40 लाख कुल राशि है जो स्कैनिंग के अधीन है और जुर्माना 110 करोड़ से अधिक है. कांग्रेस इस नोटिस की टाइमिंग पर सवाल उठा रही है. 30 साल पुराने असेसमेंट से जुड़ा मामला अब उठाया जा रहा है.
माकन ने कहा, 2017-2018 के मामले को बेस बनाकर खाते फ्रीज कर दिए. सात साल पुराने केस में आज बैंक खाते कैसे फ्रीज किए जा सकते हैं और अब एक्शन क्यों लिया गया है. 30 पुराना हिसाब निकालकर खाते फ्रीज किए जा रहे हैं. हर पार्टी माफी के दायरे में आती है तो सिर्फ कांग्रेस को क्यों चुना जा रहा है. हमारे कुल खर्च 199 करोड़ रुपए में 14 लाख 40 हजार रुपए कैश के रूप में आए थे. ये पैसे सांसद-विधायकों ने अपनी सैलरी के रूप में दिए थे. कुल पैसे की 0.7 प्रतिशत की अनियमितता की वजह से 106 फीसदी यानी 210 करोड़ की पेनल्टी लगा दी गई है. कानूनन, 10 हजार रुपए की पेनल्टी ली जा सकती है. लेकिन हमारा 210.25 करोड़ का फाइन मार्क कर दिया गया. हमारे खातों से 115 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवा दिए गए हैं. हम अपना प्रचार नहीं कर पा रहे हैं. हम आप सबसे कहना चाहते हैं कि अगर आज समर्थन नहीं करेंगे तो लोकतंत्र जिंदा नहीं रहेगा.
106 फीसदी पेनल्टी किस मामले में लगाई गई?
- कांग्रेस का कहना है कि 14 लाख 40 हजार की अनियमितता का मामला है. लेकिन आयकर विभाग ने इसमें 106 फीसदी पेनल्टी (210 करोड़ रुपए) लगा दी है. इस पर ज्यादा से ज्यादा 10 हजार रुपए तक का जुर्माना लिया जा सकता था. लेकिन हमारा 210.25 करोड़ का फाइन मार्क कर दिया गया. इतना ही नहीं, हमारे बैंक खातों से 115 करोड़ रुपए ट्रांसफर भी करवा दिए हैं.
- कांग्रेस का तर्क है कि 2018-19 चुनावी वर्ष था. उस चुनावी वर्ष में कांग्रेस के 199 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. उसमें से 14 लाख 40 हजार (सिर्फ 0.07 प्रतिशत) रुपए कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने अपने वेतन का हिस्सा जमा करवाया था. ये पैसा कैश में जमा किया गया था. कैश में पैसा आने की वजह से आयकर विभाग ने कांग्रेस पर 210 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगा दी है.
- इस पेनल्टी को लेकर कांग्रेस दूसरी वजह भी गिनाती है और पूरा मामला 2018-2019 के इनकम टैक्स रिटर्न से जोड़कर भी देखती है. अजय माकन के मुताबिक, कांग्रेस को 31 दिसंबर 2019 तक अपने अकाउंट से संबंधित जानकारी आयकर विभाग को देनी थी. उस समय 40-45 दिन लेट रिटर्न सब्मिट किया था. कांग्रेस का तर्क है कि आमतौर पर भी लोग 10-15 दिन लेट हो जाते हैं. ऐसे में छूट नीति का लाभ दिया जाना चाहिए था. लेकिन, आयकर विभाग ने कांग्रेस से पेनल्टी के तौर पर 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है.